भारतीय रेलवे पर हाल ही में यह आरोप लगाया गया है कि वह ट्रेनों में एसी कोच का उपयोग अधिक कर रही है, जिससे सामान्य और नॉन एसी यात्रियों को असुविधा हो रही है। इन आरोपों का जवाब देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे ने इस समस्या को ध्यान में रखते हुए एक मास्टर प्लान तैयार किया है। उन्होंने कहा कि रेलवे इस साल 10,000 नॉन एसी डिब्बे तैयार कर रही है, जिससे ट्रेनों में बढ़ती भीड़ को संभाला जा सकेगा।
नॉन एसी कोच का बढ़ता उपयोग
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में सांसद हारिस बीरन के सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय रेलवे अधिक से अधिक संख्या में नॉन एसी कोच का उपयोग कर रही है। बीरन ने सवाल किया था कि ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ हो रही है और इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। हाल के दिनों में ट्रेनों में भारी भीड़ और रिजर्वेशन वाले डिब्बों में गैर-आरक्षित यात्रियों का घुसना आम हो गया है।
वैष्णव ने स्पष्ट किया कि हर 22 डिब्बों वाली ट्रेन में 12 नॉन एसी जनरल और स्लीपर कोच लगाए जा रहे हैं, जबकि केवल 8 एसी कोच लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे के पास इस समय जितने कोच हैं, उनमें से दो तिहाई डिब्बे नॉन एसी और एक तिहाई एसी कोच हैं।
वंदे भारत के साथ अमृत भारत एक्सप्रेस भी
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि साल 2019 से 2024 के बीच में कोविड-19 के चलते पैसेंजर ट्रैफिक में बड़ा बदलाव आया है। भारतीय रेलवे यात्रियों की जरूरतों के हिसाब से अलग-अलग तरह की ट्रेनें चला रही है। वंदे भारत एक्सप्रेस के साथ-साथ अमृत भारत एक्सप्रेस भी चलाई जा रही हैं। अमृत भारत एक नॉन एसी ट्रेन है, जिसे यात्रियों को उच्च गुणवत्ता की सेवाएं प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है।
स्पेशल ट्रेन चलाकर नियंत्रित की जा रही भीड़
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भारतीय रेलवे ने त्योहारों, छुट्टियों और पीक सीजन के दौरान स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। इसके अलावा, ट्रेनों की क्षमताएं भी बढ़ाई जा रही हैं। भारतीय रेलवे इस समय लगभग 10,000 नॉन एसी जनरल क्लास और स्लीपर क्लास कोच तैयार कर रही है। इन नए कोचों के जुड़ने से ट्रेनों में यात्रियों की बढ़ती भीड़ को संभालना और आसान हो जाएगा।
रेलवे का मास्टर प्लान
भारतीय रेलवे के इस मास्टर प्लान के तहत, न केवल नॉन एसी कोचों की संख्या बढ़ाई जा रही है, बल्कि कोचों की गुणवत्ता और सुविधाओं में भी सुधार किया जा रहा है। नॉन एसी कोचों को अधिक आरामदायक और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा, रेलवे स्टेशनों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भी कई उपाय किए जा रहे हैं।
रेलवे की आगे की योजनाएं
भारतीय रेलवे भविष्य में और भी अधिक नॉन एसी ट्रेनें चलाने की योजना बना रही है। इसके अलावा, रेलवे स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यात्री सुविधाओं में सुधार किया जा रहा है। रेलवे स्टेशनों पर नई तकनीकों का उपयोग करके टिकट बुकिंग और यात्रियों की जानकारी को और अधिक सुगम बनाया जा रहा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे अपने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। उन्होंने आश्वासन दिया कि नॉन एसी कोचों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ यात्रियों की सुविधाओं में भी निरंतर सुधार किया जाएगा।
भारतीय रेलवे का यह मास्टर प्लान यात्रियों की बढ़ती भीड़ को संभालने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। नॉन एसी कोचों की संख्या बढ़ाने और उनकी गुणवत्ता में सुधार करने से न केवल भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा, बल्कि यात्रियों को भी अधिक आराम और सुविधा मिलेगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का यह दावा कि भारतीय रेलवे इस साल 10,000 नॉन एसी कोच तैयार कर रही है, यात्रियों के लिए एक राहत की खबर है। इस योजना के तहत रेलवे अपने यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।