जयपुर — राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी भर्तियों की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और इसके तहत 50,000 से अधिक पदों पर भर्ती की जाएगी। इस निर्णय के साथ ही राज्य सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए अब तक का सबसे बड़ा बजट प्रावधान भी किया है।
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Toggleबजट और भर्तियों की जानकारी
राजस्थान सरकार ने इस साल के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 27,660 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो कुल बजट का 8.26 प्रतिशत है। यह राष्ट्रीय औसत 6.18 प्रतिशत से काफी अधिक है। यह प्रावधान पूर्ववर्ती सरकार के अंतिम बजट में किए गए 23,972 करोड़ रुपये के मुकाबले भी काफी अधिक है। चिकित्सा मंत्री ने विधानसभा में इस बात की पुष्टि की कि स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट, हॉस्पिटल केयरटेकर, नर्सिंग ऑफिसर, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, लैब टेक्नीशियन, सहायक रेडियोग्राफर, नेत्र सहायक, ईसीजी टेक्नीशियन, डेन्टल टेक्नीशियन और फार्मासिस्ट जैसे विभिन्न पदों पर भर्ती की जाएगी।
वर्तमान में, 7 महीनों में 3,182 पैरामेडिकल और मंत्रालय कार्मिकों की नियुक्ति की जा चुकी है। फार्मासिस्ट भर्ती के लिए 2,543 अभ्यर्थियों की अंतरिम वरीयता सूची भी जारी की गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 10,657 पदों की भर्ती के परिणाम भी घोषित किए गए हैं और इनकी नियुक्ति शीघ्र ही की जाएगी।
अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में विस्तार
मंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक मॉडल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) स्थापित करेगी। इसके साथ ही इस वर्ष 20 जिला चिकित्सालय, 13 जिला चिकित्सालय में शैय्या वृद्धि, 7 सेटेलाइट चिकित्सालय, 56 उप जिला चिकित्सालय, 28 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 463 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 2,292 उप स्वास्थ्य केंद्र, 18 जिला औषधि भंडार, 16 एएनएम ट्रेनिंग सेंटर, 10 ट्रोमा सेंटर और क्रिटिकल केयर ब्लॉक के भवन बनाए जाएंगे। चिकित्सा संस्थानों के उचित रख-रखाव के लिए 150 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
आपातकालीन सेवाओं और नई सुविधाएं
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 25 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस और 39 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस खरीदी जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, सांगानेर में 150 बेड का जिला अस्पताल, झोटवाड़ा और विद्याधर नगर में सेटेलाइट हॉस्पिटल बनाए जाएंगे। मंत्री ने यह भी कहा कि एसएमएस अस्पताल के आईपीडी टावर का निर्माण पूरा किया जाएगा, जिसमें 24 मंजिलों का निर्माण और 1,200 वाहनों की पार्किंग सुविधा शामिल होगी। इसके लिए 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
आरयूएचएस और अंग प्रत्यारोपण
पूर्ववर्ती सरकार की आलोचना करते हुए खींवसर ने कहा कि आरयूएचएस अस्पताल को सक्रिय करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। अब राज्य सरकार ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज से 16 चिकित्सकों को आरयूएचएस में नियुक्त किया है। आरयूएचएस में सुपर स्पेशलिटी सेवाएं प्रदान करने के लिए बजट में 200 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि अंग प्रत्यारोपण के मामले में फर्जीवाड़ा होने के आरोपों के मद्देनजर राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई की है और अंगदान एवं अंग प्रत्यारोपण को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
राजस्थान ने विकसित भारत संकल्प यात्रा में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। खींवसर ने बताया कि चिकित्सा विभाग ने 100 दिवसीय कार्ययोजना में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। बुजुर्गों को एक ही स्थान पर सभी चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए विशेष रामाश्रय वार्डों की शुरुआत की गई है। प्रदेश के 49 जिला अस्पतालों में यह वार्ड स्थापित किए गए हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य, ईएनटी, ऑफ्थेल्मिक, जेरियाट्रिक और पेलियेटिव सेवाएं शामिल हैं।
राज्य सरकार ने 1.30 लाख से अधिक स्वास्थ्य मेलों का आयोजन कर 50 लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित किया है। इसके अलावा, लगभग 8 लाख रोगियों की कैंसर स्क्रीनिंग और 31 लाख लोगों की सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग की गई है। मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का भी विस्तार किया गया है, जिससे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार हो सके।
राजस्थान सरकार की यह पहल स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है। व्यापक भर्ती प्रक्रिया और बुनियादी ढांचे के विस्तार के साथ, सरकार का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना और अधिक लोगों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करना है। यह कदम राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों को संबोधित करने और नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने में मदद करेगा।