एक चौंकानेवाली खुलासा के अनुसार, दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सोने के स्मगलरों ने लंबे समय से रसूख में रहने के लिए कस्टम्स के नजरिए से बचने के लिए उनकी चालाकी का परचम लहराया। उनकी यह कार्यप्रणाली एयरलाइन के कर्मचारियों से गुप्त जानकारी का उपयोग करने और फ्रीक्वेंट फ्लायर्स को ट्रैक करने वाले एक सॉफ़्टवेयर का उपयोग करने में उत्कृष्ट थी।
स्मगलरों को यह पता चल गया था कि कस्टम्स अधिकारी एयरलाइन के कर्मचारियों के साथ मिलकर उनके गुप्त योजनाओं का पता लगा रहे हैं। इसके अलावा, कस्टम्स के पास एक ऐसा सॉफ़्टवेयर भी है जो फ्रीक्वेंट फ्लायर्स को ट्रैक करने में सहायक है। स्मगलरों को यह भी पता चल गया था कि वे अपने नाम से टिकट बुक कराने पर कस्टम्स अधिकारियों को उनकी यात्रा और उनके योजनाओं का पता चल जाता है, जिसके आधार पर वे विदेश से लौटते ही उन्हें पकड़ लेते हैं।
इन कस्टम्स की सख्त निगरानी को ध्यान में रखते हुए, स्मगलरों ने एक नई योजना तैयार की और अब भी सोने की तस्करी में लग गए। हालात की जांच जारी है, लेकिन हाल के घटनाक्रम ने स्पष्ट किया है कि कस्टम्स अधिकारियों ने 12 जून को गोल्ड स्मगलर अतीक उर रहमान को गिरफ्तार किया था। तलाशी के दौरान, उनके कब्जे में लगभग ₹29,76,802 कीमत का सोना और एक सैमसंग फोल्ड मोबाइल फोन बरामद किए गए थे, साथ ही कुछ आधार कार्ड की सॉफ़्ट कॉपी भी बरामद की गई थी।
जांच के दौरान प्रकट हुआ कि स्मगलरों ने इन फर्जी आधार कार्डों को बनाया था ताकि वे आपातकालीन नामों पर टिकट बुक करके कस्टम्स और अन्य एजेंसियों को धोखा दे सकें। इस घटना ने दिखाया कि सोने की स्मगलिंग के खिलाफ लड़ाई में लोक सुरक्षा एजेंसियाओं को सतर्क रहने की जरूरत है और इस बड़े अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कस्टम्स की शुद्धता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है