छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के एक गाँव में तालाब में तैरता हुआ एक कोबरा ने लोगों की ध्यान खींच लिया है। इस अद्वितीय साँप की आस्था में लोग दूर-दूर से उसे देखने के लिए पहुंच रहे हैं। गाँव के ग्रामीणों ने अब एक समिति बनाकर उसकी देखभाल का जिम्मा उठा लिया है।
वन विभाग की टीम को रोका
वन विभाग की टीम ने कोबरा को रेस्क्यू करने के लिए गाँव में आई, लेकिन उस समय ग्रामीणों की आस्था के सामने वन विभाग की टीम को रोक दिया गया। ग्रामीणों ने एक समिति बनाई और उसकी देखभाल का जिम्मा लिया।
सांप का रेस्क्यू: ग्रामीणों की संवेदनशीलता
गाँव के ग्रामीणों की संवेदनशीलता को देखते हुए वन विभाग की टीम वापस लौट गई। उनके अनुसार, सांप का रेस्क्यू करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि ग्रामीणों ने उसकी देखभाल का जिम्मा ले लिया है।
आस्था और चिंता: गाँव का माहौल
तालाब में तैरते हुए कोबरा ने ग्रामीणों की आस्था को जीवंत कर दिया है। हालांकि, कुछ लोगों की चिंता भी बढ़ गई है क्योंकि एक ग्रामीण को कोबरा ने काट लिया था।
सांप की देखभाल: समिति का जिम्मा
ग्रामीणों ने एक समिति बनाई है जिसका मुख्य उद्देश्य है सांप की देखभाल करना। उन्होंने निर्णय लिया है कि वह खुद ही उसकी देखभाल करेंगे।
सोशल मीडिया पर छाया नाग
ग्रामीणों की आस्था और सांप के चार्म से प्रेरित होकर, लोग सोशल मीडिया पर उसके फोटो और वीडियो शेयर कर रहे हैं।
गाँव के ग्रामीणों के प्रयासों से इस कोबरा की देखभाल का जिम्मा उनके कंधों पर रखा गया है। लोगों की आस्था और सांप के साथ उनकी गहरी जुड़ाव को देखते हुए, वन विभाग की चिंता भी बढ़ी है। उन्हें लगता है कि इस स्थिति को संभालने के लिए उन्हें जल्दी से कदम उठाने की आवश्यकता है।