Monday, December 23, 2024

पेरिस ओलिंपिक में मध्य प्रदेश के रतनपुर गांव का सितारा

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मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के छोटे से गांव रतनपुर के ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर पेरिस ओलिंपिक की शूटिंग कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने जा रहे हैं। इस खबर ने उनके गांव में उत्साह और उमंग की लहर पैदा कर दी है। गांव के लोग ऐश्वर्य की जीत और गोल्ड मेडल लाने की कामना के साथ शिव मंदिर में प्रार्थना कर रहे हैं।

पिछले ओलिंपिक में ऐश्वर्य कुछ अंकों से मेडल से चूक गए थे। इस बार गांव वालों और उनके परिवार को उनसे बहुत उम्मीदें हैं। रतनपुर गांव की आबादी करीब एक हजार है और यहाँ के लोग मुख्यतः खेती या मजदूरी करते हैं। 23 वर्षीय ऐश्वर्य प्रताप तोमर, जिन्हें लोग प्यार से प्रिंस बुलाते हैं, गांव में चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। पेरिस ओलिंपिक में उनके मुकाबले को लेकर गांव में बेचैनी और उत्साह का माहौल है।

गांव के लोगों की उम्मीदें और प्रार्थनाएँ

स्वजन और ग्रामीणों ने ऐश्वर्य की जीत के लिए शिव मंदिरों में प्रार्थना आरंभ कर दी है। उनके पिता वीर बहादुर बताते हैं कि इस बार ऐश्वर्य ने वादा किया है कि वह गोल्ड मेडल जीतेंगे। पिछले ओलिंपिक में ऐश्वर्य कुछ अंकों से मेडल से चूक गए थे और इसके बाद वह गांव आए थे। उन्होंने अपने पिता को वादा किया था कि इस बार वह मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करेंगे।

पेरिस में ऐश्वर्य से चर्चा हुई है और उन्होंने बताया कि सभी खिलाड़ी कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ऐश्वर्य का मुकाबला 10 और 50 मीटर शूटिंग स्पर्धाओं में है। उनके कोच उन्हें प्रशिक्षित कर मेडल पर निशाना साधने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

बचपन की यादें और निशानेबाजी का जुनून

बंदूकों से नाता रखने वाले तोमर परिवार खेती-किसानी का काम करता है। राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखने वाले वीर बहादुर के परिवार में राइफल और बंदूक जैसे लाइसेंसी हथियार पारंपरिक रूप से रखे जाते हैं। इस कारण ऐश्वर्य ने ये हथियार बचपन से ही देखे हैं।

ऐश्वर्य को बचपन से ही निशाना लगाने का शौक था। वह खेतों में पहुंचकर फसल, जैसे भुट्टे और आम का निशाना लगाते थे। मेलों में जाने पर उसकी सबसे ज्यादा दिलचस्पी बंदूक से गुब्बारे फोड़ने में रहती थी। इस बचपन के जुनून ने ऐश्वर्य को निशानेबाजी की ओर प्रेरित किया और आज वह पेरिस ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश के दो सितारे ओलिंपिक में

इस बार पेरिस ओलिंपिक में मध्य प्रदेश के दो खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। खरगोन के निशानेबाज ऐश्वर्य प्रताप सिंह और इटारसी के हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर प्रसाद शामिल हैं। ऐश्वर्य और विवेक, दोनों ही अपने-अपने खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन कर चुके हैं और देश को उनसे बहुत उम्मीदें हैं।

ऐश्वर्य का संघर्ष और तैयारी

ऐश्वर्य का सफर आसान नहीं रहा है। गांव के साधारण जीवन से उठकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचना उनके लिए एक बड़ी चुनौती थी। ऐश्वर्य ने कठिन परिश्रम और अटूट विश्वास के साथ अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाया। उनके पिता वीर बहादुर ने भी हमेशा उनका समर्थन किया और हर संभव सहायता की।

पिछले ओलिंपिक में जब ऐश्वर्य मेडल से चूक गए थे, तब उन्होंने हार नहीं मानी। वह अपने गांव लौटे और पुनः तैयारी शुरू की। ऐश्वर्य ने कहा था कि वह इस बार मेडल जीतकर दिखाएंगे और देश का नाम ऊँचा करेंगे। इस विश्वास और मेहनत ने उन्हें पेरिस ओलिंपिक में जगह दिलाई है।

ग्रामीणों की प्रार्थना और समर्थन

रतनपुर गांव के लोग ऐश्वर्य की सफलता के लिए निरंतर प्रार्थना कर रहे हैं। शिव मंदिर में हर दिन पूजा-अर्चना होती है और सभी मिलकर ऐश्वर्य की जीत की कामना करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ऐश्वर्य ने उनके गांव का नाम रोशन किया है और अब उनकी बारी है कि वह ऐश्वर्य को पूरा समर्थन दें।

ऐश्वर्य का आत्मविश्वास और लक्ष्

ऐश्वर्य प्रताप सिंह का आत्मविश्वास भी मजबूत है। उन्होंने कहा है कि सभी खिलाड़ी कड़ी मेहनत कर रहे हैं और वह भी पूरी तैयारी के साथ मुकाबले में उतरे हैं। उनके कोच ने उन्हें मेडल जीतने के लिए प्रशिक्षित किया है और अब वह अपने प्रदर्शन से सबको गर्वित करने के लिए तैयार हैं।

ऐश्वर्य का परिवार और उनकी प्रेरणा

ऐश्वर्य के परिवार का योगदान भी उनके सफर में बहुत महत्वपूर्ण रहा है। उनके पिता वीर बहादुर ने हमेशा उन्हें प्रेरित किया और उनके हर फैसले में साथ दिया। ऐश्वर्य ने कहा है कि उनके परिवार का समर्थन उनके लिए सबसे बड़ी प्रेरणा है और इसी कारण वह आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं।

ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर की कहानी संघर्ष, परिश्रम और आत्मविश्वास की कहानी है। उनके गांव रतनपुर से लेकर पेरिस ओलिंपिक तक का सफर उनके अटूट विश्वास और मेहनत का परिणाम है। उनके गांव और परिवार के लोगों ने हमेशा उन्हें समर्थन दिया और अब सबकी उम्मीदें उनके साथ हैं। ऐश्वर्य का लक्ष्य स्पष्ट है – गोल्ड मेडल जीतना और देश का नाम रोशन करना।

पेरिस ओलिंपिक में उनकी सफलता की कामना करते हुए, हम सब उनके प्रदर्शन को देखने के लिए उत्साहित हैं। ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर ने दिखा दिया है कि अगर आपके पास आत्मविश्वास, मेहनत और सपनों को पूरा करने की इच्छा हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती। उनके गांव रतनपुर के लोग, उनके परिवार और पूरा देश उनके साथ है। हम सभी उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं और आशा करते हैं कि वह पेरिस ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करेंगे।

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