नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश किए गए बजट में कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं पर सीमा शुल्क छूट का महत्वपूर्ण प्रस्ताव किया है। इस प्रस्ताव के तहत, Trastuzumab Deruxtecan, Osimeritinib, और Durvalumab जैसी दवाओं के आयात पर सीमा शुल्क से छूट दी जाएगी, जिससे इनकी कीमतों में कमी आ सकती है। यह घोषणा मरीजों के लिए राहत भरी मानी जा रही है और इसे आम आदमी के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
दवाओं पर सीमा शुल्क छूट का प्रस्ताव
केंद्र सरकार ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली तीन प्रमुख दवाओं के आयात पर सीमा शुल्क छूट का प्रस्ताव पेश किया है। इनमें Trastuzumab Deruxtecan, Osimeritinib, और Durvalumab शामिल हैं। सरकार ने इन दवाओं पर लगने वाली 10 फीसदी सीमा शुल्क को शून्य पर लाने का प्रस्ताव दिया है। इससे इन दवाओं की कीमतों में भारी कमी आ सकती है, जो कि कैंसर के मरीजों के लिए वित्तीय राहत का बड़ा कदम होगा।
दवाओं की कीमतें और निर्माता
ये दवाएं ब्रिटेन की प्रमुख दवा कंपनी AstraZeneca द्वारा तैयार की जाती हैं।
- Trastuzumab Deruxtecan: इस दवा का ब्रांड नाम एन्हेर्तु है और इसकी कीमत लगभग 3 लाख रुपये प्रति वायल है।
- Osimeritinib: इस दवा का ब्रांड टागरिसू है, जिसकी 10 टैबलेट की कीमत 1.51 लाख रुपये है।
- Durvalumab: इस दवा की कीमत 45 हजार 500 रुपये प्रति वायल होती है।
इन दवाओं की कीमतों में कमी से कैंसर के इलाज की लागत में भी भारी कमी आएगी, जिससे मरीजों को आर्थिक रूप से राहत मिलेगी।
जानकारों की प्रतिक्रिया
फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) डॉ. आशुतोष रघुवंशी ने इस बजट प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “सरकार ने इन दवाओं पर सीमा शुल्क की छूट देकर कैंसर के इलाज के दौरान पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करने में ठोस कदम उठाया है।”
डॉ. रघुवंशी ने आगे कहा कि सरकार द्वारा किए गए इस कदम से कैंसर उपचार की लागत में कमी आएगी, जिससे मरीजों और उनके परिवारों पर वित्तीय दबाव कम होगा। इसके अलावा, उन्होंने चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम के तहत एक्स-रे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टरों के लिए बीसीडी (मूल सीमा शुल्क) में बदलाव का भी स्वागत किया। उनका मानना है कि इससे घरेलू ओईएम निर्माताओं को लाभ होगा, जिससे स्थानीय स्रोतों को प्रोत्साहन मिलेगा और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
कैंसर उपचार की लागत में राहत
कैंसर के इलाज की लागत हमेशा से एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय रही है। उच्च लागत के कारण कई मरीजों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पाती या उन्हें वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। केंद्र सरकार द्वारा सीमा शुल्क छूट का यह प्रस्ताव कैंसर के मरीजों को इलाज की अधिक पहुंच प्रदान करेगा और उनके इलाज की लागत को कम करेगा।
आयात शुल्क में छूट के प्रभाव
आयात शुल्क में छूट का प्रस्ताव न केवल कैंसर दवाओं की कीमतों को कम करेगा, बल्कि यह दवा उद्योग और स्वास्थ्य क्षेत्र पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा। इससे दवा कंपनियों को आयात पर कम शुल्क चुकाना पड़ेगा, जिससे वे अपनी कीमतों को प्रतिस्पर्धी बना सकेंगी। इसके अतिरिक्त, मरीजों को उच्च गुणवत्ता की दवाओं की उपलब्धता में भी सुधार होगा।
मेडिकल उपकरणों पर भी सीमा शुल्क में कमी
बजट में सिर्फ कैंसर दवाओं पर ही नहीं, बल्कि कई मेडिकल उपकरणों पर भी सीमा शुल्क घटाने का प्रस्ताव किया गया है। इससे मेडिकल उपकरणों की लागत में कमी आएगी और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। यह स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त होंगी।
केंद्र सरकार ने बजट में पेश किए गए प्रस्तावों के माध्यम से कैंसर के इलाज में उपयोगी दवाओं पर सीमा शुल्क छूट देने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है। Trastuzumab Deruxtecan, Osimertinib, और Durvalumab जैसी दवाओं पर सीमा शुल्क छूट से इनकी कीमतों में कमी आएगी, जिससे कैंसर के मरीजों को इलाज की लागत में राहत मिलेगी। इसके साथ ही, मेडिकल उपकरणों पर भी सीमा शुल्क में कमी से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। यह बजट प्रस्ताव मरीजों और उनके परिवारों के लिए एक सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।