भारत में सोने की कीमतों में समानता लाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की प्रस्तावित “एक देश, एक दाम” नीति को जेम एंड ज्वैलरी काउंसिल ने अपना समर्थन दिया है। बताया जा रहा है कि इस नीति के तहत देशभर के तमाम बड़े आभूषण विक्रेता सहमत हो गए हैं। वर्तमान में, भारत के हर राज्य और बड़े शहर में सोने का दाम अलग होता है, जिसमें राज्यों की टैक्स की दरें और अन्य कारक शामिल होते हैं। इस नीति के लागू होने के बाद सभी जगह सोने के भाव समान होंगे, जिससे बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहकों को एक समान दर पर सोना उपलब्ध हो सकेगा।
Table of Contents
Toggleराष्ट्रीय सर्राफा एक्सचेंज की स्थापना
सरकार इस नीति को लागू करने के लिए नेशनल बुलियन एक्सचेंज यानी राष्ट्रीय सर्राफा एक्सचेंज स्थापित करेगी। इस एक्सचेंज के जरिए सोने की कीमत का निर्धारण किया जाएगा, और तय कीमत पर आभूषण विक्रेता सोना बेचेंगे। इससे सोने की कीमतों में पारदर्शिता आएगी और बाजार में मूल्य स्थिरता बनी रहेगी।
सितंबर 2024 में आधिकारिक घोषणा की संभावना
सूत्रों के मुताबिक, सितंबर 2024 में होने वाली बैठक में इस नीति को लेकर आधिकारिक घोषणा की जा सकती है। हालांकि, इस नीति को लागू करने और उसके बाद उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए स्वर्ण उद्योग नई योजना बना रहा है। इसके लिए सरकार और उद्योग जगत मिलकर काम कर रहे हैं ताकि इस नई व्यवस्था को सफलतापूर्वक लागू किया जा सके।
सोने के दामों में कमी की संभावना
इस नीति के लागू होने से बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी। सोने की कीमतों में अंतर कम होने की वजह से इसकी कीमतों में भी कमी आ सकती है। इसके अलावा, अभी जो सोने की मनमानी कीमतें वसूलने की प्रवृत्ति पर भी लगाम लगेगी। इस तरह, ग्राहकों को एक समान और सही कीमत पर सोना मिल सकेगा, जो कि उनके लिए फायदेमंद साबित होगा।
ग्राहकों के लिए लाभकारी नीति
यह नीति ग्राहकों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित हो सकती है। सोने की एक ही दर होने से सभी ग्राहकों को एक ही कीमत पर आभूषण मिलेंगे। पूरे देश में एक ही दर होने से सोने का बाजार और अधिक बेहतर हो जाएगा। इसके अलावा, राज्यों में अलग-अलग कीमतों के एक होने से सोने की कीमत में कमी आ सकती है। ऐसा होने से स्वर्ण उद्योग में भी उचित प्रतिस्पर्धी माहौल बनेगा।
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
जेम एंड ज्वैलरी काउंसिल के समर्थन से इस नीति को और भी बल मिला है। काउंसिल का मानना है कि इस नीति के लागू होने से स्वर्ण उद्योग में पारदर्शिता और भरोसा बढ़ेगा। यह नीति आभूषण विक्रेताओं के लिए भी लाभकारी साबित हो सकती है, क्योंकि इससे उनकी बिक्री में वृद्धि हो सकती है और ग्राहकों का विश्वास भी बढ़ेगा।
चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि, इस नीति को लागू करने में कुछ चुनौतियाँ भी हो सकती हैं। राज्यों की अलग-अलग टैक्स दरें और परिवहन लागत के कारण सोने की कीमतों में अंतर आ सकता है। इसके समाधान के लिए सरकार और उद्योग जगत मिलकर प्रयास कर रहे हैं। सरकार की योजना है कि नेशनल बुलियन एक्सचेंज के जरिए इन चुनौतियों का समाधान किया जाए और सभी राज्यों में एक समान टैक्स दरें लागू की जाएं।
“एक देश, एक दाम” नीति भारत में सोने की कीमतों में समानता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस नीति के लागू होने से न केवल सोने की कीमतों में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि ग्राहकों को भी एक समान और सही कीमत पर सोना मिल सकेगा। जेम एंड ज्वैलरी काउंसिल और अन्य बड़े आभूषण विक्रेताओं के समर्थन से इस नीति को और भी मजबूती मिलेगी। सितंबर 2024 में होने वाली बैठक में इस नीति को लेकर आधिकारिक घोषणा की उम्मीद की जा रही है, जिससे स्वर्ण उद्योग में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार होगा।