Tuesday, December 24, 2024

गर्मी से सब्जियों के दाम बढ़े, मध्यम वर्ग का बजट बिगड़ा

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गर्मी के बढ़ने के साथ ही शिवरीनारायण में सब्जियों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। तापमान के 45 डिग्री पार होते ही सब्जियों के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है, जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों का बजट बिगड़ रहा है। लोग अब कम मात्रा में सब्जी खरीदने को मजबूर हो गए हैं।

सब्जियों के दामों में वृद्धि

गर्मी की वजह से टमाटर और फूल गोभी का भाव 50 रुपए किलो तक पहुंच गया है। पिछले सप्ताह तक 30 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर अब 50 रुपए किलो बिक रहा है। इसके अलावा, आलू और प्याज के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है। आलू 35 रुपए किलो और प्याज 30 रुपए किलो बिक रहा है। लहसुन का भाव 200 रुपए किलो तक पहुंच गया है, जबकि एक महीने पहले यह 60 रुपए किलो बिक रहा था। नींबू के दाम भी तेज गर्मी के कारण 120 रुपए किलो हो गए हैं, जो पहले 60 रुपए किलो था। इसी तरह, परवल और शिमला मिर्च 70 से 80 रुपए किलो बिक रहे हैं।

कारण और प्रभाव

सब्जियों के दाम बढ़ने का मुख्य कारण ओवरहीट से सब्जी की फसल को हो रहा नुकसान बताया जा रहा है। इसके साथ ही, गर्मी में लोकल आवक कम होने से अब पड़ोसी राज्यों जैसे ओडिशा, बैंगलुरु, नागपुर समेत अन्य राज्यों से हाइब्रिड सब्जियां पहुंच रही हैं। लंबी दूरी के कारण वाहन चालकों ने भाड़ा बढ़ा दिया है, जिसका सीधा प्रभाव सब्जियों के दामों पर पड़ा है।

हरी सब्जियों की डिमांड

गर्मी के मौसम में लोग सेहत को ध्यान में रखते हुए मसालेदार सब्जियों की बजाय हरी सब्जियां खाना पसंद कर रहे हैं। इससे बाजार में हरी सब्जियों की डिमांड बढ़ गई है। सलाद में उपयोग होने वाली सब्जियों के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं। चुकंदर 60 रुपए किलो बिक रहा है, जबकि 12 दिन पहले गाजर 30-40 रुपए किलो बिक रही थी, अब इसका सीजन खत्म होने के कारण यह 50 रुपए किलो बिक रही है। खीरा भी 40 रुपए किलो मिल रहा है।

सब्जी व्यापारियों का दृष्टिकोण

सब्जी व्यापारियों का कहना है कि गर्मी में लोकल आवक कम होने और लंबी दूरी के कारण सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। हाइब्रिड सब्जियों की मांग बढ़ी है, लेकिन उनका भाड़ा भी ज्यादा हो गया है। इसके अलावा, गर्मी के कारण फसल को नुकसान हो रहा है, जिससे सब्जियों की सप्लाई कम हो गई है।

मध्यम वर्गीय परिवारों पर प्रभाव

मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए बढ़ती सब्जियों के दाम एक बड़ी चिंता का विषय बन गए हैं। उनके बजट पर इसका सीधा असर पड़ा है और वे अब कम मात्रा में सब्जी खरीद रहे हैं। इसके अलावा, हरी सब्जियों की बढ़ती मांग के कारण उनके दाम भी बढ़ गए हैं, जिससे परिवारों को और अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

समाधान और सुझाव

इस स्थिति से निपटने के लिए कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं:

  1. स्थानीय स्तर पर सब्जियों की खेती: स्थानीय स्तर पर सब्जियों की खेती को बढ़ावा देकर सब्जियों की आवक बढ़ाई जा सकती है, जिससे दाम स्थिर हो सकते हैं।
  2. भंडारण सुविधाओं में सुधार: सब्जियों को लंबे समय तक ताजगी बनाए रखने के लिए भंडारण सुविधाओं में सुधार किया जाना चाहिए।
  3. सब्जी बाजारों का विस्तार: सब्जी बाजारों का विस्तार और उनमें प्रतिस्पर्धा बढ़ाकर दामों को नियंत्रित किया जा सकता है।
  4. सरकारी सहायता: सरकार द्वारा सब्जी किसानों को सहायता प्रदान करके उनके फसल नुकसान को कम किया जा सकता है।

निष्कर्ष

नौपता की गर्मी के साथ सब्जियों के दामों में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों का बजट बिगड़ रहा है। सब्जी व्यापारियों के अनुसार, ओवरहीट और लंबी दूरी के कारण सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए स्थानीय स्तर पर सब्जियों की खेती को बढ़ावा देना, भंडारण सुविधाओं में सुधार करना, सब्जी बाजारों का विस्तार और सरकारी सहायता महत्वपूर्ण हो सकते हैं। इसके माध्यम से सब्जियों के दामों को स्थिर किया जा सकता है और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत मिल सकती है।

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