Sunday, April 20, 2025

वायरल फीवर का प्रकोप तापमान में उतार-चढ़ाव से बढ़ी बीमारियाँ

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रायपुर। मौसमी बदलाव के चलते सेहत पर असर पड़ना स्वाभाविक है, लेकिन इस बार वायरल फीवर का प्रकोप चिंता का विषय बन गया है। पिछले दो हफ्तों से बुखार, सर्दी-खांसी, और गले में दर्द के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। शहर के प्रमुख अस्पतालों और क्लीनिकों में मरीजों की कतारें लगी हुई हैं। डॉक्टरों के अनुसार, मौसम में अचानक हो रहे बदलाव, जैसे तेज धूप के बाद बारिश और फिर उमस, ने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को बढ़ा दिया है।

 

वायरल फीवर: लक्षण और कारण

बुखार, जिसे सामान्यतः शरीर का तापमान 38°C (100.4°F) या इससे अधिक होने पर कहा जाता है, शरीर के इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया होती है। वायरल इंफेक्शन के कारण होने वाले बुखार को वायरल फीवर कहते हैं। इस बार का वायरल फीवर अधिक गंभीर है और इससे उबरने में तीन-चार दिन के बजाय सात से दस दिन का समय लग रहा है।

मौसम का प्रभाव

मौसम के उतार-चढ़ाव से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे वायरस आसानी से अटैक कर सकते हैं। पिछले 15 दिनों में तापमान में पांच से सात डिग्री तक के बदलाव ने भी बीमारियों को बढ़ावा दिया है। दिन में तेज धूप, शाम को बारिश और फिर उमस से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।

अस्पतालों में भीड़

सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है। सिम्स अस्पताल के चिकित्सकों के मुताबिक, पहले जहां दिनभर में 20-25 मरीज वायरल के आते थे, अब यह संख्या 100 से अधिक हो गई है। पिछले सप्ताह सिम्स और जिला अस्पताल में पहुंचे मरीजों की संख्या निम्नलिखित है

दिन सिम्स जिला अस्पताल
मंगलवार 1409 489
बुधवार 1345 432
गुरूवार 1542 489
शुक्रवार 1467 451
शनिवार 1289 402
सोमवार 1649 509

लीकेज पाइप लाइन से बढ़ रहे डायरिया के मरीज

शहर के स्लम एरिया में ही नहीं, अब रिहायसी क्षेत्रों में भी डायरिया के मरीज बढ़ रहे हैं। जांच में पाया गया है कि नगर निगम के पाइपलाइन में लीकेज के कारण यह बीमारी फैल रही है। पाइपलाइन नालियों से होकर गुजरती है, जिसमें जगह-जगह लीकेज हैं। यह लीकेज पानी सप्लाई के दौरान दूषित पानी को खींचकर घरों तक पहुंचा रही हैं, जिससे लोग डायरिया से बीमार हो रहे हैं।

मौसम और सेहत: डॉक्टरों की सलाह

डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में अचानक होने वाले बदलावों से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। भीगने से बचें, गर्मी और उमस से बचने के उपाय करें और ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचें। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए संतुलित आहार और पर्याप्त नींद लें। साथ ही, वायरल फीवर के लक्षणों को गंभीरता से लें और समय पर चिकित्सीय परामर्श प्राप्त करें।

सतर्कता और जागरूकता की जरूरत

इस समय में, सतर्कता और जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है। मौसम में हो रहे बदलाव के कारण स्वास्थ्य समस्याओं को अनदेखा न करें। किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।

आवश्यक स्वास्थ्य उपाय

  1. हाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें।
  2. साफ-सफाई: व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें और सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।
  3. पोषण: संतुलित आहार लें और विटामिन सी युक्त फलों का सेवन करें।
  4. आराम: पर्याप्त नींद लें और शरीर को आराम दें।
  5. मास्क और सैनिटाइज़र: बाहर जाते समय मास्क पहनें और हाथों को सैनिटाइज़ करें।

निष्कर्ष

मौसम में हो रहे बदलाव के कारण वायरल फीवर और डायरिया जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ा है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है और चिकित्सा सुविधाओं पर दबाव बढ़ रहा है। ऐसे में जरूरी है कि लोग सतर्क रहें, स्वास्थ्य का ध्यान रखें और समय पर चिकित्सीय सहायता प्राप्त करें। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को भी इन बीमारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि इस प्रकोप को रोका जा सके और लोगों की सेहत सुरक्षित रहे।

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