Tuesday, December 24, 2024

खंडवा के उर्दू स्कूल में उर्दू शिक्षक की मांग पर 40 छात्राओं का हंगामा

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खंडवा, 14 अगस्त 2024: खंडवा जिले के शासकीय उर्दू गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल परदेशीपुरा में आज एक अद्वितीय विरोध प्रदर्शन हुआ। 40 से अधिक छात्राओं ने उर्दू शिक्षक की अनुपलब्धता को लेकर अपना आक्रोश व्यक्त किया और टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) की मांग की। यह विरोध प्रदर्शन सुबह से शुरू हुआ, जब छात्राएं अपने पालकों के साथ स्कूल परिसर में इकट्ठा हुईं और उर्दू शिक्षा की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

उर्दू शिक्षक की अनुपलब्धता बनी छात्राओं के आक्रोश का कारण

स्कूल में उर्दू शिक्षक न होने के कारण छात्राओं का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जब तक स्कूल में उर्दू शिक्षक की व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक वे यहां पढ़ाई जारी नहीं रखेंगी। छात्राओं का कहना था कि उन्हें हिंदी और अंग्रेजी पढ़ाई जाती है, लेकिन वे इसे सही ढंग से समझ नहीं पातीं। उन्होंने मांग की कि यदि स्कूल प्रशासन उर्दू शिक्षक की व्यवस्था नहीं कर सकता, तो उन्हें टीसी देकर अन्यत्र अध्ययन के लिए भेज दिया जाए।

पालकों की चिंता और उनकी मांग

छात्राओं के साथ आए पालकों ने भी उर्दू शिक्षक की कमी पर चिंता व्यक्त की। उनका कहना था कि उर्दू माध्यम के लिए उन्होंने अपने बच्चों को इस स्कूल में दाखिला दिलाया है, लेकिन यहां उर्दू पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक नहीं है। पालकों ने बताया कि वे लंबे समय से उर्दू शिक्षकों की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। पालकों ने यह भी कहा कि स्कूल की परीक्षाएं उर्दू में होती हैं, लेकिन पढ़ाई के लिए उर्दू शिक्षक उपलब्ध नहीं है, जो एक बड़ी समस्या है।

स्कूल प्रशासन का प्रतिक्रिया

स्कूल प्रबंधन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) से संपर्क किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द किया जाएगा। स्कूल प्रशासन ने पालकों और छात्राओं को धैर्य रखने की सलाह दी और कहा कि वे इस मामले को उच्च अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे ताकि उर्दू शिक्षक की व्यवस्था की जा सके।

पीटीए बैठकों में पहले भी उठ चुका है मुद्दा

यह समस्या कोई नई नहीं है। पालकों ने बताया कि इस मुद्दे को पहले भी पीटीए (पैरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन) की बैठकों में कई बार उठाया जा चुका है। पालकों ने चिंता व्यक्त की थी कि गैर-उर्दू भाषी शिक्षकों को उच्च माध्यमिक वर्ग में प्रभार दिया गया है, जो कि उर्दू माध्यम के छात्रों के लिए उपयुक्त नहीं है।

उर्दू शिक्षकों की कमी से प्रभावित हो रहा है छात्रों का भविष्य

शासकीय उर्दू गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल परदेशीपुरा खंडवा जिले का एकमात्र उर्दू माध्यम का हायर सेकंडरी स्कूल है। यहां के छात्रों का भविष्य उर्दू शिक्षा पर निर्भर है, लेकिन उर्दू शिक्षकों की कमी के कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। पालकों ने बताया कि यदि उर्दू भाषा के शिक्षक उपलब्ध नहीं कराए गए, तो बच्चों का शैक्षणिक भविष्य अंधकारमय हो सकता है।

उर्दू शिक्षक की अनुपलब्धता पर पालकों की प्रतिक्रिया

पालकों का कहना है कि उच्च माध्यमिक शिक्षकों को माध्यमिक वर्ग से उच्च माध्यमिक वर्ग में प्रभार देने की प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि शिक्षक उर्दू भाषा में दक्ष हो। गैर-उर्दू भाषी शिक्षकों को उर्दू माध्यम के छात्रों की शिक्षा में शामिल करना छात्रों के हित में नहीं होगा।

डीईओ से समस्या के समाधान की उम्मीद

स्कूल प्रशासन ने डीईओ से इस मामले पर चर्चा की है और उम्मीद है कि जल्द ही उर्दू शिक्षक की नियुक्ति की जाएगी। पालकों ने कहा कि वे डीईओ से तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा रखते हैं ताकि उनके बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि यदि समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे उच्‍च अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखेंगे।

छात्राओं की टीसी की मांग और स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया

छात्राओं ने साफ-साफ कहा कि यदि उर्दू शिक्षक की व्यवस्था नहीं की गई, तो वे टीसी लेकर अन्यत्र जाकर पढ़ाई करेंगी। स्कूल प्रबंधन ने उनकी बात सुनी और उन्हें आश्वासन दिया कि वे उनकी समस्या को हल करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

उर्दू शिक्षक की नियुक्ति का महत्व

शासकीय उर्दू गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल परदेशीपुरा में उर्दू शिक्षक की नियुक्ति अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह स्कूल खंडवा जिले का एकमात्र उर्दू माध्यम का स्कूल है। उर्दू भाषा की पढ़ाई और परीक्षा दोनों उर्दू में होती हैं, इसलिए उर्दू भाषा में दक्ष शिक्षक का होना आवश्यक है।

खंडवा के इस उर्दू स्कूल में उर्दू शिक्षक की अनुपलब्धता से उत्पन्न हुई स्थिति ने शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है। पालकों और छात्राओं की चिंता जायज है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शिक्षा विभाग इस मामले को कैसे सुलझाता है।

उर्दू भाषा के शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग को ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि उर्दू माध्यम के छात्र सही ढंग से शिक्षा प्राप्त कर सकें और उनका भविष्य सुरक्षित रह सके।

संक्षेप में: खंडवा के शासकीय उर्दू गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल परदेशीपुरा में 40 छात्राओं और उनके पालकों ने उर्दू शिक्षक की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और टीसी की मांग की। स्कूल प्रशासन ने डीईओ से चर्चा कर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। इस समस्या के समाधान के लिए शिक्षा विभाग को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।

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