पिछले कई महीनों से इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी युद्ध थमता नहीं दिख रहा है। दोनों ओर से लगातार हमले किए जा रहे हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे जा रहे हैं और घायल हो रहे हैं। ताजा घटना में, गाजा में हुए इजरायली हमले में 70 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर कई आरोप लगाए हैं।
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गाजा में हुए इस ताजा इजरायली हमले में 70 लोगों की मौत हो गई है और 50 लोग अब भी लापता हैं। हमास ने इजरायल पर आरोप लगाया है कि उसने पूर्वी गाजा शहर में हजारों फलस्तीनियों को पश्चिमी और दक्षिणी इलाकों में जाने के लिए कहा और उन पर गोलीबारी कर दी। हमास का कहना है कि इनमें से कई लोगों ने खुद को विस्थापित बताया था, लेकिन इजरायली सेना ने उन्हें भी मार दिया। हमास ने इजरायल की सेना पर सुनियोजित तरीके से हमले करने का आरोप लगाया है।
हमास का आरोप और अंतरराष्ट्रीय अपील
हमास ने इस घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे इस युद्ध को रुकवाने के लिए इजरायल पर दबाव डालें। हमास के अनुसार, इजरायल की सेना ने विस्थापितों को भी मार डाला है और यह एक गंभीर मानवीय संकट है।
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने इस हमले को लेकर इजरायल की आलोचना की है। उन्होंने तत्काल युद्धविराम करने और सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई की बात कही है। दुजारिक ने कहा, “जब तक यह संघर्ष चल रहा है, लोगों को उनकी जरूरत के अनुसार चिकित्सा सहायता, भोजन, आश्रय देना असंभव है और युद्ध में मारे जा रहे लोगों को सम्मानजनक अंतिम संस्कार भी देना असंभव है।”
मानवीय संकट और संयुक्त राष्ट्र की चिंता
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा कि “लोग अभी भूखे हैं। लोगों को पानी की जरूरत है। लोगों को चिकित्सा सहायता की जरूरत है। और यही वह काम है जो हम युद्ध क्षेत्र के बीच में करने की कोशिश कर रहे हैं।” संयुक्त राष्ट्र की इस चिंता से यह स्पष्ट होता है कि युद्ध के कारण लोगों की स्थिति बेहद खराब हो गई है और उन्हें तुरंत मदद की जरूरत है।
संघर्ष की पृष्ठभूमि
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच यह संघर्ष एक लंबे समय से चला आ रहा है। दोनों पक्षों के बीच जमीन और राजनीतिक अधिकारों को लेकर विवाद है। हर बार की तरह इस बार भी हिंसा का दौर थमता नजर नहीं आ रहा है। दोनों पक्षों की तरफ से लगातार हमले हो रहे हैं, जिससे क्षेत्र में शांति स्थापित करने की सभी कोशिशें नाकाम होती दिख रही हैं।
इजरायल का पक्ष
इजरायल का कहना है कि उसके हमले आत्मरक्षा में किए जा रहे हैं। इजरायली सेना के अनुसार, हमास और अन्य आतंकी संगठनों द्वारा इजरायली नागरिकों और क्षेत्रों पर रॉकेट हमले किए जा रहे हैं, जिसके जवाब में ये हमले किए जा रहे हैं। इजरायल का कहना है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी तरह के आतंकवादी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा।
हमास का दृष्टिकोण
हमास का कहना है कि इजरायल की सेना ने जानबूझकर और सुनियोजित तरीके से हमले किए हैं। उनका आरोप है कि इजरायल ने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है और निर्दोष लोगों को मारा है। हमास का यह भी कहना है कि वह फिलिस्तीनी जनता के अधिकारों और जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहा है।
मानवाधिकार संगठनों की भूमिका
विभिन्न मानवाधिकार संगठनों ने भी इस संघर्ष में मानवीय संकट पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि युद्ध में सबसे ज्यादा नुकसान आम नागरिकों का हो रहा है। ये संगठन इजरायल और हमास दोनों से अपील कर रहे हैं कि वे शांति वार्ता करें और हिंसा का रास्ता छोड़ें।
समाधान की दिशा में प्रयास
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों की ओर से लगातार शांति प्रयास किए जा रहे हैं। इन संगठनों का कहना है कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। केवल संवाद और आपसी समझौते से ही इस संघर्ष का हल निकाला जा सकता है।
गाजा में इजरायली हमले के बाद हुई मौतों और हमास के आरोपों ने एक बार फिर से इस क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने तत्काल युद्धविराम की अपील की है और मानवीय सहायता पहुंचाने की कोशिशें की जा रही हैं। इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी इस संघर्ष में सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता का हो रहा है, जिन्हें युद्ध के बीच फंसे रहकर अपनी जान की बाजी लगानी पड़ रही है। इस संकट का समाधान तभी संभव है जब दोनों पक्ष शांति वार्ता के लिए तैयार हों और हिंसा का रास्ता छोड़ें।
इस खबर से यह स्पष्ट होता है कि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी युद्ध ने मानवता को संकट में डाल दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि वह इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करे और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठाए।