सावन के पहले सोमवार और पहले दिन ही भगवान ओंकारेश्वर के दर्शन और अभिषेक के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश-विदेश से पहुंचे हैं। इस अवसर पर मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। आज भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर की सवारी भी निकाली जाएगी, जो श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र होगी।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और विशेष व्यवस्थाएँ
सावन माह के पहले सोमवार की सुबह चार बजे मंदिर के पट खुलते ही ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लग गया। श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या के चलते मंदिर परिसर के भीतर और बाहर लंबी कतारें लग गईं। रविवार को गुरु पूर्णिमा होने के कारण भी श्रद्धालुओं की भीड़ अत्यधिक थी। अनुमानित 75 हजार श्रद्धालुओं ने रविवार को दर्शन किए। सोमवार को भी लगभग 50 हजार श्रद्धालुओं के पूजन दर्शन करने की संभावना है। इस भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा और सुविधा के लिए आवश्यक तैयारियाँ की हैं।
विशेष पूजन और अभिषेक समारोह
ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट के पंडित आशीष दीक्षित ने बताया कि सावन सोमवार को भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का पूजन और अभिषेक कोटितीर्थ घाट पर होगा, जबकि भगवान ममलेश्वर का पूजन गोमुख घाट पर किया जाएगा। ये दोनों पूजन स्थल श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा और आकर्षण का केंद्र रहेंगे। पूजन और अभिषेक के बाद, भगवान की प्रतिमाओं को नर्मदा नदी में नौका विहार कराया जाएगा, जो एक प्रमुख धार्मिक आयोजन होगा।
सवारी और रात की व्यवस्था
सावन सोमवार की विशेष सवारी के दौरान भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण करेंगे और फिर मंदिर लौटेंगे। सवारी के बाद रात की शयन आरती के उपरांत मंदिर के पट 9:30 बजे के बाद बंद हो जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को पर्याप्त समय मिल सके।
कावड़ियों की भीड़ और प्रशासन की तैयारी
सावन के दौरान कावड़िए भी ओंकारेश्वर पहुंचना शुरू हो गए हैं। पंडित आशीष दीक्षित ने बताया कि सावन के पांच और भादो के दो सोमवारों को बाबा ओंकारेश्वर की सवारी निकाली जाएगी। आज पहले सोमवार को विशेष धूमधाम से सवारी निकाली जाएगी।
इस बीच, प्रशासन ने इंदौर-एदलाबाद हाइवे पर सुबह आठ बजे से रात्रि 9 बजे तक वाहनों की आवाजाही के लिए विशेष व्यवस्था की है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। प्रशासन की ये तैयारियाँ और व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करेंगी कि सावन के सोमवार का यह धार्मिक आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
नर्मदा नदी में स्नान और धार्मिक उत्साह
श्रद्धालु नर्मदा नदी में स्नान कर अपने पापों की मुक्ति की कामना कर रहे हैं। धार्मिक आस्था के इस महापर्व पर नर्मदा के किनारे भव्य सजावट की गई है और घाटों पर विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। भक्तगण श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं।
भविष्य की तैयारी
शहर में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन को ध्यान में रखते हुए प्रशासन और मंदिर समिति द्वारा लगातार व्यवस्थाओं की समीक्षा और सुधार किए जाएंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
इस प्रकार, सावन के पहले सोमवार पर भगवान ओंकारेश्वर के दर्शन और पूजा के लिए उमड़ी भीड़, विशेष पूजन कार्यक्रम, और प्रशासन की तैयारियाँ इस धार्मिक अवसर को यादगार बना रही हैं। मंदिर समिति और प्रशासन की तत्परता इस पावन पर्व को सफल और सुव्यवस्थित बनाने में अहम भूमिका निभा रही है।