Monday, December 23, 2024

डोडा में सर्च ऑपरेशन सुरक्षा बलों की नई चुनौती

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जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के देसा वन क्षेत्र में सोमवार रात को सेना और आतंकियों के बीच एक घातक मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह ने शाम करीब 7:45 बजे इलाके में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। सुरक्षा बलों को मिली विशिष्ट खुफिया सूचनाओं के आधार पर इस अभियान की योजना बनाई गई थी।

मुठभेड़ के दौरान की घटनाएँ

मुठभेड़ के दौरान आतंकियों से संपर्क स्थापित होने के बाद रात लगभग 9 बजे से भारी गोलीबारी हुई। इस दौरान चार जवान गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें एक कैप्टन भी शामिल था। घायलों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन दुखद रूप से इलाज के दौरान चार जवानों ने दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया और अतिरिक्त सैनिकों को भेजा गया। सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है, ताकि आतंकियों को पकड़ा जा सके।

बलिदान देने वाले जवान

इस मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों में शामिल हैं:

  • कैप्टन बृजेश थापा
  • नायक डी राजेश
  • सिपाही बिजेंद्र
  • सिपाही अजय

इन वीर जवानों ने अपने कर्तव्य को निभाते हुए देश की रक्षा में अपनी जान की कुर्बानी दी।

रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटना के बाद सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात की। उन्होंने मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए जवानों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़े रहने की बात कही। राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, “डोडा में आतंकवाद विरोधी अभियान में हमारे बहादुर जवानों के बलिदान पर मुझे गहरा दुख हुआ है। आतंकवाद के अभिशाप को खत्म करने के लिए हमारे सैनिकों की प्रतिबद्धता जारी रहेगी।”

सेना प्रमुख का संदेश

भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने बलिदान देने वाले जवानों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि भारतीय सेना इस समय में शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है। सेना ने अपने संदेश में कहा, “कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय ने आतंकवाद विरोधी अभियान चलाते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।”

क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति

डोडा जिले में लगातार आतंकवादियों की गतिविधियाँ चिंता का विषय बनी हुई हैं। हाल के वर्षों में यहां कई मुठभेड़ें हो चुकी हैं, जिसमें सुरक्षा बलों ने अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकवादियों का सामना किया है। हालिया मुठभेड़ ने फिर से साबित कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति कितनी जटिल और चुनौतीपूर्ण है।

सर्च ऑपरेशन की स्थिति

मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को चारों ओर से घेर लिया है और सर्च ऑपरेशन जारी है। सुरक्षा बलों ने स्थानीय लोगों से भी सहयोग मांगा है और उन्हें इस कठिन समय में उनकी मदद करने के लिए प्रेरित किया है। अधिकारियों का कहना है कि यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक कि सभी आतंकियों को पकड़ नहीं लिया जाता।

स्थानीय प्रतिक्रिया

स्थानीय नागरिकों ने इस मुठभेड़ को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। कुछ स्थानीय निवासियों ने बताया कि इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी ने उन्हें हमेशा से असुरक्षित महसूस कराया है। उन्हें उम्मीद है कि सुरक्षा बल जल्द ही इलाके को सुरक्षित बनाएंगे।

सरकार की नीति

केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को मजबूत करने का संकल्प लिया है। सरकार का मानना है कि जब तक आतंकवाद का पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता, तब तक सुरक्षा बलों का यह अभियान जारी रहेगा।

अंतिम विचार

डोडा में हुई इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि हमारे सुरक्षा बल कितने समर्पित हैं। उनके बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा। यह मुठभेड़ न केवल एक कठिन चुनौती है, बल्कि यह उस संकल्प का प्रतीक है जो हमारे जवानों ने आतंकवाद के खिलाफ लिया है। राष्ट्र हमेशा उन वीर जवानों के परिवारों के साथ खड़ा रहेगा, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी।

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