अंबाला में दो एकड़ जमीन को लेकर चल रहे विवाद ने रविवार रात को एक दिल दहला देने वाली घटना का रूप ले लिया। 42 वर्षीय रिटायर्ड फौजी भूषण ने अपनी पत्नी और रिश्तेदारों के साथ मिलकर अपने छोटे भाई हरीश (35), भाभी सोनिया (32), मां सरोपी (65), भतीजी यशिका (5) और छह माह के भतीजे मयंक की गला रेतकर हत्या कर दी। इस दौरान बीचबचाव करने आई उनकी मां को भी मार डाला गया। पिता ओमप्रकाश ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई।
हत्या की दर्दनाक रात
रविवार देर रात नारायणगढ़-रायपुरानी सीमा स्थित रतौर गांव में यह भयावह घटना घटी। पुलिस के अनुसार, एक ही घर में रहने वाले दोनों भाइयों ने दो साल पहले बंटवारा किया था, लेकिन दो एकड़ जमीन को लेकर विवाद जारी था। पहले भी कई बार दोनों भाइयों के बीच मारपीट हो चुकी थी।
रविवार रात भूषण ने अपनी पत्नी और ससुरालवालों के साथ मिलकर छोटे भाई के परिवार को खत्म करने की योजना बनाई। रात करीब 10 बजे, तेजधार हथियारों से लैस होकर उन्होंने घर के भीतर ही सभी पर हमला कर दिया। हत्या के बाद उन्होंने शवों को लकड़ी की बल्लियों पर रखकर डीजल डालकर जलाने का प्रयास किया।
घायल पिता और बेटी की संघर्षपूर्ण कहानी
पिता ओमप्रकाश पर भी धारदार हथियार से हमला किया गया, लेकिन वे जख्मी हालत में घर से भागकर जान बचाने में कामयाब रहे। घायल परी (8) ने हौदी में छिपकर अपनी जान बचाई, लेकिन बाद में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने ओमप्रकाश और परी को अस्पताल पहुंचाया, जहां से परी को चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया था।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घायल पिता के बयान पर पुलिस ने भूषण, उसकी पत्नी पूनम, और उनके दो बेटों मक्खन व प्रिंस के अलावा भूषण के सालों टोनी व जोनी और साली बॉबी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने आरोपी भूषण समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और बाकियों को हिरासत में लिया गया है। मामले की जांच के लिए एसआईटी भी गठित कर दी गई है।
गांव में गुस्सैल और झगड़ालू भूषण
गांववासियों के अनुसार, आरोपी भूषण का स्वभाव झगड़ालू और गुस्सैल था। उसकी बोलचाल ग्रामीणों से भी नहीं होती थी। भूषण का चाचा-ताऊ से भी करीब एक साल पहले विवाद हुआ था, जिसमें पीड़ित पक्ष काफी घायल हो गया था। उस समय भी भूषण पर हत्या के प्रयास का मामला नारायणगढ़ थाने में दर्ज हुआ था। भूषण अपने छोटे भाई को भी तंग करता था और उसकी फसलों को नुकसान पहुंचाता था।
ओमप्रकाश की चौंकाने वाली गवाही
ओमप्रकाश ने पुलिस को बताया कि उनके पास दो एकड़ जमीन थी, जिसे उन्होंने दोनों बेटों में बांट दिया था। इसके बावजूद बड़ा बेटा भूषण सारी जमीन अपने नाम कराने के लिए दबाव बना रहा था। इसे लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। रविवार को वह काम से नारायणगढ़ गया था और लौटने पर देखा कि जमीन के लिए दोनों भाइयों में बहस हो रही थी। देखते ही देखते आरोपियों ने हथियारों से हमला कर दिया और सभी को मौत के घाट उतार दिया।
आग बुझाने का प्रयास
पिता ने पुलिस को बताया कि छह लोगों की हत्या के बाद आरोपियों ने सुबूत मिटाने के लिए शवों को शटरिंग की बल्लियों पर रखकर आग लगा दी। उन्होंने अपने पड़ोसी मित्र की मदद से आग को बुझाया। इस दौरान उन्होंने देखा कि घायल पोती परी पानी की हौदी में छिपकर रो रही है। उसको भी आरोपियों से बचाया।
घटना के बाद का दृश्य
मृतक हरीश के घर का दृश्य हृदयविदारक था। किचन में चकले पर रखी रोटी और पैन में जला हुआ दूध घटना की वीभत्सता को बयां कर रहे थे। पुलिस ने घटना स्थल पर पहुँचकर जाँच शुरू की और स्थिति का जायजा लिया। रिश्तेदार और गांववासी घर के बाहर जमा हो गए थे, जहां मातम का माहौल था।
एसपी का बयान
अंबाला के एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया ने बताया, “मुख्य आरोपी भूषण को काबू कर लिया गया है। साथ ही मामले में संलिप्त कुछ और लोगों को भी हिरासत में लेकर जांच चल रही है। जल्द ही पूरे मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।”
झगड़ालू स्वभाव और विवादों का पुराना नाता
गांववासियों के अनुसार, आरोपी भूषण का स्वभाव झगड़ालू और गुस्सैल था। इस कारण ग्रामीणों से भी उसकी बोलचाल नहीं होती थी। भूषण का चाचा ताऊ से भी करीब एक साल पहले किसी बात को लेकर उसका विवाद हुआ था। तब पीड़ित पक्ष काफी घायल हो गया था। उस समय भी भूषण पर हत्या के प्रयास का मामला नारायणगढ़ थाने में दर्ज हुआ था। भूषण अपने ही परिवार को छोटी-छोटी बातों पर तंग करता था। उसने अपने छोटे भाई के खेतों में ट्रैक्टर चलाकर फसल खराब कर दी थी।
घटना का प्रभाव
इस हृदयविदारक घटना ने पूरे अंबाला को झकझोर कर रख दिया है। गांव में मातम पसरा हुआ है और लोग इस घटना के कारण स्तब्ध हैं। ऐसे घटनाक्रम ने न केवल परिवार बल्कि पूरे समाज को एक गहरा धक्का दिया है। पुलिस अब इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके।