तीन साल पहले, चाकाबुड़ा के पास सोंघी नाला में कटघोरा-दीपका मार्ग पर एक पुल का निर्माण किया गया था। यह पुल मौसमी बदलाव के चलते वर्षों में लबालब हो गया है, जिससे यहां के लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पुल का निर्माण करते समय उठाए गए कई समस्याओं में से एक बड़ी समस्या है पुल के आसपास की परिस्थितियाँ। यहां पर सोंघी नाला के जलस्तर में तेजी से बदलाव होते हैं, खासकर मौसमी बारिशों में। पानी के लेवल के वारंट के समय पुल के पार करना लोगों के लिए बड़ी चुनौती बन जाता है। इसके परिणामस्वरूप, यातायात में बाधा होती है और सुरक्षा का खतरा भी बढ़ जाता है।
पुल के निकट स्थित यह सोंघी नाला एक प्राकृतिक नदी है जिसका पानी अनियमित तालिका पर बढ़ता है और इसके पानी का स्तर बारिश के दौरान बहुत तेजी से बदल सकता है। इसके कारण, पुल के निकट कई बार बारिश के दौरान पानी की बहाव की स्थिति में लोगों को खतरा हो सकता है। इस समस्या का समाधान करने के लिए पुल के पास पानी निकासी के लिए कोई उपाय नहीं है, जिसके कारण लोगों को अक्सर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
चाकाबुड़ा और दीपका मार्ग के इस सेक्शन में यातायात के दौरान बढ़ी हादसों की रिपोर्ट भी मिली हैं, जो पुल के पार करते समय समस्याओं को और भी गंभीर बना देती हैं। यहां के लोगों ने बदलते मौसम के लिए सुरक्षित उपाय और निर्माण की आवश्यकता को उठाया है, ताकि यहां के पुल का निर्माण मानकों के अनुसार हो सके।
इस समस्या का समाधान के लिए स्थानीय निकाय और प्रशासन ने अब तक कोई ठोस योजना नहीं बनाई है। यहां के लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार अपनी समस्या को स्थानीय अधिकारियों को प्रस्तुत किया है, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। यह समस्या सिर्फ यातायात की समस्या ही नहीं है, बल्कि यह स्थानीय लोगों की सुरक्षा और सुविधा का भी सवाल है।
इस समस्या के समाधान के लिए व्यापक रूप से निर्माण कार्यों की जरूरत है, जिसमें पुल के पास पानी निकासी के लिए सुरक्षित उपाय हों ताकि यात्रियों को सुरक्षित रूप से पुल पार करने में मदद मिल सके। इस समस्या का समाधान न केवल स्थानीय लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे सभी पारिस्थितिकी और यातायात के नियमों का पालन करने में भी मदद मिलेगी।