नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त मकानों के निर्माण की घोषणा की है। इस प्रस्ताव के तहत उत्तर प्रदेश को 15 लाख से 20 लाख अतिरिक्त मकानों का लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है। यह योजना यूपी में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है और राज्य के आवासीय संकट को दूर करने में सहायक हो सकती है।
यूपी को मिले थे पहले चरण में 17.70 लाख आवास
प्रधानमंत्री आवास योजना के पहले चरण में उत्तर प्रदेश को 17.70 लाख शहरी आवास आवंटित किए गए थे। इस योजना के अंतर्गत गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को सस्ते और गुणवत्ता वाले मकान प्रदान किए जाते हैं। नगर विकास अभिकरण (सूडा) के अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय बजट में नए प्रधानमंत्री आवासों के निर्माण की घोषणा के बाद यूपी को और अधिक लाभ मिलेगा।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में शहरी क्षेत्रों के लिए 40 लाख आवासों की आवश्यकता बताई गई थी। हालांकि, वास्तविक स्थिति का पता तब लगेगा जब दूसरे चरण के सर्वेक्षण की रिपोर्ट आएगी। इसके आधार पर यह तय होगा कि कितने और मकान जरूरतमंद लोगों को मिलेंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना के चार घटक
प्रधानमंत्री आवास योजना में चार मुख्य घटक हैं:
- स्व स्थाने स्लम पुनर्विकास योजना: इस योजना के तहत मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को वहीं पर प्रधानमंत्री आवास बनाकर दिए जाते हैं।
- ऋण आधारित सब्सिडी के माध्यम से किफायती आवास योजना: इस योजना के तहत कर्ज लेने वालों को सहायता राशि प्रदान की जाती है, जिससे वे किफायती आवास प्राप्त कर सकें।
- भागीदारी में किफायती आवास योजना: इस योजना को विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के माध्यम से संचालित किया जाता है। मकान लेने वालों को इसमें ढाई लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
- लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण योजना: इस योजना में जिनके पास खुद की जमीन होती है, उन्हें मकान बनाने के लिए धनराशि प्रदान की जाती है।
इन योजनाओं के माध्यम से सरकार का उद्देश्य हर वर्ग के लोगों को सस्ते और गुणवत्ता वाले आवास प्रदान करना है, जिससे देश में आवासीय संकट को कम किया जा सके।
केंद्र सरकार की करों से यूपी को मिलने वाली राशि
केंद्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को केंद्रीय करों और शुल्कों के तहत कुल 2 लाख 23 हजार 737 करोड़ रुपये मिलेंगे। इस राशि में सबसे अधिक भागीदारी आयकर से है। यूपी को आयकर के मद में 77,376.30 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके अतिरिक्त, यूपी को कारपोरेशन टैक्स के रूप में 67,183.75 करोड़ रुपये, सेंट्रल जीएसटी से 66,841.92 करोड़ रुपये, कस्टम से 9,878 करोड़ रुपये, यूनियन एक्साइज ड्यूटी से 2,082.13 करोड़ रुपये, सर्विस टैक्स से 7.35 करोड़ रुपये, और अन्य करों से 367.78 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।
केंद्रीय करों में उत्तर प्रदेश की कुल हिस्सेदारी 17.939 प्रतिशत है। इस हिसाब से चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए यूपी को कुल 2,23,737.23 करोड़ रुपये मिलेंगे।
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को मिलने वाले अतिरिक्त 15 से 20 लाख मकानों की संभावना राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह योजना न केवल गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को सस्ते आवास प्रदान करेगी, बल्कि राज्य के आवासीय संकट को भी कम करने में मदद करेगी। साथ ही, केंद्र सरकार द्वारा यूपी को करों से मिलने वाली बड़ी राशि राज्य के विकास और समृद्धि में योगदान देगी। यह बजट प्रस्ताव प्रदेश के आर्थिक विकास और सामाजिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।