ओडिशा राजभवन में तैनात बैकुंठ प्रधान की पत्नी ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल रघुबर दास के बेटे ललित कुमार और उनके पांच साथियों ने उनके पति के साथ मारपीट की। यह मामला अब एक गंभीर विवाद में बदल चुका है, जिसमें बीजद और कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
विस्तार
ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास के बेटे ललित कुमार पर हाल ही में एक गंभीर आरोप लगा है। यह आरोप है कि उन्होंने 7 जुलाई को राजभवन में बैकुंठ प्रधान के साथ मारपीट की। इस घटना के बाद से विवाद बढ़ता जा रहा है और राजनीतिक पार्टियों के बीच तीखी नोकझोंक चल रही है। बीजद और कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि घटना के 10 दिन बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, और यह स्थिति सरकार, पुलिस और प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है।
बीजद नेता लेखाश्री सामंतसिंघर ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक लोकतांत्रिक देश में, ओडिशा के राज्यपाल के बेटे ने राजभवन में काम कर रहे एएसओ को बेरहमी से पीटा। 10 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पुलिस चुप है, सरकार चुप है, और नई भाजपा सरकार ने भी इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि कानून सबके लिए अलग-अलग है। हम राज्यपाल के बेटे की गिरफ्तारी की मांग करते हैं।”
विपक्ष की प्रतिक्रिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बिजय पटनायक ने भी इस मामले पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “राज्यपाल के बेटे के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। ड्यूटी के दौरान किसी व्यक्ति पर हमला करना एक गंभीर अपराध है। इसलिए पुलिस को सक्रिय होना होगा और अपराधी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना चाहिए। हम मांग करते हैं कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जाए।”
इस संदर्भ में कांग्रेस की युवा शाखा भी सक्रिय हो गई है और राज्यपाल के बेटे की गिरफ्तारी की मांग कर रही है। पटनायक ने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। हमें तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है, अन्यथा कार्रवाई का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।”
घटना का विवरण
यह विवाद तब शुरू हुआ जब बैकुंठ प्रधान, जो राजभवन में सहायक अनुभाग अधिकारी के पद पर तैनात हैं, की पत्नी सयोज ने आरोप लगाया कि 7 जून की रात को ललित कुमार ने उनके पति को अपने कमरे में बुलाया और उनके साथ बुरी तरह मारपीट की। सयोज के अनुसार, राज्यपाल के बेटे को वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिलने के कारण उनके पति को पीटा गया। उन्हें एक लग्जरी कार की जरूरत थी, लेकिन राष्ट्रपति के दौरे के कारण उस समय कोई कार उपलब्ध नहीं थी। इसके परिणामस्वरूप, उनके पति ने एक सामान्य मारुति सुजुकी कार भेजी, जिससे ललित कुमार नाराज हो गए।
सयोज ने बताया, “मेरे पति को इसलिए पीटा गया क्योंकि उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिला। उन्होंने राज्यपाल से भी संपर्क किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। हमने पुरी बीच पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है और हम चाहते हैं कि आरोपियों को सजा मिले।”
प्रशासनिक कार्रवाई
इस मामले के सामने आने के बाद, बैकुंठ प्रधान का तबादला गृह विभाग में कर दिया गया। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि उन्हें तत्काल प्रभाव से गृह विभाग में स्थानांतरित किया गया है। इस कदम को भी राजनीतिक दलों द्वारा संदिग्ध माना जा रहा है, क्योंकि इससे यह संकेत मिलता है कि प्रशासन इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है।
नई सरकार की भूमिका
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस मामले में नई सरकार की चुप्पी चिंताजनक है। बीजद और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने इस पर सवाल उठाए हैं कि क्या यह राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है। बीजद नेता सामंतसिंघर ने यह भी कहा, “नवीन पटनायक की सरकार के दौरान अगर कोई कानून का उल्लंघन करता था, तो तुरंत कार्रवाई होती थी। लेकिन मौजूदा सरकार ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है।”