Monday, December 23, 2024

देविका रानी: हिंदी सिनेमा की पहली एक्ट्रेस जिसने ट्रेंड सेट किया

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बॉलीवुड की पहली हीरोइन देविका रानी का करियर और योगदान

देविका रानी भारतीय सिनेमा की शुरुआती और सबसे प्रसिद्ध एक्ट्रेस थीं। 30 मार्च 1908 को विशाखापट्टनम में जन्मी देविका रानी ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अनूठी छाप छोड़ी। उन्होंने उस समय के भारतीय सिनेमा में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए, जब समाज में महिलाओं की स्थिति को लेकर कई पूर्वाग्रह थे।

लंदन से एक्टिंग की पढ़ाई और करियर की शुरुआत

देविका रानी के करियर की शुरुआत से पहले वे लंदन में एक्टिंग, म्यूजिक, और आर्ट डायरेक्शन की पढ़ाई कर चुकी थीं। 9 साल की उम्र में, उनके माता-पिता ने उन्हें इंग्लैंड भेज दिया, जहां उन्होंने स्कूल की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद, लंदन में उन्होंने एक्टिंग और म्यूजिक का कोर्स किया, साथ ही कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग और आर्ट डायरेक्शन का भी प्रशिक्षण लिया।

उनके करियर की शुरुआत 1920 के दशक में हुई। इस समय उन्होंने जर्मन सिनेमा से काफी प्रेरणा ली और हॉलीवुड ड्रामा में अपने करियर की शुरुआत की। उनके अद्वितीय काम और उनके ट्रेंड्स को देखते हुए, उन्हें “ड्रैगन लेडी” के नाम से भी जाना जाता था।

पहली ऑनस्क्रीन किस और हंगामा

देविका रानी को चर्चा में लाने वाली घटना 1933 में फिल्म ‘कर्मा’ के दौरान हुई। इस फिल्म में उन्होंने चार मिनट लंबा एक किसींग सीन किया, जिसे देखकर काफी हंगामा हुआ। यह सीन भारतीय सिनेमा में ऑनस्क्रीन किस का ट्रेंड शुरू करने वाला था। इसके बाद से देविका रानी ने भारतीय सिनेमा में कई नई दिशाएं निर्धारित कीं।

हिमांशु राय से शादी और बॉम्बे टॉकीज़ की स्थापना

लंदन में रहते हुए, देविका रानी की मुलाकात मशहूर डायरेक्टर हिमांशु राय से हुई। 1929 में दोनों ने शादी की और 1934 में भारत लौटकर अपने बड़े स्टूडियो, बॉम्बे टॉकीज़ की स्थापना की। इस स्टूडियो ने भारतीय सिनेमा की दिशा को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

1936 में, देविका रानी और हिमांशु राय ने मिलकर फिल्म ‘जीवन नैया’ बनाई, जो हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में रिलीज हुई। इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा की विकास यात्रा को और तेज किया।

नजमुल हुसैन के साथ विवाद और अशोक कुमार के साथ नई शुरुआत

देविका रानी की पेशेवर और व्यक्तिगत जिंदगी में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब वे फिल्म ‘जीवन नैया’ की शूटिंग के दौरान अपने को-एक्टर नजमुल हुसैन के साथ भाग गईं। नजमुल हुसैन के साथ उनके प्रेम संबंधों की चर्चा खूब हुई और वे अपने पति हिमांशु राय और फिल्म को छोड़कर उनके साथ भाग गईं। इस विवाद के बाद, फिल्म की शूटिंग फिर से शुरू हुई और नजमुल हुसैन की जगह अशोक कुमार को लीड रोल में कास्ट किया गया।

देविका रानी ने अशोक कुमार के साथ कई सफल फिल्में कीं, जिनमें ‘वचन’, ‘अछूत कन्या’, और ‘इज्जत’ शामिल थीं। इन फिल्मों ने भारतीय सिनेमा में एक नई दिशा प्रदान की और देविका रानी की स्टारडम को और भी मजबूत किया।

देविका रानी का योगदान और विरासत

देविका रानी ने भारतीय सिनेमा के पहले दौर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कई महत्वपूर्ण बदलाव किए। उन्होंने ऑनस्क्रीन किस का ट्रेंड शुरू किया, और उनके काम ने भारतीय सिनेमा को एक नई पहचान दी। उनकी फिल्मों ने दर्शकों को नई दृष्टि प्रदान की और भारतीय सिनेमा की गुणवत्ता को एक नया मुकाम दिया।

देविका रानी की भूमिका और उनके द्वारा किए गए योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनकी फिल्में और उनकी अनूठी शैली आज भी सिनेमा प्रेमियों के बीच चर्चित हैं और उनके काम की प्रशंसा की जाती है।

उनकी कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे एक महिला ने उस समय के सामाजिक और सांस्कृतिक बाधाओं को पार करते हुए अपनी पहचान बनाई और भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी। देविका रानी के योगदान को सिनेमा इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा।

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