Monday, December 23, 2024

दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसा 3 मिनट में मौत

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दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में शनिवार, 27 जुलाई को भारी बारिश के बाद एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत हो गई। इस हादसे ने दिल्ली के कोचिंग सेंटर्स की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। एमसीडी की एक टीम ने अवैध रूप से संचालित कई कोचिंग सेंटर्स के बेसमेंट सील कर दिए हैं।

कैसे पानी से भर गया कोचिंग सेंटर का बेसमेंट?

ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित राऊज कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में छात्रों के बैठने की व्यवस्था कुछ इस तरह थी कि भारी बारिश के चलते बाहर सड़क पर जमा पानी ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया। बताया जा रहा है कि सड़क पर बहते पानी की तेज लहरों ने बेसमेंट की खिड़कियों को तोड़ते हुए पानी अंदर दाखिल कर दिया। चश्मदीद छात्रों के अनुसार, हादसे के वक्त बेसमेंट में करीब 30-35 छात्र मौजूद थे। शाम 6 बजकर 35 मिनट पर पानी धीरे-धीरे अंदर जा रहा था, लेकिन अचानक से एक तेज लहर ने बेसमेंट को पूरी तरह से पानी से भर दिया।

बारिश की वजह से सड़क पर करीब 3 फीट पानी भरा हुआ था। पानी की इस लहर ने बेसमेंट की ऊपरी खिड़कियों को तोड़ते हुए तेजी से अंदर दाखिल किया। ठीक वैसे ही जैसे फिल्मों में दिखाया जाता है कि समंदर में डूबते जहाज के केबिन में पानी दाखिल होता है। दो मिनट के भीतर ही छात्रों के गले तक पानी पहुंच गया और 3 मिनट के अंदर बेसमेंट में 10 से 12 फुट पानी भर गया। बेसमेंट की छत की ऊंचाई 12 फीट थी, जिससे पूरे बेसमेंट में पानी लबालब भर गया। सांस लेने के लिए बिल्कुल जगह नहीं बची थी और पानी ने सभी रास्ते रोक दिए थे।

दिल्ली में कोचिंग सेंटर सुरक्षित क्यों नहीं?

2023 में दिल्ली फायर सर्विस (DFS) और एमसीडी के मुताबिक, करोल बाग, कटवारिया सराय, कालू-सराय और मुखर्जी नगर में स्थित कोचिंग सेंटर्स सुरक्षित नहीं हैं। दिल्ली में कुल 583 कोचिंग संस्थानों में से केवल 67 के पास ही अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र है। 461 कोचिंग सेंटर्स बिना फायर सेफ्टी के साथ चल रहे हैं। कोचिंग संस्थान “रिक्विसिट फायर प्रिवेंटिव एंड फायर सेफ्टी मेजरस” दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करते।

कई कोचिंग सेंटर्स ऐसी इमारतों में संचालित होते हैं जो संरचनात्मक सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते। इन क्षेत्रों में संकरी और भीड़भाड़ वाली सड़कें हैं। कई कोचिंग सेंटर्स में सिर्फ एक ही सीढ़ी होती है। सेंटर पर छात्रों की भीड़ होती है और एक कमरे में जरूरत से ज्यादा संख्या में छात्र होते हैं। बावजूद इसके, सरकार या अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठाते।

हादसे के बाद के सवाल

इस हादसे के बाद छात्रों और अभिभावकों में गहरा रोष है। छात्र सरकार पर पूरी तरह से हमलावर हैं। हादसे की वजह से सियासत भी गरमा गई है। लोग अब भी उस मंजर को याद कर सिहर उठते हैं जब अचानक से बेसमेंट में पानी घुसा था।

एमसीडी की कार्रवाई

हादसे के बाद एमसीडी की एक टीम ने अवैध रूप से संचालित कई कोचिंग सेंटरों के बेसमेंट सील कर दिए हैं। एमसीडी के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के हादसों से बचने के लिए जल्द ही एक ठोस योजना बनाई जाएगी और कोचिंग सेंटर्स की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में हुए इस हादसे ने कोचिंग सेंटर्स की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रों की सुरक्षा के लिए सरकार और प्रशासन को मिलकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे न हों। इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कोचिंग सेंटर्स के संचालन में सुरक्षा मानकों का पालन करना बेहद जरूरी है।

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