भोपाल, 13 अगस्त 2024: भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) के 11वें दीक्षांत समारोह में आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस महत्वपूर्ण अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। यह समारोह भोपाल में आयोजित किया गया, जहां देशभर से आए नवोदित वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं का सम्मान किया गया।
केंद्रीय वित्त मंत्री का भाषण: राष्ट्र निर्माण में विज्ञान की भूमिका
दीक्षांत समारोह के दौरान, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने छात्रों को संबोधित करते हुए विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में उनके योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “आईआईएसईआर जैसी संस्थाएं न केवल उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान कर रही हैं, बल्कि हमारे देश के भविष्य को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तैयार कर रही हैं। प्राकृतिक विज्ञान में अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में यह संस्थान वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।”
उन्होंने विज्ञान और अनुसंधान को राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण बताया और कहा कि छात्रों को अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज और देश की भलाई के लिए करना चाहिए। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे विज्ञान के क्षेत्र में नवीनता और अन्वेषण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखें और देश की उन्नति में योगदान दें।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का संदेश: “नई पीढ़ी को प्रेरित करें”
समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने आईआईएसईआर के छात्रों और शिक्षकों की प्रशंसा की और कहा, “यह संस्थान हमारी नई पीढ़ी को वैज्ञानिक दृष्टिकोण और अनुसंधान के प्रति प्रेरित कर रहा है।” मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में और अधिक निवेश करने का वादा किया, ताकि इस क्षेत्र में उत्कृष्टता को और अधिक बढ़ावा दिया जा सके।
उन्होंने छात्रों से कहा कि वे विज्ञान के क्षेत्र में नए प्रयोग करें और समाज को अपनी सोच से बदलें। “आपके द्वारा किए गए अनुसंधान और अन्वेषण का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ेगा, और आपकी उपलब्धियां देश की समृद्धि में योगदान करेंगी।”
आईआईएसईआर: एक स्वायत्त संस्थान की भूमिका
आईआईएसईआर (भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान) एक स्वायत्त संस्थान है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा मंत्रालय के माध्यम से स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक विज्ञान में उच्चतम स्तर की शिक्षा और अनुसंधान को प्रोत्साहित करना है। इस संस्थान का लक्ष्य स्नातक स्तर पर छात्रों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान देना है, बल्कि उन्हें व्यावहारिक और अनुसंधान-आधारित शिक्षा भी प्रदान करना है।
इस संस्थान की स्थापना से अब तक, यहां से निकले छात्रों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। आईआईएसईआर अपने छात्रों को विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और प्रवृत्तियों से अवगत कराते हुए उन्हें एकीकृत बुनियादी विज्ञान में उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करता है।
दीक्षांत समारोह: छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन
11वां दीक्षांत समारोह छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन था। इस दिन उन्होंने वर्षों की मेहनत का फल प्राप्त किया और विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में अपने भविष्य की दिशा निर्धारित की। केंद्रीय वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री की उपस्थिति ने इस दिन को और भी खास बना दिया।
इस अवसर पर आईआईएसईआर के निदेशक ने छात्रों को बधाई दी और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “आईआईएसईआर का हर छात्र देश के भविष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हम उन्हें भविष्य में महान वैज्ञानिक, अन्वेषक और नेता के रूप में देखना चाहते हैं।”
छात्रों की उपलब्धियां: आईआईएसईआर का गर्व
आईआईएसईआर के छात्रों ने इस साल विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। उन्होंने अनुसंधान पत्र प्रकाशित किए, नए प्रयोग किए, और विज्ञान के क्षेत्र में नए विचार प्रस्तुत किए। इस दीक्षांत समारोह में उनकी उपलब्धियों को सम्मानित किया गया और उन्हें प्रमाणपत्र दिए गए।
छात्रों ने अपनी सफलता के पीछे अपने शिक्षकों और परिवार का महत्वपूर्ण योगदान बताया। उन्होंने कहा, “हमारे शिक्षकों ने हमें हमेशा प्रेरित किया और हमें नई दिशाओं में सोचने के लिए प्रोत्साहित किया।” छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और कहा कि आईआईएसईआर ने उन्हें न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण दिया, बल्कि उन्हें एक मजबूत नैतिक आधार भी प्रदान किया।
दीक्षांत समारोह की विशेष झलकियाँ
दीक्षांत समारोह की विशेष झलकियों में छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए विज्ञान और अनुसंधान के मॉडल्स का प्रदर्शन भी शामिल था। इन मॉडलों ने छात्रों की वैज्ञानिक सोच और उनकी अनुसंधान क्षमताओं का प्रदर्शन किया। समारोह में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने छात्रों के इन प्रयासों की सराहना की।
इसके अलावा, इस समारोह में छात्रों के साथ-साथ आईआईएसईआर के शिक्षकों और स्टाफ को भी सम्मानित किया गया। उनकी मेहनत और समर्पण को सराहते हुए उन्हें प्रमाणपत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।
विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में आगे का सफर
दीक्षांत समारोह के अंत में केंद्रीय वित्त मंत्री ने छात्रों से अपील की कि वे विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में नए प्रयोग करें और अपने देश को गौरवान्वित करें। उन्होंने कहा, “हमारे देश को आपकी आवश्यकता है। आपके द्वारा किए गए अनुसंधान और अन्वेषण से देश की समृद्धि में वृद्धि होगी और समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।”
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी छात्रों को बधाई दी और कहा कि वे राज्य सरकार की ओर से उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेंगे, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें।
आईआईएसईआर का योगदान: विज्ञान और अनुसंधान में उत्कृष्टता
आईआईएसईआर के योगदान का मूल्यांकन करते हुए, यह कहा जा सकता है कि इस संस्थान ने विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में उच्चतम स्तर की शिक्षा प्रदान करने के अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इसके छात्र और शिक्षक मिलकर विज्ञान के क्षेत्र में नए मापदंड स्थापित कर रहे हैं और देश को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिला रहे हैं।
विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में एक नया युग
आईआईएसईआर का 11वां दीक्षांत समारोह न केवल छात्रों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था। इस समारोह ने विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में एक नया युग शुरू करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति ने इस समारोह को और भी खास बना दिया।
छात्रों के उत्साह और उनकी उपलब्धियों ने इस समारोह को एक ऐतिहासिक अवसर बना दिया, और यह दिन आईआईएसईआर के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया। इस दीक्षांत समारोह ने न केवल छात्रों को प्रेरित किया, बल्कि देश के भविष्य को भी एक नई दिशा दी।