Monday, December 23, 2024

संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया आम बजट विपक्ष का विरोध जारी

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नई दिल्ली: मंगलवार को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2024-25 पेश किया। इस बजट को लेकर विपक्ष ने तीखी आलोचना की है और इसे भेदभावपूर्ण करार दिया है। विपक्ष का कहना है कि गैर-भाजपा शासित राज्यों को बजट में पर्याप्त आवंटन नहीं मिला है, जिससे उनके साथ भेदभाव किया गया है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने संसद के बाहर भी प्रदर्शन किया है।

विपक्ष की आपत्तियाँ और प्रदर्शन

बजट पेश होने के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद में हंगामा किया और वित्त मंत्री पर आरोप लगाए कि उन्होंने गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया है। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बजट को लेकर कहा, “कई राज्यों को बजट में न्याय नहीं मिला है। हम न्याय के लिए लड़ रहे हैं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बजट में राज्यों को उचित आवंटन नहीं किया गया, खासकर उन राज्यों को जिन्हें भाजपा शासित नहीं हैं।

समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने भी बजट पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “हम सभी मांग कर रहे थे कि किसानों को एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) मिलना चाहिए, लेकिन यह समर्थन मूल्य उन गठबंधन सहयोगियों को दिया जाता है जो अपनी सरकार बचा रहे हैं। सरकार महंगाई को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी है। उत्तर प्रदेश को कुछ नहीं मिला।”

बुधवार को विपक्ष ने इस मुद्दे पर संसद के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव समेत कई बड़े नेता शामिल हुए।

विपक्षी नेताओं की बैठक

बजट पेश होने के बाद मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी, लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, राकांपा प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक-ओ-ब्रायन और कल्याण बनर्जी, द्रमुक के टीआर बालू, जेएमएम की महुआ माझी, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और संजय सिंह समेत कई अन्य नेता शामिल हुए।

इस बैठक में विपक्षी नेताओं ने बजट पर एकजुटता दिखाते हुए विभिन्न राज्यों को बजट आवंटन में भेदभाव के मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने एक स्वर में आरोप लगाया कि बजट में भाजपा शासित राज्यों को विशेष लाभ दिया गया है जबकि गैर-भाजपा शासित राज्यों को नजरअंदाज किया गया है।

वित्त मंत्री का बयान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा, “हमने सभी राज्यों को समान रूप से बजट आवंटन दिया है और किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया है। यह बजट विकास, आर्थिक वृद्धि और समावेशिता को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। हम सभी राज्यों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं।”

सीतारमण ने आगे कहा कि सरकार ने बजट में किसानों, गरीबों और कमजोर वर्गों के लिए विशेष प्रावधान किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बजट में महंगाई और अन्य समस्याओं का समाधान खोजने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

बजट की प्रमुख बातें

आम बजट 2024-25 में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार सृजन के लिए आवंटन बढ़ाने की बात की गई है। बजट में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए भी विशेष ध्यान दिया गया है।

इसके अलावा, बजट में छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की गई है, जिससे उनकी वृद्धि और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। किसानों के लिए भी विभिन्न योजनाओं की घोषणा की गई है, जिससे उनकी आय बढ़ाने और कृषि उत्पादन को सुधारने के प्रयास किए जाएंगे।

विपक्ष का भविष्य की रणनीति

विपक्ष ने बजट को लेकर जो आक्षेप उठाए हैं, उनके आधार पर आगामी दिनों में और भी राजनीतिक हलचल की उम्मीद की जा रही है। विपक्ष का कहना है कि वे इस मुद्दे को संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह उठाएंगे। इसके लिए वे एकजुट होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और आंदोलन कर सकते हैं।

विपक्षी दलों ने यह भी संकेत दिया है कि वे बजट पर एक विस्तृत बहस की मांग करेंगे और इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने कहा है कि वे आम जनता के बीच जाकर सरकार की नीतियों और बजट के प्रभावों को समझाएंगे।

संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन पेश किए गए आम बजट 2024-25 ने विपक्ष को असंतुष्ट कर दिया है। विपक्ष का कहना है कि बजट में गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया गया है और इस मुद्दे को लेकर वे प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए बजट को सभी राज्यों की जरूरतों के अनुसार तैयार किया गया बताया है। आगामी दिनों में इस बजट पर और भी बहस और राजनीतिक गतिविधियाँ देखने को मिल सकती हैं।

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