Friday, April 11, 2025

कांकेर छात्रावास में सीनियर की बर्बरता: जूनियर्स को 4-180 डंडे

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घटना का विवरण

मध्यप्रदेश के कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल स्थित प्री-मैट्रिक छात्रावास में एक गंभीर घटना घटी, जिसमें सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों की बेरहमी से पिटाई की। आरोप है कि बुक के कवर की कमी के कारण जूनियर छात्रों को बेतहाशा पीटा गया। घटना की चौंकाने वाली जानकारी तब सामने आई जब दो बच्चे घर लौट आए और अपने पालकों को इस कुप्रवृत्ति की जानकारी दी।

घटना की पृष्ठभूमि

यह घटना शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात की है। सीनियर छात्रों ने बुक के जिल्द (कवर) की मांग की, साथ ही अन्य कार्यों की भी बातें की जैसे कपड़े की सफाई और मच्छरदानी का प्रयोग। जब जूनियर छात्रों ने इन मांगों को पूरा नहीं किया, तो उन्हें बेरहमी से पीटा गया। किसी को चार डंडे तो किसी को 180 डंडे मारे गए। यह स्थिति इतनी गंभीर थी कि बच्चों ने डर के मारे अपने पालकों को घटना की जानकारी दी।

अधीक्षक की लापरवाही और प्रतिक्रिया

छात्रावास अधीक्षक सतीश जुर्री ने इस घटना के बारे में बताया कि उन्हें पिटाई की जानकारी बच्चों द्वारा नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा, “जब दो बच्चों के पालक शनिवार को छात्रावास पहुंचे, तब हमें इस घटना की जानकारी हुई। अगर एक बच्चा भी तत्काल शिकायत करता, तो घटना की गंभीरता कम हो सकती थी।” यह बयान अधीक्षक की लापरवाही को उजागर करता है, क्योंकि घटना के समय वह और चौकीदार छात्रावास में ही मौजूद थे।

पिटाई का वर्णन और पीड़ित छात्रों की बातें

कक्षा 8वीं के छात्रों ने बताया कि एक सीनियर छात्र ने जिल्द देने के लिए मना करने पर उन्हें 180 डंडे मारे। दूसरे छात्र ने बताया कि पैसे मिलाकर जिल्द खरीदी थी, फिर भी सीनियर छात्र ने 180 डंडे मारे। अन्य छात्रों को भी भिन्न-भिन्न संख्या में डंडे मारे गए, जैसे चार, दस, पचास, साठ, और सौ से अधिक डंडे। इस बर्बरता से छात्र काफी भयभीत और आहत हैं।

पालकों की शिकायत और कार्रवाई की मांग

घटना की जानकारी मिलने पर प्रभारी मंडल संयोजक बैजनाथ नरेटी ने छात्रावास पहुंचकर बच्चों से बयान दर्ज किए। उन्होंने कहा, “मारपीट की यह घटना अत्यंत निंदनीय है।” पालक गुलाब बघेल ने कहा, “हमारे बच्चे अगर घर नहीं भागते, तो मारपीट की यह घटना उजागर नहीं होती। मेरे बच्चे को 50 डंडे मारे गए। हम अधीक्षक के भरोसे बच्चों को छात्रावास में रखते हैं। 15 बच्चों से मारपीट की गई है, जो बड़ी लापरवाही है। अगर बच्चे घर आकर जानकारी नहीं देते, तो दोबारा मारपीट हो सकती थी। इस घटना की जांच होनी चाहिए।”

पालक मिलाप बघेल ने कहा कि अधीक्षक की लापरवाही से यह घटना घटी है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधीक्षक ने इस घटना को चार दिन तक छिपाए रखा। मिलाप बघेल ने कहा, “अगर मेरा भतीजा घर नहीं आता, तो घटना की गंभीरता का पता नहीं चलता। अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।”

प्रशासन की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई

घटना के बाद, प्रशासन ने छात्रों और पालकों की शिकायत पर संज्ञान लिया है। इस मुद्दे की गहन जांच के लिए उच्चाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जिला शिक्षा विभाग और छात्रावास प्रबंधन इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं।

कांकेर के दुर्गूकोंदल छात्रावास में सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों की बेरहमी से की गई पिटाई ने न केवल छात्रावास प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि छात्रावासों में सुरक्षा और अनुशासन की स्थिति कितनी महत्वपूर्ण है। इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लेना आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।

अब इस मामले की जांच की जा रही है और उम्मीद की जा रही है कि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, छात्रावासों में सुरक्षा के मानकों को मजबूत किया जाएगा, ताकि छात्रों की सुरक्षा और उनके अधिकार सुनिश्चित किए जा सकें।

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