रायपुर, छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण और यातायात नियमों के पालन के लिए एक नया और प्रभावी कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने रायपुर समेत 15 जिलों में 15 नए सर्वसुविधा युक्त इंटरसेप्टर वाहनों की शुरुआत की है। शुक्रवार की सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इन वाहनों को सीएम हाउस के सामने से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
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Toggleइंटरसेप्टर वाहनों की आवश्यकता
राज्य में लंबे समय से ऐसे वाहनों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, जो तेज रफ्तार और नशे की हालत में वाहन चलाने वाले चालकों पर लगाम कस सके। इन इंटरसेप्टर वाहनों के माध्यम से हाईवे समेत अन्य मार्गों पर तेज गति से दौड़ने वाले वाहनों की निगरानी करना अब संभव हो सकेगा।
वाहन के फीचर्स और उपयोगिता
इंटरसेप्टर वाहनों में अत्याधुनिक तकनीक से लैस स्पीड रडार गन, ब्रीथ एनालाइजर, और सर्विलांस कैमरा लगाए गए हैं। इनसे न केवल वाहन की गति मापी जा सकेगी, बल्कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले चालकों की भी जांच की जा सकेगी।
इसके अलावा, इन वाहनों में प्रकाश तीव्रता मापन यंत्र, ध्वनि मापक यंत्र, और ग्लास पारदर्शिता यंत्र भी मौजूद हैं, जिनसे वाहनों की तेज हेडलाइट और ध्वनि विस्तारक यंत्रों की आवाज की जांच की जा सकेगी। पीए सिस्टम यंत्र से सुगम यातायात प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश दिए जा सकेंगे।
सड़क सुरक्षा में प्रभावी कदम
यातायात विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सड़क सुरक्षा कोष मद से चार करोड़ 47 लाख 48 हजार 594 रुपये की लागत से खरीदे गए इन इंटरसेप्टर वाहनों से सड़कों पर बेहतर निगरानी और कानून व्यवस्था बनाए रखना संभव होगा। सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति में इन वाहनों की मदद से जल्दी से जल्दी सुगम यातायात प्रबंधन की कार्रवाई की जा सकेगी।
जिलों में तैनाती
नए इंटरसेप्टर वाहनों की तैनाती रायपुर, बलौदाबाजार, महासमुंद, धमतरी, दुर्ग, बेमेतरा, राजनांदगांव, कबीरधाम, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, रायगढ़, सरगुजा, जगदलपुर, और कांकेर में की जा रही है। इन जिलों में इंटरसेप्टर वाहनों के संचालन के लिए चिन्हित कर्मचारियों को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
सीएम की अपील
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जनता से अपील की है कि वे यातायात नियमों का पालन करें और जिम्मेदार नागरिक के रूप में सड़क सुरक्षा में अपना योगदान दें।
छत्तीसगढ़ में इन इंटरसेप्टर वाहनों की शुरुआत से सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण और यातायात नियमों के पालन में सुधार की उम्मीद है। इन वाहनों के माध्यम से तेज रफ्तार, नशे में वाहन चलाने, और अन्य यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सरकार का यह कदम सड़क सुरक्षा को मजबूत करने और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है। जनता की भागीदारी और जागरूकता से ही यह पहल सफल हो सकती है। सीएम की अपील और सरकार की इस नई पहल के माध्यम से छत्तीसगढ़ में सड़कों को सुरक्षित बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।