प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष को एक सख्त और प्रेरणादायक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अब दल के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए लड़ने का समय आ गया है। मोदी ने अपने संबोधन में राजनीतिक दलों से अपेक्षा की कि वे जनवरी 2029 तक राजनीति के खेल को छोड़कर देश की भलाई के लिए समर्पित हो जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि यह सत्र देशवासियों के सपनों की नींव रखने वाला होगा और इसे गर्व की बात बताया। मोदी ने कहा कि यह बजट ‘अमृतकाल’ का महत्वपूर्ण बजट है, जो 2047 में एक विकसित भारत की दिशा तय करेगा।
देश की बदलती आर्थिक स्थिति और बजट की भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने बजट को लेकर देशवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि यह बजट उनके द्वारा दी गई गारंटी को जमीन पर उतारने वाला होगा। उन्होंने कहा, “हर देशवासी के लिए गर्व की बात है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेजी से बढ़ रहा है। हम 8 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ आगे बढ़ रहे हैं।” मोदी ने बताया कि भारत पिछले तीन वर्षों से लगातार 8 प्रतिशत की वृद्धि कर रहा है और देश का सकारात्मक आउटलुक, इन्वेस्टमेंट और परफॉर्मेंस का माहौल है।
विपक्ष की भूमिका और प्रधानमंत्री की अपील
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से अपील की कि वे आगामी साढ़े चार साल के लिए देश को समर्पित हो जाएं। उन्होंने कहा, “हम सभी को यह समझना होगा कि अब दल के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए लड़ना है। जनवरी 2029 में जब चुनाव होंगे, तब आप अपने खेल खेल सकते हैं। लेकिन तब तक, हमें देश के गरीब, किसान, युवा और महिलाओं के सामर्थ्य के लिए जुट जाना चाहिए।” मोदी ने यह भी कहा कि 2047 के सपनों को पूरा करने के लिए सरकार पूरी ताकत लगा रही है।
संसद में आवाज की स्वतंत्रता और नकारात्मकता की चिंता
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में उठ रही आवाजों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 2014 में कुछ सांसदों को 5 साल का मौका मिला, कुछ को 10 साल, लेकिन कई सांसद ऐसे रहे जिनका सदन में बोलने का मौका नहीं मिला। यह स्थिति इसलिए बनी क्योंकि कुछ नकारात्मक तत्वों ने अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए सदन का दुरुपयोग किया। मोदी ने नई संसद के सदस्यों से अपील की कि उन्हें बोलने का पूरा मौका मिले और अधिक से अधिक लोग आगे आ सकें। उन्होंने यह भी कहा कि पहले ही सदन में प्रधानमंत्री की आवाज को दबाने का प्रयास किया गया, जिसे उन्होंने लोकतंत्र की भावना के खिलाफ बताया।
सरकार की उपलब्धियाँ और विपक्ष का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार की उपलब्धियों की एक लंबी सूची है और उन्होंने कहा कि विपक्षी विचार गलत नहीं हो सकते, लेकिन नकारात्मकता बुरी चीज है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ विपक्षी दलों ने अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए संसद की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। मोदी ने कहा कि यह सोचने की बात है कि देशवासियों ने उन्हें जनादेश दिया है, न कि दल के लिए।
भविष्य की दिशा और बजट की महत्वता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह बजट ‘अमृतकाल’ का महत्वपूर्ण बजट है, जो भारत के भविष्य की दिशा को निर्धारित करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह बजट 2047 में एक विकसित भारत की नींव रखेगा और यह 5 वर्षों का अवसर इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन बजट सत्र की शुरुआत से पहले विपक्ष को एक स्पष्ट और प्रभावशाली संदेश है। उनका कहना है कि अब दल के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए काम करने का समय है। उन्होंने बजट को 2047 के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है और संसद में उठ रही आवाजों और नकारात्मकता के खिलाफ अपनी चिंता व्यक्त की है। यह बजट सत्र निश्चित रूप से देश के भविष्य की दिशा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इसके परिणाम सभी भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण होंगे |