केंद्र सरकार ने केंद्रीय बजट 2024-25 में पूर्वोदय योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य पूर्वी भारत के पांच राज्यों—बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, और आंध्र प्रदेश—के समग्र विकास को गति देना है। इस योजना के तहत, केंद्र सरकार इन राज्यों में औद्योगिक और अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण समर्थन और सहायता प्रदान करेगी। अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे की दिशा में उठाए गए इस कदम से पूर्वोत्तर क्षेत्र का औद्योगिक विकास भी बढ़ेगा।
पूर्वोदय योजना का उद्देश्य और लाभ
पूर्वोदय योजना का मुख्य उद्देश्य मानव संसाधन विकास, अवसंरचना विकास, और आर्थिक अवसरों का सृजन करना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना का ऐलान करते हुए कहा कि यह योजना पूर्वी भारत के राज्यों को विकसित भारत के लक्ष्य की ओर अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। बजट में इन राज्यों के विकास के लिए विशेष योजनाएं और प्रावधान किए गए हैं।
सड़क परियोजनाओं के लिए केंद्रीय सहायता
बजट में शामिल प्रमुख प्रावधानों में बिहार के लिए सड़क परियोजनाओं के विकास के लिए केंद्रीय सहायता प्रदान करना शामिल है। बिहार में पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे, और बोधगया, राजगीर, वैशाली, और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं के विकास के लिए 26 हजार करोड़ रुपये की लागत का प्रस्ताव है। इसके अतिरिक्त, बक्सर में गंगा नदी पर एक नए दो लेन वाले पुल के निर्माण के लिए भी केंद्र सरकार सहायता प्रदान करेगी। इन परियोजनाओं के पूरा होने से झारखंड और बिहार के बीच यात्रा करने वाले लाखों लोगों को सुविधा मिलेगी।
औद्योगिक गलियारे और औद्योगिक केंद्र
अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के तहत, केंद्र सरकार ने गया में एक औद्योगिक केंद्र के विकास के लिए सहायता देने की घोषणा की है। इस औद्योगिक गलियारे का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है। गया का यह औद्योगिक केंद्र भविष्य के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करेगा, जो प्राचीन केंद्रों को आधुनिक अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने में सहायक होगा। झारखंड को भी इस परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद है।
पूर्वोदय की शुरुआत और ‘हिन्दुस्तान’ की पहल
‘हिन्दुस्तान’ के पूर्वोदय अभियान की पहल ने केंद्र सरकार को पूर्वी भारत के राज्यों के विकास की दिशा में सक्रिय कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। ‘पूर्वोदय’ का उद्देश्य इन राज्यों की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत, और खनिज संसाधनों को बढ़ावा देना है, जो लंबे समय से विकास की मुख्यधारा से पीछे रह गए थे। अखबार ने विभिन्न संस्करणों के माध्यम से इस क्षेत्र के विकास की अवधारणा को साकार करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के नीति निर्माताओं के साथ संवाद आयोजित किया था।
सार्वजनिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
पूर्वोदय योजना की शुरुआत से राज्य सरकारों और स्थानीय नेताओं में उत्साह देखा जा रहा है। राज्य सरकारों ने इस नई योजना का स्वागत किया है और इसे क्षेत्र के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया है। हालांकि, कुछ विपक्षी नेताओं ने बजट में शामिल अन्य प्रावधानों के साथ-साथ पूर्वोदय योजना पर भी प्रश्न उठाए हैं। उनका कहना है कि इस योजना में जो भी प्रावधान किए गए हैं, वे पर्याप्त नहीं हैं और इनका कार्यान्वयन सही ढंग से होना चाहिए।
केंद्रीय बजट 2024-25 में पूर्वोदय योजना की शुरुआत पूर्वी भारत के पांच राज्यों के लिए एक नई आशा का संचार करती है। इस योजना के माध्यम से सरकार ने इन राज्यों के औद्योगिक और अवसंरचनात्मक विकास को प्राथमिकता दी है, जो भविष्य में इन क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर सकता है। साथ ही, अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के तहत की जा रही परियोजनाएं और सड़क संपर्क परियोजनाएं भी इन राज्यों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।