गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है, जहां विभिन्न यूजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीयूईटी के माध्यम से दाखिले होते हैं। देरी से परिणाम आने के कारण यहां की सीटों पर भी खतरा मंडरा रहा है। छात्रों को इस असमंजस से निकालने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को शीघ्र निर्णय लेने की आवश्यकता है।
बिलासपुर
देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया लंबित है, क्योंकि सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) यूजी के परिणाम अब तक जारी नहीं हुए हैं। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर के 29 विभागों में लगभग 2500 सीटों पर दाखिले भी अटके हुए हैं। सैकड़ों छात्र अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता और चिंता में हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि परिणाम में देरी उनके पूरे साल को बर्बाद कर सकती है।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित देशभर की विश्वविद्यालयों में यूजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली सीयूईटी-यूजी परीक्षा का परिणाम 30 जून को घोषित होना था। हालांकि, परिणाम में देरी के कारण छात्रों को असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे इस मोड़ पर क्या करें। निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेकर सीट पक्की करें या सीयूईटी-यूजी के नतीजों का इंतजार करें, यह निर्णय लेना कठिन हो गया है।
गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के इच्छुक छात्रों को भी इन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। रिजल्ट में देरी से छात्रों की चिंता बढ़ गई है। उन्हें साल बर्बाद होने का डर सता रहा है। अभ्यर्थियों को समझ नहीं आ रहा है कि इस मोड़ पर उन्हें क्या करना चाहिए। निजी विश्वविद्यालय में प्रवेश लेकर सीट पक्की करें या सीयूईटी-यूजी के नतीजों का इंतजार करें। छात्र बीच मझधार में खड़े हैं और उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। विडंबना यह कि विश्वविद्यालय के अधिकारी भी इस संबंध में कुछ बोल नहीं पा रहे हैं।
छात्रों की प्रतिक्रिया
कोरबा निवासी छात्र अमन कुमार का कहना है कि उन्होंने पहली बार सीयूईटी-यूजी परीक्षा दी है और उन्हें सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बी.कॉम पाठ्यक्रम में प्रवेश लेना था। अमन का कहना है, “हम बीच मझधार में खड़े हैं। दाखिला निजी विश्वविद्यालय में लें या फिर सीयूईटी रिजल्ट का इंतजार करें। निजी विश्वविद्यालय में भी अब सीटें फुल होती जा रही हैं। अगर दाखिला नहीं लिया तो हमें ड्रॉप लेना पड़ेगा। मैं यही कहूंगा कि एनटीए के भरोसे न रहें, बैकअप प्लान लेकर चलें, जिससे साल खराब न हो।”
एक अन्य छात्र निखिल डडसेना का कहना है, “सीयूईटी में प्रतियोगिता ज्यादा रहती है। पहली बार परीक्षा में शामिल हुए, कोई सही मार्गदर्शन करने वाला भी नहीं था। ऐसे में परिणाम में देरी से न सिर्फ सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने का सपना अधूरा होता दिख रहा है, बल्कि पूरा साल भी बर्बाद होने का डर है। ऐसे में यदि नंबर अच्छे नहीं आते हैं तो किसी प्राइवेट कॉलेज में ही एडमिशन लेना होगा या फिर ड्रॉप लेना पड़ेगा।”
विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया
गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा, “सीयूईटी यूजी का परिणाम एक सप्ताह के भीतर आ सकता है। बच्चों को घबराने या चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। प्रवेश नियमानुसार होंगे। एनटीए के अधिकारी पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। सभी जानकारी विश्वविद्यालय के आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाएगी।”
देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सीयूईटी यूजी के परिणाम में देरी से छात्रों के सामने गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। वे असमंजस और अनिश्चितता में हैं कि क्या करें। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के 29 विभागों में लगभग 2500 सीटों पर प्रवेश अटका हुआ है। छात्रों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे बैकअप प्लान तैयार रखें और विश्वविद्यालय प्रशासन शीघ्र निर्णय लेकर उनकी समस्याओं का समाधान करें, ताकि उनका कीमती समय बर्बाद न हो।