Saturday, January 11, 2025

रायपुर में रेत माफिया की मुनाफाखोरी में अवैध भंडारण और कीमतों की धांधली

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रायपुर, 19 जुलाई 2024: छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में रेत की मुनाफाखोरी और अवैध भंडारण की एक बड़ी समस्या सामने आई है। महानदी के किनारे तकरीबन 40 करोड़ रुपये की रेत का अवैध भंडारण किया गया है, जिस पर खनिज विभाग की निगाह नहीं पड़ रही है। इस रेत को बारिश के मौसम में चार गुना अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है, जो कि आम जनता और सरकारी निर्माण कार्यों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है।

रेत माफिया की धांधली

नईदुनिया की टीम ने कुम्हारी, पारागांव और हरदीडीह क्षेत्रों की पड़ताल की, जहां रेत पर मुनाफाखोरी की सच्चाई उजागर हुई। इन क्षेत्रों में एक हाईवा रेत के लिए नौ से दस हजार रुपये वसूले जा रहे हैं, जबकि निर्माण स्थल तक पहुंचने पर यह कीमत 18 से 20 हजार रुपये तक पहुंच जाती है। जबकि सरकार ने लोडिंग की कीमत 150 रुपये प्रति घन मीटर तय की है, इस हिसाब से रेत की कीमत केवल 1500 रुपये प्रति हाईवा होती है। लेकिन रेत माफिया इसके बजाय 9,000 से 10,000 रुपये वसूल रहे हैं, जो कि सरकारी दरों से कई गुना अधिक है।

रॉयल्टी की कालाबाजारी

रेत भंडारण के दौरान रॉयल्टी की भी कालाबाजारी की जा रही है। रेत भंडारण करने वालों द्वारा एक हाईवा की रॉयल्टी पर 700 रुपये की जगह 4,000 रुपये लिया जा रहा है। यह घोटाला तब बढ़ जाता है जब सरकारी निर्माण कार्यों में भी एक-एक ट्रिप की रॉयल्टी ली जाती है। चूंकि केवल परिवहन पर कार्रवाई हो रही है, रेत माफिया रॉयल्टी की पर्ची खरीदना एक मजबूरी मानते हैं।

अवैध भंडारण और खनिज विभाग की कार्रवाई

रायपुर में रेत के अवैध भंडारण पर स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रायपुर कलेक्टर डा. गौरव सिंह ने खनिज विभाग को अवैध भंडारण पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अवैध भंडारण की रिपोर्ट की मांग की जाएगी और जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।

खनिज विभाग के अनुसार, छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम 2015 और खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम की धारा 21 के तहत नदी से एक किलोमीटर की दूरी पर ही रेत का भंडारण किया जा सकता है। इसके अलावा, लोडिंग पर निविदा दर पर रॉयल्टी देना अनिवार्य है। नियमों का पालन न करने पर भंडारित रेत को जब्त कर अवैध भंडारणकर्ताओं को तीन दिन के भीतर दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया जाता है। इसके बाद भंडारण को सील किया जाता है।

धमतरी और महासमुंद की स्थिति

धमतरी और महासमुंद में भी हाल ही में लाखों रुपये की रेत जब्त की गई है। यह संकेत करता है कि रेत माफिया की गतिविधियां केवल रायपुर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में फैल चुकी हैं।

समस्या की गंभीरता और सुझाव

रायपुर और अन्य क्षेत्रों में रेत माफिया की गतिविधियों की गंभीरता को देखते हुए, यह आवश्यक है कि खनिज विभाग और स्थानीय प्रशासन प्रभावी उपाय करें। रेत की कीमतों में भारी वृद्धि और अवैध भंडारण की समस्या का समाधान निकाले बिना आम जनता को सही और सस्ती रेत उपलब्ध नहीं हो सकेगी।

अवसर पर ध्यान देने और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि इस क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों को समाप्त किया जा सके। रेत के मूल्य निर्धारण और भंडारण में पारदर्शिता लाने के लिए सरकारी नीतियों की सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।

इस तरह की समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए मीडिया और आम जनता की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। रेत माफिया की गतिविधियों की रिपोर्टिंग और सरकारी नीतियों की समीक्षा करके इस मुद्दे को हल करने में मदद की जा सकती है।

रायपुर और अन्य छत्तीसगढ़ी क्षेत्रों में रेत माफिया की मुनाफाखोरी और अवैध भंडारण की समस्या ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। सरकारी अधिकारियों को चाहिए कि वे तुरंत और सख्त कदम उठाएं ताकि इस मुद्दे का समाधान हो सके और आम जनता को सही मूल्य पर रेत उपलब्ध हो सके।

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