इंदौर, 14 जुलाई 2024 – इंदौर ने रविवार को एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब मात्र 12 घंटे में 11 लाख से अधिक पौधे रोपे गए। इस महाअभियान के तहत इंदौर ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में एक नया रिकॉर्ड दर्ज किया, जो पहले असम के नाम था। इस ऐतिहासिक अभियान में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हुए और अपनी मां के नाम पर एक पीपल का पौधा रोप कर इस पहल की सराहना की।
महाअभियान की शुरुआत और सफलता
मध्य प्रदेश शासन के महाअभियान “एक पेड़ मां के नाम” के तहत इंदौर की जनता और जनप्रतिनिधियों ने 12 घंटे में 11 लाख पौधे रोपने का संकल्प लिया था। यह अभियान इंदौर की रेवती रेंज पहाड़ियों पर सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शाम 7 बजे तक चला। हालांकि, संकल्पित लक्ष्य को साढ़े नौ घंटे में ही पूरा कर लिया गया। पौधारोपण की संख्या शाम 4.30 बजे तक 12 लाख से भी अधिक हो गई थी, और यह सिलसिला जारी रहा।
गिनीज रिकॉर्ड की पुष्टि
इस महाअभियान में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम के 300 से अधिक सदस्य मौजूद थे, जिन्होंने विभिन्न स्थलों पर पौधारोपण का डिजिटल रिकॉर्ड बनाकर इस ऐतिहासिक उपलब्धि की पुष्टि की। देर शाम, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव को इंदौर की इस महान उपलब्धि का प्रमाण पत्र प्रदान किया।
अमित शाह की उपस्थिति और संदेश
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस महाअभियान में दोपहर करीब सवा एक बजे रेवती रेंज पहुंचे। उनके साथ मुख्यमंत्री मोहन यादव, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसीराम सिलावट और महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी उपस्थित थे। शाह ने अपनी मां के नाम पर एक पीपल का पौधा रोपकर इस अभियान में अपनी भागीदारी दर्ज की।
पौधारोपण स्थल पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, “जो पौधे रोपे गए हैं, उन्हें बच्चों की तरह बड़ा करना होगा। यही पौधे पेड़ बनकर मां की तरह आपका ध्यान रखेंगे।” उन्होंने इंदौर की स्वच्छता, स्वाद, सुशासन और सहयोग की प्रशंसा की और कहा कि आज से यह शहर “एक पेड़ मां के नाम” अभियान में सहभागिता के लिए भी पहचाना जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इंदौर अब मेट्रो सिटी, क्लीन सिटी, शिक्षा हब के साथ-साथ ग्रीन सिटी के नाम से भी जाना जाएगा।
जनभागीदारी और उत्साह
इस महाअभियान में इंदौर की जनता ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। विभिन्न समाजिक संगठनों, स्कूलों, कॉलेजों और स्वयंसेवी संस्थाओं ने इस पहल में सक्रिय भूमिका निभाई। शहर के हर कोने से लोग पौधारोपण के लिए एकत्रित हुए और इस पहल को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
पौधों की देखभाल का महत्व
इस महाअभियान के दौरान यह भी जोर दिया गया कि रोपे गए पौधों की देखभाल बहुत महत्वपूर्ण है। अमित शाह ने कहा कि पौधों को बच्चों की तरह देखभाल की जरूरत होती है। अगर इन्हें सही तरीके से संभाला जाए, तो ये पौधे भविष्य में बड़े पेड़ बनकर पर्यावरण को बेहतर बनाएंगे और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित करेंगे।
इंदौर ने इस महाअभियान के तहत न केवल एक नया रिकॉर्ड बनाया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी दर्शाया। इस पहल ने न केवल गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज किया, बल्कि शहरवासियों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना को भी बढ़ावा दिया। इस महाअभियान की सफलता से यह स्पष्ट हो गया है कि सामूहिक प्रयासों से बड़े से बड़े लक्ष्य को भी आसानी से हासिल किया जा सकता है। इंदौर का यह प्रयास अन्य शहरों और राज्यों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा, जिससे वे भी पर्यावरण संरक्षण के लिए ऐसे महाअभियानों का आयोजन कर सकें।
इस महाअभियान की सफलता ने यह भी साबित कर दिया कि जब एक समाज एकजुट होकर किसी महत्वपूर्ण लक्ष्य के लिए प्रयास करता है, तो कोई भी बाधा उनके रास्ते में नहीं आ सकती। इंदौर का यह अभियान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और हरित भविष्य की नींव रखेगा।