नई दिल्ली – UPSC (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) के चेयरमैन मनोज सोनी ने अपने कार्यकाल के पाँच साल पहले ही इस्तीफा दे दिया है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सोनी ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है। लगभग पंद्रह दिन पहले सोनी ने अपना इस्तीफा सौंपा था, लेकिन अभी तक इसे स्वीकार नहीं किया गया है। उनके इस्तीफे ने न केवल प्रशासनिक जगत में बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र में भी हलचल मचा दी है।
इस्तीफे के पीछे की वजह
मनोज सोनी ने अपने इस्तीफे के पीछे व्यक्तिगत कारणों को बताया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, सोनी अब सामाजिक-धार्मिक गतिविधियों में अधिक समय देना चाहते हैं। हालांकि, यह भी स्पष्ट किया गया है कि उनका इस्तीफा UPSC में चल रहे विवादों और प्रशिक्षु IAS अधिकारी पूजा खेडकर मामले से संबंधित नहीं है। इस प्रकार, सोनी का इस्तीफा किसी विवाद या मुद्दे से प्रेरित नहीं है, बल्कि उनके व्यक्तिगत निर्णय का परिणाम है।
कार्यकाल और उपलब्धियां
मनोज सोनी ने मई 2023 में UPSC चेयरमैन का पदभार ग्रहण किया था और उनका कार्यकाल मई 2029 तक था। उन्होंने इस महत्वपूर्ण भूमिका को निभाने के बाद भी पदमुक्त होने की इच्छा व्यक्त की थी, जिसे उस समय स्वीकार नहीं किया गया था। अपने कार्यकाल के दौरान, सोनी ने UPSC में कई सुधार और नवाचारों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए।
शैक्षणिक करियर
मनोज सोनी ने तीन विभिन्न विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर के रूप में भी कार्य किया है। वे भारत के सबसे युवा वाइस चांसलर थे जब उन्होंने महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा में अप्रैल 2005 से अप्रैल 2008 तक यह पद संभाला था। इसके अलावा, उन्होंने डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी और स्वर्णिम गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में भी वाइस चांसलर के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं।
इस्तीफे का प्रभाव
मनोज सोनी के इस्तीफे का प्रभाव UPSC और प्रशासनिक सेवाओं पर भी पड़ सकता है। UPSC चेयरमैन के रूप में सोनी ने अपनी प्रतिबद्धता और नेतृत्व से कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लिए थे। उनके इस्तीफे से यह पद खाली हो जाएगा और नए चेयरमैन की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस महत्वपूर्ण पद के लिए किसे नियुक्त करती है और आगे की रणनीति क्या होती है।
व्यक्तिगत जीवन और भविष्य की योजनाएं
मनोज सोनी का इस्तीफा यह भी संकेत देता है कि वे अपने व्यक्तिगत जीवन में अधिक समय देना चाहते हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार, वे सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में अधिक समय देने की योजना बना रहे हैं। सोनी के इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि वे अपनी जिम्मेदारियों और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं। उनकी भविष्य की योजनाओं में सामाजिक कार्यों और धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी शामिल है।
इस्तीफे की प्रतिक्रिया
मनोज सोनी के इस्तीफे पर विभिन्न विशेषज्ञों और प्रशासनिक अधिकारियों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। कई लोग उनके फैसले का सम्मान कर रहे हैं और उनके द्वारा UPSC में किए गए सुधारों की सराहना कर रहे हैं। वहीं, कुछ लोग इस इस्तीफे को UPSC के लिए एक चुनौती के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि सोनी के नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण पहलें शुरू की गई थीं।
UPSC में भविष्य की दिशा
मनोज सोनी के इस्तीफे के बाद, UPSC के सामने कई चुनौतियाँ होंगी। नए चेयरमैन की नियुक्ति और उनके द्वारा उठाए जाने वाले कदम UPSC की भविष्य की दिशा को निर्धारित करेंगे। सोनी के कार्यकाल में शुरू किए गए सुधारों को आगे बढ़ाने और नए नीतिगत फैसले लेने की आवश्यकता होगी।