धमतरी, छत्तीसगढ़ – रक्षित निरीक्षक दीपक शर्मा की बहादुरी ने एक बार फिर इंसानियत और साहस की मिसाल कायम की है। गोवा के कैंडोलिम तट पर 19 जुलाई को एक गंभीर हादसा हुआ, जिसमें तीन लोगों की जान बचाने के लिए दीपक शर्मा ने समुद्री लहरों में छलांग लगा दी। हालांकि, वह एक महिला की जान बचाने में सफल रहे, लेकिन दो अन्य की जान नहीं बचा सके। इस बहादुरी के लिए गुजराती समाज ने उनकी सराहना की और उन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
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मुंबई के गुजराती परिवार के 50 लोगों का एक समूह, जो कि 1977 बैच के स्कूल मित्र हैं, हर साल एक साथ घूमने जाते हैं। इस वर्ष उन्होंने गोवा का चयन किया। 19 जुलाई को यह समूह कैंडोलिम बीच पर सैर-सपाटा कर रहा था, जब अचानक समुद्री लहरें खतरनाक हो गईं। समूह की दो महिलाएं और एक पुरुष लहरों की चपेट में आकर गहरे समुद्र में खींचे चले गए।
दीपक शर्मा का बहादुरी भरा कदम
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला में पदस्थ रक्षित निरीक्षक दीपक शर्मा अपने परिवार के साथ गोवा घूमने गए हुए थे। उस समय वह अपने 10 माह के बच्चे को गोद में लेकर समुद्र किनारे अपने परिवार के साथ थे। अचानक बचाव की आवाज सुनकर उन्होंने अपने बच्चे को पत्नी के हवाले किया और बिना किसी देरी के समुद्री लहरों में कूद पड़े।
दीपक शर्मा ने अपनी जान की परवाह किए बिना मुंबई की कल्पना नामक महिला को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन पंकज दोषी और हर्षिता दोषी नामक दो अन्य लोग गहरे समुद्र में डूब गए। इस दौरान दीपक शर्मा भी लहरों की चपेट में आ गए थे, लेकिन साहस का परिचय देते हुए उन्होंने एक महिला की जान बचाई।
स्थानीय लोगों और गुजराती समाज की प्रतिक्रिया
दीपक शर्मा की बहादुरी की स्थानीय लोगों और गुजराती समाज ने भरपूर सराहना की। गुजराती समाज के कीर्ति शाह, प्रीतेश गांधी, योगेश गांधी ने कहा कि इस घटना ने गुजराती समाज को शोकाकुल कर दिया, लेकिन उन्हें इस बात पर गर्व है कि धमतरी के रक्षित निरीक्षक ने अपनी जान की परवाह किए बिना इस मुश्किल समय में मदद की। गुजराती समाज धमतरी ने दीपक शर्मा को सम्मानित करने का निर्णय लिया है और उनके इस साहसिक कार्य की प्रशंसा की है।
गुजराती समाज का सम्मान
मुंबई के गुजराती समाज की एक महिला की जान बचाने के लिए अदम्य साहस का परिचय देने वाले रक्षित निरीक्षक दीपक शर्मा का गुजराती समाज धमतरी ने सम्मान करने का निर्णय लिया है। गुजराती समाज के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि रक्षित निरीक्षक को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने की मांग की जाएगी। गुजराती समाज ने दीपक शर्मा की बहादुरी को सराहा और कहा कि उनका यह साहसिक कार्य सभी के लिए प्रेरणादायक है।
दीपक शर्मा का अनुभव
दीपक शर्मा ने इस घटना के बारे में बात करते हुए कहा, “जब मैंने इन लोगों को डूबते देखा तो मैंने तुरंत मदद का फैसला किया। मैंने एक महिला की जान बचा ली, लेकिन दो अन्य लोगों को नहीं बचा सका, इसका मुझे काफी अफसोस है।” उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने जो कुछ भी किया वह अपने कर्तव्य के नाते किया और उन्हें खुशी है कि वह किसी की जान बचाने में सफल रहे।
राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान की मांग
गुजराती समाज के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दीपक शर्मा की बहादुरी को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के साहसिक कार्यों को पहचान मिलनी चाहिए ताकि अन्य लोग भी इससे प्रेरित हो सकें और जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आएं। गुजराती समाज के सदस्य दीपक शर्मा के इस कार्य को लेकर गर्व महसूस कर रहे हैं और इसे एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देख रहे हैं।
धमतरी के रक्षित निरीक्षक दीपक शर्मा की यह बहादुरी भरी कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में हमें अपनी मानवता और साहस को बनाए रखना चाहिए। उनकी इस साहसिक कार्य की जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है। दीपक शर्मा ने न केवल एक महिला की जान बचाई बल्कि अपने कर्तव्य और इंसानियत की एक नई मिसाल भी कायम की। उनका यह कदम हमें यह प्रेरणा देता है कि जरूरत के समय हमें हमेशा मदद के लिए तैयार रहना चाहिए।