दुनिया की निगाहें इन दिनों ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव पर टिकी हुई हैं। इस बीच, चीन ने भी इस संकट पर अपने विचार स्पष्ट कर दिए हैं। चीन ने ईरान के संप्रभुता, सुरक्षा और राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा के अधिकार का समर्थन किया है। ईरान और इजरायल के बीच बढ़ती सैन्य कार्रवाई और तनाव के बीच, अमेरिका ने भी इजरायल को अलर्ट किया है।
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Toggleअमेरिका का अलर्ट और इजरायल की सैन्य तैयारियां
रविवार को इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के बीच एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई। इस बैठक के दौरान, ऑस्टिन ने बताया कि अमेरिका को ईरान की सैन्य तैयारियों के बारे में जानकारी मिली है। उनका कहना था कि ईरान इजरायल पर बड़े पैमाने पर हमले की योजना बना रहा है। अमेरिका की चिंताओं के मुताबिक, ईरान की ओर से एक बड़ा हमला करने की संभावना है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
इस बीच, इजरायल और गाजा के बीच एक महत्वपूर्ण वार्ता होने वाली है। गुरुवार को बंधक संकट और युद्ध विराम पर बातचीत की जाएगी। अमेरिका को आशंका है कि इस वार्ता से पहले ही ईरान द्वारा एक बड़ा हमला किया जा सकता है, जिससे वार्ता की संभावनाएं और भी जटिल हो सकती हैं।
इजरायल की सैन्य कार्रवाई और गाजा पट्टी में स्थिति
गाजा पट्टी में, इजरायल की सैन्य कार्रवाई का क्रम जारी है। हाल ही में, गाजा में एक स्कूल पर किए गए हवाई हमले के बाद, इजरायल ने गाजा पट्टी के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित खान यूनिस को खाली करने का आदेश दिया है। इजरायल की सेना ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है और इससे संबंधित सूचना को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।
शनिवार को गाजा में हुए स्कूल पर हमले में 100 लोगों की मौत की खबर है। इस हमले के बाद, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में इजरायल की सैन्य कार्रवाई पर सवाल उठाए गए हैं। कई लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि निर्दोष नागरिकों की मौत हो रही है और इजरायल की कार्रवाई अत्यधिक हिंसक है। हालांकि, इजरायल का कहना है कि उसकी सैन्य कार्रवाई केवल आतंकियों को निशाना बनाने के लिए है और निर्दोष लोगों को जानबूझकर निशाना नहीं बनाया जा रहा है।
चीन का रुख और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
चीन ने इस संकट पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि ईरान को अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा का पूरा अधिकार है। चीन का यह बयान वैश्विक स्तर पर इजरायल और अमेरिका की कार्रवाइयों की समीक्षा करने की आवश्यकता को उजागर करता है। चीन का मानना है कि सभी देशों को अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने का अधिकार है और किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई को उचित तरीके से सीमित किया जाना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में इस संकट को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने इजरायल की सुरक्षा चिंताओं को साझा किया है, जबकि कई अन्य देशों ने ईरान के संप्रभुता और राष्ट्रीय अधिकारों का समर्थन किया है। यह स्थिति वैश्विक राजनीति और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण बन गई है, जो आने वाले दिनों में और भी जटिल हो सकती है।
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव और सैन्य गतिविधियों ने दुनिया भर की निगाहें खींच ली हैं। चीन का ईरान के समर्थन का रुख और अमेरिका की इजरायल के प्रति चिंताओं ने इस संकट को और भी गहरा कर दिया है। गाजा पट्टी में इजरायल की कार्रवाई और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ इस बात का संकेत हैं कि वैश्विक समुदाय को इस संकट का समाधान खोजने के लिए गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है। जैसे-जैसे स्थिति विकसित हो रही है, यह देखना होगा कि भविष्य में इस संघर्ष का समाधान कैसे निकलता है और विश्व शांति की दिशा में क्या कदम उठाए जाते हैं।