Monday, December 23, 2024

फिल्म ‘मदर इंडिया’ के यादगार ‘सुखीलाला’ पान और रोल के स्टाइल से मशहूर थे और नेगेटिव रोल्स से परेशान

- Advertisement -

कन्हैयालाल, जिन्होंने अपने सुखीलाला के किरदार से भारतीय सिनेमा में अमिट छाप छोड़ी, एक समय में छोटे से छोटे रोल से अपने करियर की शुरुआत की थी। फिल्म ‘औरत’ में सूदखोर लाला का किरदार निभाने के बाद, वे इसी फिल्म के रीमेक ‘मदर इंडिया’ में सुखीलाला के रूप में दर्शकों के दिलों पर छा गए। इन दोनों किरदारों को दर्शकों ने खूब पसंद किया और कन्हैयालाल को एक अद्वितीय पहचान दिलाई।

पुरानी फिल्मों में कुछ ऐसे किरदार होते हैं, जो सदियों तक याद रह जाते हैं। आज भी ‘मदर इंडिया’ जैसी फिल्में पुरानी और नई पीढ़ी दोनों में लोकप्रिय हैं। इस फिल्म के हर रोल को जमकर सराहना मिली थी, और आज भी इसके गाने रील्स और सोशल मीडिया पर अक्सर दिखते हैं।

कन्हैयालाल ने ‘मदर इंडिया’ में सुखीलाला का दमदार किरदार बखूबी निभाया था। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में अधिकांशतः विलेन के रोल किए, जो उन्हें पसंद नहीं थे। उनके फिल्मी सफर से जुड़े कुछ किस्से बॉलीवुड एक्ट्रेस तबस्सुम ने अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किए थे, जो कन्हैयालाल की संघर्ष भरी यात्रा को बयां करते हैं।

प्रारंभिक जीवन और संघर्ष

कन्हैयालाल का जन्म 1910 में वाराणसी के एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था। एक्टिंग का शौक होने के कारण उन्होंने ज्यादा पढ़ाई-लिखाई नहीं की। पिता के निधन के बाद, परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई और कन्हैयालाल ने अपने भाई के साथ आटे की चक्की में काम किया। इसके बाद उन्होंने पंसारी और किराना की दुकान भी खोली, लेकिन कोई भी तरीका सफल नहीं हुआ। अंततः वे मुंबई आए और फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाई।

 फिल्मों में शुरुआत

मुंबई आकर कन्हैयालाल ने छोटे-मोटे काम किए। शुरुआत में वे फिल्मों में जूनियर आर्टिस्ट थे, लेकिन अपनी पान खाने के स्टाइल और बोलने के अनोखे अंदाज के कारण वे जल्दी ही प्रसिद्ध हो गए। उन्हें तरह-तरह के रोल मिलने लगे और वे एक अच्छे एक्टर होने के साथ-साथ अच्छे राइटर भी थे। उन्होंने कई फिल्मों में गाने भी लिखे।

‘औरत’ और ‘मदर इंडिया’ का सफर

1940 में आई फिल्म ‘औरत’ कन्हैयालाल के एक सीन की वजह से सुपरहिट हुई थी। इस फिल्म के 17 साल बाद इसका रीमेक ‘मदर इंडिया’ बनाया गया। फिल्म के डायरेक्टर महबूब खान ने ‘औरत’ की पूरी कास्ट बदल दी थी, लेकिन कन्हैयालाल का रोल वही रखा। ‘मदर इंडिया’ में सुखीलाला का किरदार निभाकर वे खूब फेमस हुए।

नेगेटिव रोल का अफसोस

कन्हैयालाल का कहना था कि उन्होंने ज्यादातर फिल्मों में नेगेटिव रोल प्ले किए थे, जो कि वे बिल्कुल नहीं चाहते थे। सिर्फ कुछ ही फिल्में ऐसी थीं, जिसमें वे पॉजिटिव रोल में दिखाई दिए। उन्होंने अपने करियर में लगभग 150 फिल्मों में काम किया, लेकिन उनके लिए यह अफसोस की बात रही कि उन्हें अधिकतर नेगेटिव रोल ही मिले।

कन्हैयालाल की विरासत

कन्हैयालाल की कहानी भारतीय सिनेमा के इतिहास का एक अहम हिस्सा है। उनका संघर्ष, उनकी मेहनत और उनकी अदाकारी की काबिलियत ने उन्हें भारतीय सिनेमा में अमर बना दिया। सुखीलाला के किरदार ने उन्हें एक विशेष पहचान दिलाई, जिसे लोग आज भी याद करते हैं। उनके जैसे कलाकारों की वजह से ही भारतीय सिनेमा को उसकी पहचान मिली है और आज भी वे नए कलाकारों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं।

आपकी राय

How Is My Site?

View Results

Loading ... Loading ...
यह भी पढ़े
Advertisements
राशिफल
अन्य खबरे