दबा के ऑनलाइन बिक्री के चलते बाजार में ऐसी दवाइयां भी बिक रही है, जो प्रतिबंधित रहती है, लेकिन ऑनलाइन कंपनियों पर कोई प्रतिबंध न होने के कारण ये दवाएं आसानी से बिक जाती हैं। इसके साथ ही इन कंपनियों के चलते छोटे दवा कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
किसी भी देश की तरक्की में फार्मास्युटिकल सेक्टर का बड़ा योगदान होता है। फार्मास्युटिकल सेक्टर जितना ज्यादा मजबूत होगा, देश की आम जनता के साथ ही सरकार को भी उतना ही फायदा होगा। यह सेक्टर में 23 जुलाई को पेश होने वाले केंद्रीय बजट को लेकर उम्मीदों से भरा हुआ है। इस सेक्टर के जानकारों का कहना है कि अभी फार्मा इंडस्ट्री कई प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रही है। इस इंडस्ट्री के स्टेक होल्डर्स को नीतिगत उपायों और इंसेंटिव्स से काफी उम्मीदें हैं।
कोई भी फार्मा इंडस्ट्री इनोवेशन और ग्लोबल कंपटीशन के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट पर काफी निर्भर करता है। इस सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स को उम्मीद है कि सरकार रिसर्च व डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करेगी और इसके लिए टैक्स में राहत देगी। साथ ही सब्सिडी की भी उम्मीद की जा रही है। इससे स्वदेशी मेडिसिन के बारे में रिसर्च और डेवलपमेंट प्रोत्साहित होगा तथा इंडस्ट्री की कैपेसिटी बढ़ेगी बल्कि भारत इनोवेशन केंद्र के तौर पर भी स्थापित होगा।
जानकारों का कहना है कि डेडिकेटेड फार्मा पार्कों की स्थापना से सहयोग को बढ़ावा मिल सकता है। साथ ही बुनियादी ढांचे में वृद्धि हो सकती है और रेगुलेटरी प्रोसेस को सिस्टमैटिक किया जा सकता है। इंडस्ट्री ऐसे पार्कों के निर्माण को प्रोत्साहित करने, मैन्युफैक्चरिंग और रिसर्च के लिए फेवरेबल इनवायरमेंट को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहयता दिए जाने की भी उम्मीद है। इसका फायदा भी सभी को होगा।
दवा कारोबारियों का कहना है कि नई दवाओं के लिए अप्रूवल दिए जाने की समय सीमा तय होनी चाहिए और कांप्लायंस बर्डन को कम किया जाना चाहिए। इसके लिए रेगुलेटरी प्रोसेस को सही ढंग से व्यवस्थित किया जा सकता है। दवा सेक्टर को उम्मीद है कि सरकार बिजनेस प्रोसेस को और सरल बनाएगी और किफायती हेल्थ केयर सर्विस को बढ़ावा दिया जाएगा।
इंफ्रासेक्टर डेवलपमेंट पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। रायपुर डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के अध्यक्ष ठाकुर राजेश्वर सिंह ने कहा कि सरकार को दवा कारोबार से ऑनलाइन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
तो इस लेख में फार्मास्युटिकल सेक्टर के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई है। ऑनलाइन बिक्री के चलते प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की समस्या, सरकारी नीतियों और रेगुलेशन में सुधार की जरूरत, रिसर्च और डेवलपमेंट पर निवेश की आवश्यकता, और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के महत्व को उठाया गया है। इस लेख से समझ में आया कि फार्मा इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी समर्थन और सहयोग आवश्यक है।
फार्मास्युटिकल सेक्टर में ऑनलाइन बिक्री की विवादित मुद्दा वर्तमान में कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। जैसा कि आपने उठाया कि इसके कारण प्रतिबंधित दवाओं की आसान बिक्री हो रही है जो बाजार में असर डाल सकती है। इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए सरकार को व्यावसायिक प्रक्रियाओं को सुधारने, नए नियम और नियमावलियों को लागू करने, और उच्च गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
फार्मा इंडस्ट्री के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट का महत्व भी अत्यधिक है। नई दवाओं और उपचारों की खोज और विकास में निवेश करने से सेक्टर में नवाचार आता है और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती आती है। इसके लिए सरकारी समर्थन और इंसेंटिव्स देने की आवश्यकता है ताकि यहां पर निवेश के लिए अधिक उत्साह बढ़े।
इसके साथ ही, फार्मास्युटिकल सेक्टर के लिए अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर का होना भी महत्वपूर्ण है। उचित इंफ्रास्ट्रक्चर के बिना यहां पर उत्पादन और गुणवत्ता की वृद्धि मुश्किल होती है। इसके लिए सरकार को स्थानीय स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए ताकि सेक्टर की क्षमता में वृद्धि हो सके।
इस तरह से, फार्मास्युटिकल सेक्टर के विभिन्न मुद्दों पर सोचने और उन्हें समाधान करने के लिए सरकार, उद्यमियों, और समुदाय को मिलकर काम करना होगा।