बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र स्थित मुदवेंडी गांव के जंगलों में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी ब्लास्ट के परिणामस्वरूप दो डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह घटना सुरक्षा बलों के एक ऑपरेशन के दौरान हुई, जिसके बाद घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया और फिर मेकाज में भर्ती कराया गया। खराब मौसम के चलते जवानों की हालत को देखते हुए उन्हें रायपुर रेफर करने की प्रक्रिया अभी भी जारी है।
घटनाक्रम की जानकारी
मुदवेंडी गांव के जंगलों में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी के ब्लास्ट से डीआरजी के दो जवान किशन हपका और दिनेश वलवा गंभीर रूप से घायल हो गए। यह ब्लास्ट तब हुआ जब जवान एक तीन दिन के नक्सल ऑपरेशन से लौट रहे थे। इस ऑपरेशन में 1800 से अधिक जवान शामिल थे। लगातार बारिश के चलते इलाके की स्थिति कठिन हो गई थी, और ब्लास्ट के बाद घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ी।
आईईडी ब्लास्ट का विवरण
आईईडी ब्लास्ट के बाद घायल जवानों को जिला अस्पताल लाया गया। अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें मेकाज (मेट्रोपोलिटन कंसल्टेशन एंड रिसर्च सेंटर) रेफर किया गया। घायल जवानों के बाएं पैर में गंभीर चोटें आई हैं, और उनकी स्थिति को देखते हुए मेडिकल टीम ने उन्हें रायपुर रेफर करने की योजना बनाई। लेकिन खराब मौसम और आपातकालीन स्थिति के कारण जवानों को मेकाज में ही रखा गया है।
जवानों की स्थिति और उपचार
जवान किशन हपका और दिनेश वलवा ने बताया कि वे तीन दिन के नक्सल ऑपरेशन में शामिल थे। ऑपरेशन के दौरान उन्हें विभिन्न टीमों के साथ मिलकर नक्सल गतिविधियों पर नियंत्रण पाने का टास्क मिला था। पीडिया के ओयामपारा क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी के ब्लास्ट के बाद, दोनों जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया, जहां से मेकाज के लिए एंबुलेंस की सहायता से भेजा गया।
प्रभावित क्षेत्र और ऑपरेशन
मुदवेंडी गांव के जंगलों में नक्सल ऑपरेशन की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में जवानों को लगातार बारिश और कठिन मार्गों का सामना करना पड़ा। ऑपरेशन के दौरान मच्छरों और खराब मौसम के कारण सुरक्षा बलों के लिए स्थिति और भी कठिन हो गई थी। नक्सलियों की ओर से की गई इस तरह की घटनाओं ने सुरक्षा बलों की चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
घायल जवानों की स्थिति को गंभीरता से देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने त्वरित प्रतिक्रिया दी है। मेकाज में जवानों को विशेष उपचार प्रदान किया जा रहा है, और उनकी स्वास्थ्य स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। डॉक्टरों ने बताया कि दोनों जवानों के बाएं पैर में गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन उनकी स्थिति स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं।
नेटवर्क समस्याएँ और संचार
ब्लास्ट के दौरान और बाद में बारिश के कारण नेटवर्क की समस्याएँ उत्पन्न हुईं, जिससे बीजापुर में हुई घटना की जानकारी अन्य सुरक्षा बलों को समय पर नहीं मिल सकी। जवानों ने बताया कि खराब मौसम के चलते संचार व्यवस्था भी प्रभावित रही, और इस वजह से उन्हें घटना की पूरी जानकारी देर से मिली।
सामाजिक और प्रशासनिक प्रतिक्रियाएँ
आईईडी ब्लास्ट की घटना के बाद, स्थानीय समुदाय और प्रशासन ने जवानों की बहादुरी की सराहना की है। इस घटना ने नक्सलियों की बढ़ती गतिविधियों और सुरक्षा बलों के प्रति उनकी आक्रामकता को उजागर किया है। जिला प्रशासन ने घटनास्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है और नक्सल विरोधी ऑपरेशनों को और सशक्त करने का निर्णय लिया है।
भविष्य की योजना और सुरक्षा उपाय
सुरक्षा बलों और प्रशासन ने भविष्य में ऐसे घटनाओं को रोकने के लिए ठोस योजनाओं पर विचार करना शुरू कर दिया है। इन योजनाओं में बेहतर संचार व्यवस्था, तेज़ प्रतिक्रिया तंत्र और मच्छर जनित बीमारियों के खिलाफ सुरक्षा उपाय शामिल हैं। इसके अलावा, प्रभावित क्षेत्रों में अधिक सुरक्षा और निगरानी बढ़ाई जाएगी।