धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ है जिसमें एक प्राथमिक स्कूल की बाउंड्रीवाल गिरने से पहली कक्षा की छात्रा की मौत हो गई। यह घटना छुरियारा पारा स्थित प्राथमिक शाला में हुई। बच्ची स्कूल के जर्जर बाउंड्रीवाल के पास खेल रही थी जब यह हादसा हुआ। घटना के बाद कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की गई है।
घटना का विवरण
छुरियारा पारा स्थित प्राथमिक शाला में शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे, पहली कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची स्कूल गेट के पास खेल रही थी। तभी अचानक बाउंड्रीवाल का हिस्सा गिर गया और बच्ची उसके नीचे दब गई। घटना के तुरंत बाद, स्थानीय लोग और स्कूल स्टाफ बच्ची को बाइक पर अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटनास्थल पर अधिकारियों का निरीक्षण
घटना की जानकारी मिलते ही नगरी के तहसीलदार केतन भोयर, शिक्षा विभाग के बीईओ कलीराम साहू, और वार्ड पार्षद टिकेश्वर ध्रुव स्कूल पहुंचे। तहसीलदार केतन भोयर ने बताया कि बच्ची मध्यान्ह भोजन के बाद खेल रही थी जब यह हादसा हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि मृत बच्ची के परिजनों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा और मामले की जांच की जा रही है।
बाउंड्रीवाल की जर्जर स्थिति
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कलीराम साहू ने जानकारी दी कि स्कूल की बाउंड्रीवाल और गेट काफी जर्जर स्थिति में थे। उन्होंने बताया कि मध्यान्ह भोजन के बाद बच्ची गेट के पास खेल रही थी और दीवार के गिरने से यह हादसा हुआ। इस जर्जर बाउंड्रीवाल के डिस्मेंटल के लिए संबंधित विभाग को पहले ही पत्र लिखा जा चुका था, लेकिन समय पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रशासनिक कार्रवाई और जांच
घटना के बाद, अधिकारियों ने तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं। तहसीलदार केतन भोयर और बीईओ कलीराम साहू ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि बाउंड्रीवाल की स्थिति काफी खराब थी और उसे जल्द ही मरम्मत की जरूरत थी।
समुदाय में शोक और आक्रोश
इस हादसे के बाद स्थानीय समुदाय में शोक और आक्रोश की लहर है। लोगों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है। उन्होंने मांग की है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही, सभी स्कूलों की बाउंड्रीवाल की स्थिति की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है।
प्राथमिक शाला में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति
इस घटना ने प्राथमिक शालाओं में सुरक्षा व्यवस्था की गंभीरता को उजागर किया है। धमतरी जिले के अन्य स्कूलों में भी जर्जर बाउंड्रीवाल और गेट की स्थिति पर चिंता जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूलों में नियमित निरीक्षण और मरम्मत कार्य आवश्यक हैं ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूल प्रशासन को हर तीन महीने में स्कूल भवन और बाउंड्रीवाल की स्थिति का निरीक्षण करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि जर्जर बाउंड्रीवाल को तुरंत हटाने और नए बाउंड्रीवाल का निर्माण करने के लिए विशेष बजट आवंटित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, स्कूल स्टाफ और छात्रों को सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
भविष्य की योजनाएं
सरकार ने इस घटना के बाद स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए कई कदम उठाने का फैसला किया है। इसमें सभी सरकारी और निजी स्कूलों की बाउंड्रीवाल की स्थिति का निरीक्षण, मरम्मत और निर्माण कार्य की प्राथमिकता शामिल है। इसके अलावा, शिक्षा विभाग को निर्देश दिया गया है कि वे स्कूल स्टाफ और छात्रों के लिए सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें।
नतीजे और अपेक्षाएं
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि स्कूलों में सुरक्षा उपायों की अनदेखी नहीं की जा सकती। सरकार, प्रशासन और समुदाय के संयुक्त प्रयास से ही ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। धमतरी जिले के लोगों को उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा और भविष्य में बच्चों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगा।