उत्तराखंड में मॉनसून की बारिश ने फिर से कहर बरपाया है। सप्ताह के अंत में उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री क्षेत्र में भारी बारिश के चलते यमुनोत्री धाम में स्थित पुरोहित सभा के कक्ष को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। इस भारी बारिश के बाद यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे नदी के किनारे बने कक्ष में नुकसान हुआ है। राहत व बचाव कार्य तेजी से जारी है और प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति को सामान्य करने में जुटा है।
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Toggleयमुनोत्री धाम में बारिश से नुकसान
गुरुवार रात को हुई मूसलाधार बारिश ने यमुनोत्री धाम में बड़ा नुकसान पहुंचाया है। यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण पुरोहित सभा के कक्ष को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। इसके साथ ही मंदिर समिति के जनरेटर और स्ट्रीट लाइटें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बारिश के कारण मंदिर के निचले इलाकों में मलबा भर गया है और राम मंदिर में पर्यटन विभाग का पंजीकरण केंद्र भी काफी प्रभावित हुआ है। जानकीचट्टी में पार्किंग क्षेत्र में पानी भर जाने के कारण एक बाइक और तीन खच्चर बह गए हैं। राहत की बात यह है कि अब तक किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है।
उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि यमुना नदी का जलस्तर सामान्य है और जनहानि की कोई सूचना नहीं है। प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है और प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है।
सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण सड़कें और पुल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रदेशभर में लगभग 100 सड़कों पर संचालन बंद हो गया है। यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर डाबरकोट, बनास, और हनुमानचट्टी के पास बोल्डर गिरने से सड़कें बाधित हो गई हैं। बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन के कारण पागलनानला, कंचनगंगा, और भनरपनी क्षेत्रों में मलबा आ गया है, जिससे ट्रैफिक संचालन पूरी तरह से बंद हो गया है। चमोली जिले के नंदप्रयाग में नंदानगर सड़क और कांडई पुल पूरी तरह से वॉशआउट हो गए हैं।
राहत और बचाव कार्य
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि एसडीएम बड़कोट को यमुनोत्री क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए भेजा गया है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं और प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। राहत की बात यह है कि अभी तक किसी प्रकार की जानमाल की हानि की सूचना नहीं है।
चमोली में भारी नुकसान
चमोली जिले में भी गुरुवार रात को बारिश के चलते भारी नुकसान हुआ है। भूस्खलन और नालों के उफान से कई मकानों को नुकसान पहुंचा है। गोपेश्वर बुराली में नाले के उफान से सात के करीब मकानों को काफी नुकसान हुआ है। प्रभावित लोगों ने रात में घरों से बाहर निकलकर सड़क पर रात बिताई। प्रशासन की टीम राहत और बचाव कार्य में जुट गई है और प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सहायता प्रदान करने की कोशिश की जा रही है।
ट्रैकिंग में फंसे ट्रैकर्स की स्थिति
रुद्रप्रयाग के मदमहेश्वर मंदिर ट्रैक पर गए ट्रैकर्स भारी बारिश के कारण फंस गए थे। ट्रैकर्स बनतोली गौंडार में मार्कंडेय नदी पर बने पुल के बह जाने से ट्रैक पर फंस गए थे। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार की निगरानी में उनका रेस्क्यू सफलतापूर्वक जारी है। दोपहर साढ़े 12 बजे तक 51 लोगों को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू किया गया है। इनमें उत्तर प्रदेश के 27 लोग, दिल्ली के आठ, आंध्र प्रदेश के दो, तेलंगाना का एक, गुजरात का एक श्रद्धालु शामिल है। इसके अलावा 12 स्थानीय निवासी और उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से आए पर्यटक भी रेस्क्यू किए गए हैं। अन्य सभी लोगों को भी सुरक्षित रेस्क्यू करने के प्रयास जारी हैं।
उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण उत्पन्न संकट की स्थिति को देखते हुए राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सहायता प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यमुनोत्री धाम में नदी के किनारे बने पुरोहित सभा के कक्ष को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है, लेकिन राहत की बात यह है कि अब तक किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है। चमोली और रुद्रप्रयाग के क्षेत्रों में भी राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। इस कठिन समय में स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम की तत्परता से प्रभावित लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।