रायपुर, 15 जुलाई 2024 – छत्तीसगढ़ में मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई तक चलेगा। 10 दिवसीय इस सत्र के लिए विधानसभा सचिवालय ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। मानसून सत्र के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 24 जुलाई को विधानसभा घेराव का निर्णय लिया है। विधानसभा घेराव को लेकर कांग्रेस ने प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए पदाधिकारियों को जिम्मेदारी भी सौंप दी है।
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Toggleमानसून सत्र की प्रमुख बातें
विधानसभा सत्र की तैयारी
विधानसभा सचिवालय ने मानसून सत्र के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। सत्र के दौरान विधायकों और अधिकारियों के लिए व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जा रहा है।
विधानसभा घेराव
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 24 जुलाई को विधानसभा घेराव का निर्णय लिया है। इसके लिए कांग्रेस ने प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है। इस घेराव के माध्यम से कांग्रेस कई मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगी।
प्रमुख मुद्दे और विधेयक
पूछे जाने वाले सवाल
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में 900 से ज्यादा सवाल पूछे जाएंगे। इनमें प्रमुख रूप से बलौदाबाजार आगजनी, खाद-बीज संकट, पंचायत, लोक निर्माण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, गृह, जल संसाधन, कृषि, वन, स्वास्थ्य आदि विभागों से संबंधित सवाल शामिल होंगे। विपक्ष ने इन सवालों के माध्यम से सरकार को घेरेने की योजना बनाई है। सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी सत्र के लिए सवालों की फेहरिस्त तैयार की है।
संशोधन विधेयक
सरकार मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण संशोधन विधेयकों पर निर्णय ले सकती है। इनमें मतांतरण संशोधन विधेयक, नक्सलवाद पुर्नवास नीति जैसे प्रमुख विधेयक शामिल हैं। इन विधेयकों के माध्यम से सरकार राज्य में बदलाव लाने की कोशिश करेगी।
वित्तीय वर्ष 2023-24 की महालेखाकर की रिपोर्ट
सत्र के दौरान वित्तीय वर्ष 2023-24 की महालेखाकर की रिपोर्ट भी सदन में प्रस्तुत की जा सकती है। यह रिपोर्ट राज्य के वित्तीय स्थिति का जायजा लेगी और आगामी नीतियों के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगी।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के घोटालों की जांच
सत्र के दौरान पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के घोटालों की जांच भी सदन में गूंजेगी। विपक्ष ने सरकार पर इन घोटालों की जांच में देरी का आरोप लगाया है और इसे प्रमुख मुद्दा बनाने की योजना बनाई है।
सत्र के दौरान प्रमुख विषय
मतांतरण संशोधन विधेयक
मतांतरण संशोधन विधेयक पर सरकार का जोर रहेगा। इस विधेयक के माध्यम से सरकार धार्मिक परिवर्तनों को नियंत्रित करने की कोशिश करेगी।
नक्सलवाद पुर्नवास नीति
नक्सलवाद पुर्नवास नीति भी इस सत्र का एक प्रमुख मुद्दा रहेगा। सरकार इस नीति के माध्यम से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को बढ़ावा देने और नक्सलवादियों के पुनर्वास की योजना बना रही है।
विभागीय सवाल
पंचायत, लोक निर्माण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, गृह, जल संसाधन, कृषि, वन, स्वास्थ्य आदि विभागों से संबंधित सवाल भी सदन में उठाए जाएंगे। विपक्ष ने इन सवालों के माध्यम से सरकार की नीतियों और कार्यों पर सवाल उठाने की योजना बनाई है।
विधानसभा सचिवालय की तैयारियां
विधानसभा सचिवालय ने मानसून सत्र के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। सत्र के दौरान विधायकों और अधिकारियों के लिए व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जा रहा है। सत्र के सुचारू संचालन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
कांग्रेस का विधानसभा घेराव
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 24 जुलाई को विधानसभा घेराव का निर्णय लिया है। कांग्रेस ने प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है। इस घेराव के माध्यम से कांग्रेस कई मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगी।
मानसून सत्र का महत्व
मानसून सत्र का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इसमें राज्य के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी और नए विधेयक पेश किए जाएंगे। सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच जोरदार बहस की संभावना है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र 22 जुलाई से 31 जुलाई तक चलेगा। 10 दिवसीय इस सत्र के लिए विधानसभा सचिवालय ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सत्र के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने 24 जुलाई को विधानसभा घेराव का निर्णय लिया है। इस सत्र में 900 से ज्यादा सवाल पूछे जाएंगे और सरकार कई महत्वपूर्ण संशोधन विधेयक पेश कर सकती है। विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दों को उठाने की योजना बनाई है। कुल मिलाकर, यह सत्र राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।