जगदलपुर सुकमा में देर रात दोनों जवानों का शव मेकाज पहुंचा। जिसके बाद पोस्टमार्टम होने के बाद गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। रात भर आला अधिकारियों की टीम मेकाज में मौजूद रही।
नक्सल हमला और उसकी पृष्ठभूमि
सुकमा जिले के जगरगुंडा में रविवार को नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी ब्लास्ट में कोबरा बटालियन के दो आरक्षक, शैलेन्द्र कुमार और विष्णु आर, शहीद हो गए। यह हमला तब हुआ जब ये जवान राशन सामग्री लेकर अपने कैम्प जा रहे थे। इस हमले की वजह से सुरक्षाबलों और प्रशासन के बीच एक बार फिर से नक्सलियों की कायराना हरकतों पर चर्चा शुरू हो गई है।
घटना का विवरण
23 जून की सुबह जगदलपुर के करनपुर से 201 कोबरा बटालियन के दो आरक्षक, शैलेन्द्र कुमार और विष्णु आर, राशन सामग्री लेकर टेकलगुड़ा कैम्प जा रहे थे। शैलेन्द्र कुमार 30 वर्ष के थे और उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के नबगांव गौतम गांव के निवासी थे। वहीं विष्णु आर 35 वर्ष के थे और केरल के तिलवेंद्रपुरम जिले के कुरुपूजा पोस्ट आफिस चिरंगतेल गांव के निवासी थे।
जब ये दोनों जवान टेकलगुड़ा कैम्प की ओर बढ़ रहे थे, तभी अचानक पहले से घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर दिया। इस धमाके में मौके पर ही दोनों आरक्षक शहीद हो गए।
घटना के बाद की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को मेकाज, जगदलपुर लाया गया। जहां देर रात जवानों के शव को एम्बोम्बिंग किया गया और पोस्टमार्टम के बाद शवों को ताबूत में रखा गया।
गार्ड ऑफ ऑनर और अंतिम विदाई
सोमवार की सुबह, जवानों का पार्थिव शरीर करनपुर स्थित कोबरा बटालियन के कैम्प लाया गया। यहां पर आला अधिकारियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। जवानों के अंतिम संस्कार की तैयारी में प्रशासन और सेना ने मिलकर काम किया। गार्ड ऑफ ऑनर के बाद शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को उनके गृहग्राम के लिए रवाना कर दिया गया।
शहीद जवानों का परिचय
शैलेन्द्र कुमार: शैलेन्द्र कुमार, 30 वर्ष के थे और उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के नबगांव गौतम गांव के निवासी थे। वे अपने परिवार के लिए एक मजबूत स्तंभ थे और उनके शहीद होने की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
विष्णु आर: विष्णु आर, 35 वर्ष के थे और केरल के तिलवेंद्रपुरम जिले के कुरुपूजा पोस्ट आफिस चिरंगतेल गांव के निवासी थे। वे अपने परिवार के साथ-साथ अपने गांव के लोगों के बीच भी काफी लोकप्रिय थे। उनकी शहादत की खबर से पूरा गांव गमगीन हो गया।
सुरक्षा बलों का संघर्ष
सुकमा जैसे क्षेत्रों में सुरक्षा बलों का काम बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काम करना और वहां की जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक कठिन कार्य है। कोबरा बटालियन के जवान इस कठिन परिस्थिति में भी देश सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई
इस घटना के बाद, सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ व्यापक स्तर पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। सुकमा क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती और बढ़ा दी गई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
श्रद्धांजलि और समर्थन
सोशल मीडिया पर भी शहीद जवानों के प्रति श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। लोग अपने-अपने तरीकों से शहीद जवानों को याद कर रहे हैं और उनके परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं।
शहीदों के परिवारों की स्थिति
शहीद जवानों के परिवारों की स्थिति बेहद दुखद है। उनके परिवारों को सरकार और सुरक्षा बलों द्वारा हर संभव सहायता का आश्वासन दिया गया है। परिवार के सदस्य अपने प्रियजनों की शहादत पर गर्व महसूस कर रहे हैं, लेकिन उनके जाने का दुख भी गहरा है।
नक्सलियों के खिलाफ सामूहिक विरोध
सुकमा की इस घटना के बाद, स्थानीय जनता ने नक्सलियों के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। लोगों ने नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय नेताओं और समाजिक संगठनों ने भी नक्सलवाद के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाई है।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और शहीद जवानों के परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री ने भी घटना की निंदा की और सुरक्षा बलों को नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया
सुरक्षा बलों ने अपने जवानों की शहादत को नमन करते हुए उनकी याद में संकल्प लिया है कि वे नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
सुकमा में हुए इस नक्सली हमले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि नक्सलियों का उद्देश्य केवल हिंसा फैलाना है। शैलेन्द्र कुमार और विष्णु आर की शहादत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा और उनका साहस और देशभक्ति हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी।