वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024 को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश करेंगी। आम चुनावों के बाद आने वाले इस बजट पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं। बजट के हर एक रुपये का स्रोत और खर्च की जानकारी जानना महत्वपूर्ण है। आइए, पिछले बजट के आंकड़ों के आधार पर समझते हैं कि बजट में पैसा कहाँ से आता है और कहाँ खर्च होता है।
विस्तार
1. बजट की संरचना:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024 को आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट लोकसभा में पेश करने वाली हैं। यह बजट आम चुनावों के बाद पहला प्रमुख बजट होगा, जिससे पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं। बजट का उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना, विकास योजनाओं को लागू करना, और नागरिकों की भलाई को सुनिश्चित करना है।
2. बजट का स्रोत:
आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप ने हाल में ही अपनी फिल्म ‘शर्माजी की बेटी’ से बतौर फिल्म निर्देशक अपने करियर की शुरूआत की है। इस फिल्म के प्रीमियर के दौरान उन्हें काफी सराहना भी मिली थी। अब उन्होंने अपनी पहली फिल्म से ही एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। उनकी फिल्म ने ऑरमैक्स की रैंकिंग में तेजी से ऊपर चढ़ते हुए इस सप्ताह के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले 5 ओटीटी शो और फिल्मों में शामिल हो गई है। महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर बनाई गई यह फिल्म मध्यम वर्गीय महिलाओं के जीवन पर प्रकाश डालती है।
फरवरी 2024 में वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट पेश किया था, जिसमें 47.66 लाख करोड़ रुपये का बजट था। इस बजट को आधार बनाकर यह समझा जा सकता है कि बजट के हर एक रुपये में कितना हिस्सा कहाँ से आया और कहाँ गया।
- ऋण और अन्य देनदारियाँ: बजट के एक रुपये में 28 पैसे ऋणों और अन्य देनदारियों के रूप में जुटाए गए।
- आयकर (Income Tax): 19 पैसे आयकर से आए।
- माल व सेवा कर (GST) और अन्य कर: 18 पैसे।
- निगम कर (Corporation Tax): 17 पैसे।
- ऋण भिन्न प्राप्तियाँ (Non-Tax Receipts): 7 पैसे।
- केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Union Excise Duties): 5 पैसे।
- सीमा शुल्क (Customs): 4 पैसे।
- ऋण भिन्न पूंजी प्राप्तियाँ (Non-Debt Capital Receipts): 1 पैसा।
3. बजट का खर्च:
पिछले बजट के अनुसार, सरकार के पास आने वाले प्रत्येक रुपये में से कितना खर्च होता है, यह निम्नलिखित है:
- ऋणों की अदायगी (Interest Payments): 20 पैसे।
- राज्यों की हिस्सेदारी (States’ share of Taxes and Duties): 20 पैसे।
- केंद्रीय योजनाएं (Central Sector Schemes, रक्षा और आर्थिक सहायता को छोड़कर): 16 पैसे।
- केंद्र प्रायोजित योजनाएं (Centrally Sponsored Schemes): 8 पैसे।
- रक्षा क्षेत्र (Defence): 8 पैसे।
- वित्त आयोग और अन्य अंतरण मद (Central Sector Schemes): 8 पैसे।
- आर्थिक सहायता (Subsidies): 6 पैसे।
- पेंशन मद (Pensions): 4 पैसे।
- अन्य मद (Other Expenditure): 9 पैसे।
4. मंत्रालयों को आवंटित राशि:
पिछले बजट में विभिन्न मंत्रालयों को दी गई राशि इस प्रकार है:
- रक्षा मंत्रालय: 6.2 लाख करोड़ रुपये।
- सड़क, राजमार्ग और परिवहन: 2.78 लाख करोड़ रुपये।
- रेल मंत्रालय: 2.55 लाख करोड़ रुपये।
- उपभोक्ता मामले: 2.13 लाख करोड़ रुपये।
- गृह मंत्रालय: 2.03 लाख करोड़ रुपये।
- ग्रामीण विकास: 1.77 लाख करोड़ रुपये।
- रसायन और उर्वरक: 1.68 लाख करोड़ रुपये।
- संचार मंत्रालय: 1.37 लाख करोड़ रुपये।
- कृषि और किसान कल्याण: 1.27 लाख करोड़ रुपये।