भिलाई। छत्तीसगढ़ के भिलाई में शराब कारोबार में निवेश का झांसा देकर 42 लाख रुपये की ठगी करने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि भोपाल के एक पिता-पुत्र ने सेक्टर-2 निवासी शशिधर कुमार पांडेय से शराब कारोबार में निवेश के नाम पर पैसे ऐठे। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपित पिता-पुत्र के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ठगी की योजना और उसके चरण
सतीश शुक्ला और उसके बेटे सचिन शुक्ला, दोनों निवासी सागर ग्रीन हील्स, कोलार रोड, भोपाल, ने भिलाई के सेक्टर-2 निवासी शशिधर कुमार पांडेय को शराब के कारोबार में निवेश के लिए आकर्षित किया। शशिधर पांडेय ने शिकायत में कहा कि जब वह अपने दोस्त के साथ मध्य प्रदेश के रीवा शहर में घूमने गया था, तो उसकी मुलाकात सतीश शुक्ला से हुई। सतीश ने पांडेय को बताया कि वह शराब का एक बड़ा व्यापारी है और शराब के कारोबार से उसने बहुत संपत्ति बनाई है।
सतीश ने पांडेय को यह आश्वासन दिया कि यदि वह अपने पैसे उसके कारोबार में निवेश करता है, तो उसे निवेश की रकम पर दो से तीन गुना लाभ होगा। पांडेय इस झांसे में आ गया और उसने सतीश से कहा कि वह भिलाई में अपने पैसे निवेश करेगा। फरवरी 2022 में, सतीश शुक्ला भिलाई आया और सेक्टर-6 स्थित सिविक सेंटर में पांडेय से मिला। पांडेय ने वहां अपने बैंक से दो लाख रुपये निकालकर सतीश को दिए।
इसके बाद, पांडेय ने आरटीजीएस के माध्यम से 39 लाख 99 हजार रुपये सतीश और सचिन शुक्ला के खातों में ट्रांसफर किए। यह रकम कुल मिलाकर 42 लाख रुपये बनती है। पांडेय को आश्वस्त किया गया था कि कुछ ही दिनों में उसकी निवेश की रकम पर अच्छा मुनाफा मिलेगा।
ठगी के बाद की स्थिति और शिकायत
निवेश के दो साल बाद भी जब सतीश और सचिन ने पांडेय को उसका पैसा वापस नहीं किया, तो पांडेय ने पैसे की मांग की। इसके बावजूद, आरोपितों ने पांडेय की मांग को नजरअंदाज कर दिया और पैसे लौटाने से साफ इन्कार कर दिया। पांडेय की परेशानियों को देखते हुए, उसने अंततः पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
भिलाई नगर पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपित सतीश शुक्ला और सचिन शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है और सभी संभावित सबूतों को इकट्ठा किया जा रहा है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
भिलाई पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि आरोपितों ने पांडेय के साथ धोखाधड़ी की योजना काफी चतुराई से बनाई थी। शराब कारोबार में निवेश का झांसा देकर उन्होंने पांडेय को आकर्षित किया और बड़ी रकम हड़प ली। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ ठगी, धोखाधड़ी और वित्तीय अपराध के अन्य आरोपों के तहत केस दर्ज किया है।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और आरोपितों को पकड़ने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। जांच के दौरान, यह पता लगाया जाएगा कि क्या इस ठगी में अन्य लोग भी शामिल हैं या नहीं। इसके अलावा, आरोपितों के बैंक खातों की जानकारी और लेन-देन की जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पूरी रकम का इस्तेमाल किस प्रकार किया गया।
समाज में जागरूकता और सावधानी
इस घटना ने यह दिखा दिया है कि निवेश के नाम पर लोगों को किस तरह से ठगा जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों से बचने के लिए लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और किसी भी निवेश के प्रस्ताव को स्वीकार करने से पहले पूरी तरह से जांच करनी चाहिए। शराब कारोबार में निवेश का झांसा देकर ठगना एक पुराना तरीका है, और इसके शिकार अक्सर लोग तब होते हैं जब वे आकर्षक मुनाफे के लालच में आ जाते हैं।
भविष्य की योजनाएं और अपेक्षाएं
भिलाई पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियों ने वादा किया है कि वे इस मामले की पूरी जांच करेंगे और आरोपितों को सजा दिलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। इसके साथ ही, पुलिस ने समाज के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और उन्हें किसी भी निवेश के प्रस्ताव को स्वीकार करने से पहले उसकी पूरी जानकारी और प्रमाणिकता की जांच करने की चेतावनी दी है।
जांच की प्रक्रिया के दौरान, पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि इस तरह की धोखाधड़ी की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके। इसके लिए, स्थानीय पुलिस थानों में नियमित जागरूकता अभियान और निवेश से संबंधित धोखाधड़ी के खिलाफ अभियान चलाए जाएंगे।