छत्तीसगढ़ में राशन कार्डों की सत्यापन प्रक्रिया में देरी के कारण लाखों परिवारों को राशन पहुंचाने में समस्या आ रही है। प्रांत के विभागीय अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश भर में कुल 76 लाख 83 हजार 426 कार्डधारी हैं, लेकिन पांच लाख 99 हजार 701 परिवारों ने अभी तक सत्यापन के लिए आवेदन नहीं किया है।
इसके अतिरिक्त, 71 लाख 22 हजार 721 कार्डधारियों का कार्ड प्रिंट हो चुका है, लेकिन अभी तक प्रदेश में केवल 94.1 प्रतिशत कार्डधारियों का सत्यापन हुआ है। राजधानी रायपुर में भी 91 हजार राशनकार्डधारियों का पता गुम है, जिससे उन्हें राशन लेने में मुश्किल हो सकती है। रायपुर के छह लाख एक हजार 735 कार्डधारियों में से 91 हजार 481 कार्डधारियों की सत्यापन प्रक्रिया अभी भी अधूरी है।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अगर कार्डधारियों ने सत्यापन नहीं कराया, तो उनके राशनकार्ड अवैध माने जाएंगे और उन्हें सरकारी राशन भी नहीं मिलेगा। इस समस्या को देखते हुए अधिकारी ने उन लोगों से अपील की है कि वे अपने कार्ड का सत्यापन जल्दी से कराएं ताकि उन्हें कोई भी असुविधा ना हो।
ग्रामीण इलाकों में सत्यापन की गति ज्यादा तेज हो चुकी है, जबकि नगरीय निकायों में यह प्रक्रिया धीमी रही है। नगरीय निकायों में 79.19 प्रतिशत आवेदन प्राप्त हुए हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में 93 प्रतिशत सत्यापन हो चुका है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारी भूपेंद्र मिश्रा ने बताया कि सत्यापन की गति में तेजी लाने के लिए विभाग ने कई प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने एप्लीकेशन और दुकानों में सत्यापन करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई है ताकि लोग अपने कार्ड को आसानी से सत्यापित करा सकें।
इस तरह, छत्तीसगढ़ में राशन कार्डों के सत्यापन की प्रक्रिया में देरी के कारण कई परिवारों को राशन नहीं मिल पा रहा है, और विभाग ने इस समस्या को हल करने के लिए सक्रिय पहल की है। लोगों से अनुरोध है कि वे अपने राशनकार्ड का सत्यापन जल्दी से कराएं ताकि उन्हें अनिवार्य राशन सुरक्षित रूप से प्राप्त हो सके।