इंदौर – वर्षों की प्रतीक्षा और संघर्ष के बाद, इंदौर के नागरिकों को अब सड़क चौड़ीकरण के लिए अपनी जमीन देने के बाद राहत मिली है। मध्य प्रदेश के उपभोक्ताओं को अब अपनी ली गई जमीन के डबल एरिया में निर्माण की अनुमति मिलेगी, जिससे वे अपनी जमीन की भरपाई कर सकेंगे। यह निर्णय, ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (TDR) पोर्टल के लॉन्च के साथ लागू हुआ है, जो एक नई उम्मीद और सुकून लेकर आया है।
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Toggleसड़क चौड़ीकरण और उसके प्रभाव
सालों पहले, इंदौर शहर के प्रमुख क्षेत्रों जैसे बियाबानी, गणेशगंज, एमजी रोड, और पाटनीपुरा में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर व्यापक तोड़फोड़ की गई थी। इस प्रक्रिया के दौरान, कई लोगों के भूखंड सड़क की ओर पांच से बीस फीट तक छोटे हो गए थे, जिससे उनके जीवन और व्यवसायों पर गंभीर प्रभाव पड़ा। इन नागरिकों को आश्वासन दिया गया था कि उन्हें टीडीआर का लाभ मिलेगा, जो उन्हें अपनी जमीन का मुआवजा प्रदान करेगा।
टीडीआर पोर्टल की शुरुआत
सोमवार को भोपाल में टीडीआर पोर्टल का उद्घाटन हुआ, जिससे उन नागरिकों की प्रतीक्षा समाप्त हो गई, जिन्होंने वर्षों तक इस नीति के लागू होने का इंतजार किया। अब, सड़क चौड़ीकरण में जिनकी जमीन ली गई थी, उन्हें उस जमीन के डबल एरिया में निर्माण की अनुमति दी जाएगी। सरल शब्दों में, यदि किसी व्यक्ति की 200 वर्गफीट जमीन ली गई है, तो उसे 400 वर्गफीट अतिरिक्त निर्माण की अनुमति मिलेगी।
निर्माण की अनुमति और विकल्प
नागरिकों के पास अब यह विकल्प है कि वे इस अनुमति का उपयोग स्वयं करें या इसे किसी अन्य को बेच दें। यदि कोई व्यक्ति केवल एक निश्चित मात्रा में निर्माण करना चाहता है, तो वह शेष अधिकारों को बेच सकता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी के पास 1000 वर्गफीट निर्माण की अनुमति है और वह सिर्फ 1250 वर्गफीट का निर्माण करना चाहता है, तो वह शेष 150 वर्गफीट की अनुमति किसी और को बेच सकता है।
नगर निगम की भूमिका
नगर निगम के अपर आयुक्त पांडे ने बताया कि नगर निगम टीडीआर पॉलिसी के अनुसार भू-स्वामियों को सर्टिफिकेट जारी करेगा। यह सर्टिफिकेट नागरिकों को उनकी जमीन पर निर्माण करने की अनुमति देगा और वे चाहें तो इसे किसी अन्य को भी बेच सकते हैं। नगर निगम के द्वारा सर्टिफिकेट जारी करने के बाद, यह नागरिकों की व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करेगा कि वे इसका उपयोग स्वयं करें या किसी अन्य को बेचें।
पोर्टल की सुविधाएं और प्रक्रिया
टीडीआर पोर्टल के माध्यम से अब निर्माण एजेंसियां नगर निगम को प्रस्ताव भेजेंगी, जिसमें ली जाने वाली जमीन का पूरा विवरण होगा। इस विवरण के आधार पर डेवलपमेंट राइट्स सर्टिफिकेट (DRC) जारी किए जाएंगे। शुभाशीष बैनर्जी, संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश ने बताया कि टीडीआर की प्रक्रिया एफडीआर की तरह होगी, जिसमें एक निश्चित समय के लिए राशि जमा करने पर बैंक एफडीआर जारी करता है, टीडीआर भी इसी तरह से काम करेगा।
टीडीआर के लाभ
टीडीआर पोर्टल का लॉन्च इंदौर के नागरिकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। इससे न केवल उनकी भूमि की भरपाई की जाएगी, बल्कि उनके निर्माण के अधिकार भी सुरक्षित होंगे। यह प्रणाली उन नागरिकों को भी सशक्त बनाएगी जो अपनी भूमि को बेचकर नई संभावनाओं की ओर बढ़ना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री का योगदान
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस टीडीआर योजना के तहत लोगों को उनके डेवलपमेंट राइट्स सर्टिफिकेट मिलेंगे, और इस प्रक्रिया के माध्यम से मास्टर प्लान की शर्तों में भी बदलाव संभव होगा। यह इंदौर के लिए एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम है।
भविष्य की दिशा
टीडीआर पोर्टल के लॉन्च के बाद, यह उम्मीद की जाती है कि शहर में तेजी से निर्माण कार्य शुरू होंगे और नागरिकों को उनकी भूमि के उचित मुआवजे का लाभ मिलेगा। नगर निगम ने तीन मुख्य क्षेत्रों को चिह्नित किया है: उत्पादन क्षेत्र (जहां से टीडीआर उत्पन्न हुआ है), प्रभावित क्षेत्र (सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित होने वाला क्षेत्र), और रिसिविंग क्षेत्र (जहां टीडीआर को बेचा जा सकता है)। इन क्षेत्रों के आधार पर अधिसूचनाएं जारी की जाएंगी और प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू किया जाएगा।
टीडीआर पोर्टल का उद्घाटन इंदौर के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है। यह न केवल उनकी भूमि के मुआवजे की समस्या का समाधान करेगा बल्कि उन्हें नए निर्माण के अवसर भी प्रदान करेगा। यह फैसला मध्य प्रदेश सरकार और नगर निगम की तत्परता और संवेदनशीलता को दर्शाता है, और यह साबित करता है कि उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार गंभीर है। इस निर्णय ने इंदौर के नागरिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।