मुंगेली: शिवनाथ नदी में मछलियों की बड़ी संख्या में मौत ने स्थानीय लोगों को चौंका दिया है। सरगांव थाना क्षेत्र से गुजरने वाली इस नदी में अचानक इतनी अधिक संख्या में मछलियों का मर जाना पर्यावरणीय चिंता का विषय बन गया है। लोगों का कहना है कि समीपस्थ शराब फैक्ट्री से निकले दूषित पानी के कारण यह हादसा हुआ है।
हाइलाइट्स:
- शिवनाथ नदी में बड़ी संख्या में मछलियां मरी हुई पाई गईं।
- शराब फैक्ट्री से निकले दूषित पानी को मौत का कारण माना जा रहा है।
- एसडीएम ने पर्यावरण बोर्ड को पत्र लिखने की बात कही।
घटना का विवरण
सरगांव थाना क्षेत्र के निवासियों ने देखा कि शिवनाथ नदी का पानी मटमैला और बदबूदार हो गया है। जब स्थानीय लोग नदी के पास पहुंचे, तो उन्हें बड़ी संख्या में मरी हुई मछलियां दिखीं। यह दृश्य देखकर वे तुरंत समझ गए कि कुछ गंभीर गलत हो गया है। समीप की शराब फैक्ट्री से निकला दूषित पानी नदी में छोड़े जाने की संभावना जताई जा रही है।
शिकायत और प्रशासन की कार्यवाही
लोगों ने इस घटना की शिकायत तुरंत अधिकारियों से की। पथरिया एसडीएम भरोसा राम ठाकुर ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए पहले ही भाटिया शराब फैक्ट्री मर्चेंट के प्रबंधक को नोटिस जारी किया था। एसडीएम ने अपने नोटिस में फैक्ट्री से निकलने वाले दूषित पानी से जलीय जीव-जंतुओं के खतरे की आशंका जताई थी।
अब, लाखों मछलियों की मौत के बाद, पथरिया एसडीएम ने पर्यावरण बोर्ड को पत्र लिखने की बात कही है। एसडीएम भरोसा राम ठाकुर ने बताया कि इस मामले की जांच तेजी से की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासी इस घटना से बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब शराब फैक्ट्री से निकला दूषित पानी नदी में छोड़ा गया है। इससे पहले भी कई बार इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इस बार नुकसान बहुत बड़ा है। लोगों ने मांग की है कि शराब फैक्ट्री को तुरंत बंद किया जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
पर्यावरणीय प्रभाव
शिवनाथ नदी में हुई इस घटना ने पर्यावरणीय विशेषज्ञों को भी चिंतित कर दिया है। नदी में मरी मछलियों की संख्या बहुत अधिक है और इससे नदी की जैव विविधता पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। दूषित पानी के कारण नदी का पूरा पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो सकता है। जलीय जीव-जंतुओं के अलावा, आसपास के पेड़-पौधों और जमीन पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
सामाजिक प्रभाव
इस घटना का सामाजिक प्रभाव भी बहुत बड़ा है। शिवनाथ नदी के पानी का उपयोग स्थानीय लोग दैनिक कार्यों के लिए करते हैं, जिसमें पीने का पानी, सिंचाई और मवेशियों को पानी पिलाना शामिल है। दूषित पानी के कारण इन सभी कार्यों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। लोगों ने अब नदी का पानी उपयोग नहीं करने की अपील की है और वैकल्पिक जल स्रोतों की खोज शुरू कर दी है।
आगे की कार्यवाही
पर्यावरण बोर्ड और प्रशासन ने इस घटना की जांच के लिए एक संयुक्त टीम गठित की है। टीम जल्द ही घटना स्थल का दौरा करेगी और दूषित पानी के नमूने लेगी। इसके बाद, नमूनों की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
स्थानीय प्रशासन का कदम
स्थानीय प्रशासन ने आसपास के गांवों में जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत लोगों को दूषित पानी के खतरों के बारे में बताया जाएगा और उन्हें सुरक्षित जल स्रोतों का उपयोग करने की सलाह दी जाएगी। प्रशासन ने यह भी कहा है कि इस घटना के बाद शराब फैक्ट्री पर कड़ी नजर रखी जाएगी और भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे।