देश प्रदर्शनकारी छात्र मुख्य रूप से स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए आरक्षित नौकरियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी इस व्यवस्था को खत्म करने की मांग कर रहे हैं, उनका कहना है कि यह भेदभावपूर्ण है।
विस्तार से
पड़ोसी देश बांग्लादेश इन दिनों हिंसा की आग में झुलस रहा है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन देशभर में उग्र रूप ले चुका है। इस हिंसक आंदोलन के चलते 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए राजधानी ढाका में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। वहीं देशभर के शिक्षण संस्थानों में ताला लग गया और छात्र अपने घर वापस चले गए हैं। यहां तक कि हिंसा प्रभावित देश से लोग पलायन कर रहे हैं। ऐसे में बीएसएफ ने जलपाईगुड़ी के फुलबाड़ी में भारतीय आव्रजन चेक पोस्ट पर सुरक्षा जांच की। वहीं, बांग्लादेश के नागरिकों ने बताया कि यहां के हालात सही नहीं हैं।
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन की शुरुआत
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए आरक्षित नौकरियों के खिलाफ छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया। यह विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे उग्र होता चला गया। छात्रों का कहना है कि यह आरक्षण व्यवस्था भेदभावपूर्ण है और इसे तुरंत खत्म किया जाना चाहिए। उनकी मांग है कि नौकरियों में सभी के लिए समान अवसर होने चाहिए, जिससे किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो।
राजधानी ढाका में स्थिति
राजधानी ढाका में हालात अत्यंत गंभीर हो गए हैं। मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है ताकि प्रदर्शनकारियों के बीच संचार न हो सके और हिंसा को रोका जा सके। ढाका विश्वविद्यालय और अन्य प्रमुख शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं। छात्रों को उनके घर वापस भेज दिया गया है ताकि वे सुरक्षित रह सकें। सड़कों पर सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।