संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय ठक्कर ने बताया कि संविदा कर्मचारियों के लिए 2023 में संविधान नीति बनाई गई थी, लेकिन इसका फायदा अभी तक नहीं मिला है। इसी के चलते संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने एनएचएम कार्यालय के सामने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया है। उनकी प्रमुख मांगों में नियमितीकरण और अनुकंपा नियुक्ति शामिल हैं।
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Toggleसंविदा कर्मचारियों का शोषण
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि वे अपने आप को शोषित महसूस कर रहे हैं। कई सरकारें बदल चुकी हैं, लेकिन अभी तक उन्हें नियमित नहीं किया गया है। इसके अलावा, उनका वेतन भी नहीं बढ़ाया जा रहा है। विजय ठक्कर ने बताया कि 2023 में बनाई गई संविधान नीति का लाभ संविदा कर्मचारियों को अभी तक नहीं मिला है। संविदा कर्मचारियों की अनुकंपा नियुक्ति की मांग भी इस प्रदर्शन का हिस्सा रही।
श्रद्धांजलि सभा और धरना प्रदर्शन
एनएचएम कार्यालय के पास दिवंगत संविदा कर्मचारियों की श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित की गई। सोमवार को प्रदेश के करीब 70 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने एनएचएम कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें प्रदेश के करीब 32,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मी एनएचएम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे।
अधिकारियों से मुलाकात और ज्ञापन
दोपहर में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने एनएचएम कार्यालय में अधिकारियों से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में उन्होंने अपनी मांगों को स्पष्ट रूप से रखा और अधिकारियों से समाधान की अपेक्षा जताई।
प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव
इस प्रदर्शन के कारण प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं। जानकारी के अनुसार, सोमवार को प्रदेश के करीब 32,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मी सामूहिक अवकाश पर रहे, जिसके कारण स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो गईं। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा। कई संविदा स्वास्थ्य कर्मी स्वास्थ्य केंद्रों पर काम पर नहीं गए।
अनुकंपा नियुक्ति की मांग
इस प्रदर्शन में मंदसौर जिले की स्वास्थ्य कर्मी प्रमिला परमार की बेटी निशा परमार भी शामिल हुई। प्रमिला अब इस दुनिया में नहीं हैं, और निशा का कहना है कि उनकी मां की जगह पर उन्हें अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। निशा ने बताया कि वह अपने परिवार में एकलौती हैं और उनका भरण-पोषण उनके मामा करते हैं। मां की मौत के बाद सरकार से भी कोई मदद नहीं मिली है।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की समस्याएं
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की समस्याएं लंबे समय से बनी हुई हैं। वेतन वृद्धि, नियमितीकरण और अनुकंपा नियुक्ति जैसी समस्याओं का समाधान न होने के कारण उन्हें बार-बार धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ता है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक वे अपने संघर्ष को जारी रखेंगे।
धरना प्रदर्शन की योजना
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तो वे बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन करेंगे। इसमें प्रदेश के करीब 32,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मी एनएचएम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे। इस प्रदर्शन के कारण प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक प्रभावित हो सकती हैं, जिससे आम जनता को और भी अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगों के प्रति सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी। अगर सरकार उनकी मांगों को समय पर पूरा करती है, तो इससे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का विश्वास बहाल होगा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा। इसके विपरीत, अगर उनकी मांगों को अनदेखा किया जाता है, तो इससे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का संघर्ष और तेज हो सकता है।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन उनकी जायज मांगों के प्रति सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने का एक प्रयास है। नियमितीकरण, वेतन वृद्धि और अनुकंपा नियुक्ति जैसी समस्याओं का समाधान होना जरूरी है, ताकि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का शोषण बंद हो सके और वे अपनी सेवाएं बिना किसी चिंता के प्रदान कर सकें। यह धरना प्रदर्शन न केवल संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसे जल्द से जल्द सुलझाना आवश्यक है।