Sunday, April 20, 2025

दो दिन की रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ का उत्सवी महोत्सव

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ओडिशा, पूरी: भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथयात्रा इस साल विशेष रूप से मनाई गई, जिसमें रथयात्रा का कार्यक्रम दो दिनों तक बढ़ाकर आयोजित किया गया। यह परंपरागत उत्सव, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां रथों में ले जाकर उनके जन्मस्थान, गुंडिचा मंदिर में पहुंचाई जाती हैं, ने पूरी नगरी को धूमधाम से भर दिया।

 दो दिवसीय उत्सव का समापन

रथयात्रा के अंत में, भगवान जगन्नाथ की चतुर्धा मूर्तियां अपने रथों से गुंडिचा मंदिर तक का सफर पूरा करके वापसी कर ली। इस उत्सव के दौरान, भक्तों ने हरिबोल की धूनी बजाई और भगवान के नाम की जय-जयकार की। गुंडिचा मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा अगले पांच दिनों तक रहेंगे, जहां उन्हें उनकी मां रानी गुंडिचा का सम्मान भी प्राप्त हुआ। इसके बाद, वे श्रीमंदिर में लौटेंगे, जहां 15 जुलाई को बाहुड़ा जात्रा का आयोजन है, और उसी दिन तीन महाप्रभु श्रीमंदिर में अपनी स्थानीयता स्थापित करेंगे।

ओडिशा में उत्सव की महत्वपूर्ण घटनाएँ

पूरी के अलावा, ओडिशा के कई जिलों में भी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकली। जगतसिंहपुर, रघुनाथपुर में जगन्‍नाथ मंदिर, जाजपुर में हरिपुर जगन्‍नाथ मठ और सोनपुर में बिनाका जगन्‍नाथ मंदिर और कटक जिले के आठगढ़ अटाली जगन्‍नाथ मंदिर में भी रथयात्रा की धूमधाम से रूपरेखा बनी। इन तमाम स्थानों पर भक्तिभाव से भरी रथयात्रा आयोजित की गई, जो ओडिशा के सांस्कृतिक विरासत को महसूस कराती है।

यह रथयात्रा ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है और लाखों भक्तों को एक साथ जोड़ने का माध्यम है। इस साल की रथयात्रा ने भी इस परंपरा को और विशेष बना दिया है, जबकि स्थानीय लोगों के लिए यह उत्सव आनंद और उत्साह का स्रोत रहा है।

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