हरियाणा में एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है, जो न केवल अशिक्षित बुजुर्गों को शिक्षा प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें रोजगार के अवसर भी मुहैया कराएगी। हरियाणा सरकार ने ‘उल्लास’ (अंडरस्टैंडिंग लाइफलॉन्ग लर्निंग फॉर ऑल इन सोसाइटी) योजना का शुभारंभ किया है, जिसके तहत राजकीय विद्यालयों के शिक्षक अब बुजुर्गों को शिक्षा देने का कार्य करेंगे। यह योजना उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो बचपन में स्कूल नहीं जा सके और अब भी शिक्षा से वंचित हैं।
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Toggleयोजना की विशेषताएँ और उद्देश्यों पर प्रकाश
उल्लास योजना का उद्देश्य है कि समाज के अंतिम छोर तक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित की जाए। इसके तहत, सरकार ने एक सर्वेक्षण कर 13,400 लोगों को पंजीकृत किया है, जिसमें 85 बुजुर्ग भी शामिल हैं। यह योजना न केवल शिक्षा की ओर कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है बल्कि अशिक्षित युवाओं को रोजगार प्रदान करने का भी वादा करती है।
उल्लास योजना की शुरुआत से यह सुनिश्चित किया गया है कि शिक्षा का लाभ उन लोगों को भी मिले, जो किसी कारणवश विद्यालय जाकर शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाए थे। योजना के पहले चरण में, शिक्षकों के माध्यम से अशिक्षित लोगों को अक्षर ज्ञान, वाक्य निर्माण और अंकों की पहचान कराई जा रही है। इस प्रक्रिया के दौरान, उन्हें यह सिखाया जाएगा कि बैंक में पैसे कैसे निकाले जाएं और अन्य दैनिक जीवन की गतिविधियाँ कैसे संचालित की जाएं।
स्कूलिंग प्रमाण पत्र और रोजगार के अवसर
योजना का दूसरा चरण शिक्षित हुए लोगों को स्कूलिंग प्रमाण पत्र प्रदान करने का है। यह प्रमाण पत्र उन लोगों के लिए उपयोगी होगा जो अब तक शिक्षा से वंचित थे और इसके माध्यम से वे अपनी शिक्षा की यात्रा को पूरा कर सकेंगे। स्कूलिंग प्रमाण पत्र मिलने के बाद, ये लोग अपनी शिक्षा की उपाधि के साथ विभिन्न अवसरों की ओर बढ़ सकेंगे।
उल्लास योजना का तीसरा चरण रोजगार से संबंधित है। हरियाणा सरकार ने योजना को कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के साथ जोड़ा है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि शिक्षित होने के बाद लोग रोजगार प्राप्त कर सकें। इसके अंतर्गत, स्कूलिंग प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद लोग कौशल विकास के लिए आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) में डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। इस तरह से वे अपने स्वयं के व्यवसाय की शुरुआत कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
उल्लास योजना का प्रभाव और भविष्य की संभावनाएँ
इस योजना की शुरुआत से ही हरियाणा सरकार ने समाज के विभिन्न वर्गों के लिए शिक्षा और रोजगार के द्वार खोले हैं। उल्लास योजना के जिला समन्वयक राहुल कुमार ने बताया कि योजना के तीन चरणों में विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ शामिल हैं, जो लोगों को शिक्षा प्राप्त करने से लेकर रोजगार प्राप्त करने तक की पूरी यात्रा को सुनिश्चित करती हैं। योजना में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को शामिल किया गया है, जो अब तक शिक्षा से वंचित थे।
राहुल कुमार ने यह भी बताया कि योजना का पहला चरण शीघ्र ही पूरा होगा, जिसके बाद दूसरे चरण में स्कूलिंग प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे। तीसरे चरण में कौशल विकास के संबंधित कोर्स आयोजित किए जाएंगे ताकि शिक्षित लोग आत्मनिर्भर बन सकें और अपने जीवन में बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें।
समाज में उत्साह और समर्थन
इस योजना को लेकर समाज में उत्साह का माहौल है। लोग इसे एक महत्वपूर्ण पहल मानते हैं जो न केवल शिक्षा की कमी को पूरा करेगी बल्कि रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी। बुजुर्गों और युवाओं के लिए यह योजना एक नई आशा लेकर आई है, जो उन्हें शिक्षा और स्वावलंबन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने का मौका प्रदान करती है।
हरियाणा सरकार की यह पहल न केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह समाज के सभी वर्गों के लिए एक प्रेरणा भी है। योजना के सफल कार्यान्वयन के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि अन्य राज्यों में भी ऐसी पहल शुरू हो सकती है, जिससे पूरे देश में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में सुधार हो सके।