Tuesday, December 24, 2024

दर्दनाक हादसा डूबने से पांच लड़कियों की मौत एक गंभीर

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गोरखपुर – उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले में मंगलवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया है जिसमें दो सगी बहनों समेत कुल पांच लड़कियों की डूबने से मौत हो गई है। इस हादसे के बाद परिवारों में शोक की लहर दौड़ गई है और एक लड़की की हालत गंभीर बनी हुई है।

विस्तार

संतकबीरनगर जिले के बखिरा और दुधारा क्षेत्र में यह दुखद घटना घटी। बखिरा थानाक्षेत्र के बड़गो गांव की चार लड़कियां बखिरा झील में नहाने गई थीं। इनमें से तीन लड़कियां डूब गईं और एक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, दुधारा थानाक्षेत्र के खटियावां गांव में धान की रोपाई करने गईं दो सगी बहनें भी डूब गईं, जिनकी मौत हो गई। इस हादसे ने स्थानीय समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है और कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

बखिरा क्षेत्र का हादसा

बखिरा थानाक्षेत्र के बड़गो गांव की रहने वाली पायल (12 वर्ष), मीनाक्षी (15 वर्ष), अर्चना (17 वर्ष), और काजल (14 वर्ष) मंगलवार की शाम को बखिरा झील में नहाने गई थीं। यह झील उनके गांव से थोड़ी दूरी पर स्थित है। चारों लड़कियां गहरे पानी में चली गईं और तैरने में असमर्थ रही। जब लड़कियों ने मदद के लिए चिल्लाना शुरू किया, तो मंदिर पर मौजूद कुछ ग्रामीण तुरंत झील की ओर दौड़े।

ग्रामीणों ने झील में कूदकर लड़कियों को बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक मीनाक्षी, पायल, और अर्चना की मौत हो चुकी थी। काजल को गंभीर हालत में मेंहदावल सीएचसी ले जाया गया जहां उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि काजल की स्थिति स्थिर है, लेकिन उसकी हालत गंभीर है।

दुधारा क्षेत्र का हादसा  

दूसरी घटना दुधारा थानाक्षेत्र के खटियावां गांव में हुई। यहां प्रमिला (17 वर्ष) और उर्मिला (15 वर्ष) धान की रोपाई के लिए खेत में गईं थीं। इस दौरान उनका पैर फिसल गया और खेत में स्थित तालाब में गिर गईं। तालाब में पानी काफी गहरा था, लगभग 15 फीट।

दोनों बहनें पानी में डूब गईं और जब तक ग्रामीणों ने उन्हें खोजने की कोशिश की, तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रमिला के शव को जल्दी ही बाहर निकाल लिया, लेकिन उर्मिला का शव निकालने में तीन घंटे का समय लग गया। ग्रामीणों ने इस दौरान बहुत संघर्ष किया और अंततः उर्मिला का शव भी मिल गया।

हादसे के बाद की स्थिति

हादसे की जानकारी मिलने के बाद संतकबीरनगर में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय प्रशासन ने घटनास्थल पर पहुंचकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और घायलों को चिकित्सा सुविधा प्रदान की। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और इस हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।

साथ ही, यह हादसा उस स्थिति को भी उजागर करता है जब जल सुरक्षा और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी गंभीर परिणाम ला सकती है। बखिरा झील और खटियावां के तालाब में पर्याप्त सुरक्षा उपायों का अभाव था, जिससे इस प्रकार की घटनाएं घटित हो रही हैं।

समाज और परिवारों पर प्रभाव

इन दर्दनाक घटनाओं के बाद प्रभावित परिवारों में गहरा शोक है। उन परिवारों की सदस्यों की मौत ने उनके जीवन में अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। स्थानीय समुदाय भी इस घटना से आहत है और न्याय की मांग कर रहा है।

साथ ही, यह घटना यह भी दर्शाती है कि स्थानीय प्रशासन और समाज को जल सुरक्षा के मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। सार्वजनिक जलाशयों में सुरक्षा उपायों की कमी और सतर्कता की कमी इस प्रकार के हादसों को आम बना सकती है।

संतकबीरनगर में घटित यह दर्दनाक घटना न केवल उन परिवारों के लिए एक भयानक समय है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है। जल सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता और सख्त सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर जोर देने की जरूरत है। यह समय है कि स्थानीय प्रशासन और समाज मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएं और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को इस तरह की हानि का सामना न करना पड़े।

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