Monday, December 23, 2024

पुलिस हिरासत में युवक की मौत की जांच अब सीबीआई करेगी

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वर्ष 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान एक युवक की मौत का मामला अब सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) की जांच के अधीन है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश जारी किया है। यह निर्णय फैजान नामक युवक की मां द्वारा विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद आया है।

घटना का विवरण

22 वर्षीय फैजान की मौत 26 फरवरी 2020 को दिल्ली दंगों के दौरान हुई थी। फैजान की मां ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने उनके बेटे को अवैध रूप से हिरासत में लिया और वंदे मातरम गाने के लिए मजबूर किया। उन्होंने यह भी कहा कि हिरासत के दौरान उनके बेटे को स्वास्थ्य देखभाल से वंचित कर दिया गया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई।

फैजान को ज्योति नगर पुलिस स्टेशन से रिहा करने के 24 घंटे के भीतर जीटीबी अस्पताल में मृत पाया गया था। इस घटना के बाद एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें फैजान को वंदे मातरम गाने के लिए मजबूर करते हुए चार अन्य लोगों के साथ पुलिस द्वारा पीटते हुए दिखाया गया था।

मां की याचिका और आरोप

फैजान की मां ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उनके बेटे को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया और उसे उचित स्वास्थ्य देखभाल नहीं दी गई, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बेटे की मौत एक घृणा अपराध और हिरासत में हत्या का मामला है। उन्होंने यह भी दावा किया कि फैजान को उसके धर्म के कारण निशाना बनाया गया था।

हाईकोर्ट का निर्णय

दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 12 जुलाई को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता को समझते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया।

जांच की आवश्यकता और प्रभाव

यह मामला दिल्ली दंगों के दौरान पुलिस की भूमिका और कार्यशैली पर सवाल उठाता है। फैजान की मौत और उसके साथ हुई बर्बरता ने पुलिस की जवाबदेही और मानवाधिकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएँ उत्पन्न की हैं। इस मामले की सीबीआई जांच से उम्मीद है कि निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सच्चाई सामने आ सकेगी।

दिल्ली दंगे: एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि

वर्ष 2020 के फरवरी महीने में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे। इन दंगों में कई लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए थे। दंगों के दौरान कई घर, दुकानें और धार्मिक स्थल जला दिए गए थे। इस हिंसा की व्यापक निंदा की गई और विभिन्न स्तरों पर जांच की मांग उठी।

सीबीआई की भूमिका और अपेक्षाएँ

सीबीआई को इस मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। सीबीआई भारत की प्रमुख जांच एजेंसी है, जो जटिल और संवेदनशील मामलों की जांच करती है। इस मामले में सीबीआई की निष्पक्ष जांच से उम्मीद है कि फैजान की मौत के कारणों का सही पता चल सकेगा और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जा सकेगा।

फैजान का परिवार और न्याय की लड़ाई

फैजान का परिवार इस घटना के बाद से न्याय की लड़ाई लड़ रहा है। फैजान की मां की याचिका और हाईकोर्ट का आदेश उनके संघर्ष की एक महत्वपूर्ण जीत है। उन्होंने अपने बेटे की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया है।

समाज की प्रतिक्रिया

इस घटना ने समाज में गहरी संवेदनाएँ जगाई हैं। मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है और निष्पक्ष जांच की मांग की है

फैजान की मौत का मामला केवल एक व्यक्ति की मौत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवाधिकारों के उल्लंघन, पुलिस की जिम्मेदारी और न्याय की आवश्यकता का प्रतीक बन गया है। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई की जांच से उम्मीद है कि इस मामले में सच्चाई सामने आएगी और दोषियों को न्याय मिलेगा। फैजान का परिवार और समाज न्याय की इस प्रतीक्षा में है कि आखिरकार इंसाफ हो और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

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