छत्तीसगढ़ सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान 7,329 करोड़ 35 लाख 62 हजार 700 रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। इस बजट का मुख्य फोकस महतारी वंदन योजना है, जिसके लिए 4900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा प्रस्तुत इस बजट पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस बजट को राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट में सभी वर्गों और जिलों को ध्यान में रखते हुए राशि का प्रावधान किया गया है। वहीं, विपक्ष ने इस बजट को कुछ विधानसभा क्षेत्रों तक सीमित बताया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह अनुपूरक बजट कुछ ही विधानसभा क्षेत्रों के हित में है।
महतारी वंदन योजना को प्राथमिकता
महतारी वंदन योजना के लिए 4900 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करना है। इस योजना के तहत राज्य सरकार को 29 करोड़ 84 लाख रुपये ब्याज का भुगतान भी करना होगा।
बजट में विभिन्न विभागों का योगदान
राज्य सरकार ने 81 अलग-अलग विभागों के लिए अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना, बिजली, पानी, उच्च शिक्षा, कौशल विकास, और नवाचार के लिए राशि का अनुमोदन किया गया है। इस बजट के तहत विभिन्न परियोजनाओं का भी प्रावधान किया गया है, जैसे कि राजधानी के कौशल्या विहार (कमल विहार) में नया थाना खोलना और प्रदेश में तीन सीएसपी कार्यालयों का खुलना।
जिलों के लिए प्रमुख प्रावधान
अनुपूरक बजट में विभिन्न जिलों के लिए भी महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। उदाहरण के लिए:
- राजनांदगांव के डोंगरगढ़ में रिंग रोड का निर्माण जिसकी लंबाई 26.00 किमी होगी और अनुमानित लागत 8200 लाख रुपये है।
- डोंगरगढ़ में परिक्रमा पथ का फोर लेन मार्ग निर्माण जिसकी लंबाई 8.00 किमी है और अनुमानित लागत 5900 लाख रुपये है।
- जशपुर के कलिया फगनू दुकान से धरसा जंगल (टोगो टोली) मार्ग का निर्माण जिसकी लंबाई 2.50 किमी है और अनुमानित लागत 700 लाख रुपये है।
- रायपुर स्थित पंडरी पुराना बस स्टैंड चौक से केनाल लिंकिंग मार्ग तक नए एलईडी स्ट्रीट लाइट, डेकोरेटिव पोल, सीसीटीवी, और सोलर ब्लिंकर की स्थापना जिसकी अनुमानित लागत 1040 लाख रुपये है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
बजट पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। कांग्रेस के विधायक ने पोस्टर लहराकर विरोध जताया और विवादित बयान पर नारेबाजी भी हुई। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार को विपक्ष से माफी मांगनी चाहिए।
वहीं, सत्ता पक्ष ने इसे राज्य के सर्वांगीण विकास का बजट बताते हुए विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि यह बजट राज्य की समग्र विकास को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है और इसमें सभी वर्गों और क्षेत्रों का समुचित ध्यान रखा गया है।